भतीजी से फूफा बोला- मुझे ये शादी मंजूर नहीं:तुम्हारे पति को मैं रास्ते से हटा दूंगा; गुंजा बोली- मुझे बताओ कब मारोगे

भतीजी से फूफा बोला- मुझे ये शादी मंजूर नहीं:तुम्हारे पति को मैं रास्ते से हटा दूंगा; गुंजा बोली- मुझे बताओ कब मारोगे

तारीख- 10 मई जगह- औरंगाबाद में टंडवा का घुरानंद गांव शादी के जोड़े में दुल्हन बनी गुंजा मोबाइल पर किसी से बात करती है, पूछती है- ‘आप कहां हैं, सभी यहां इंतजार कर रहे हैं? उधर से आवाज आती है, ‘मैं नहीं आऊंगा, मुझे ये शादी बिल्कुल मंजूर नहीं है। अगर तुमने शादी की तो मैं ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दूंगा।’ गुंजा- ‘नहीं, ऐसा मत करो। तुम्हें पता है कि मैं पिता के दबाव में आकर शादी कर रही हूं। शादी हो जाने दो, फिर कोई रास्ता निकालते हैं।’ दूसरी ओर से आवाज आती है, ‘नहीं, भले तुम शादी कर लो, लेकिन तुम्हारे पति को मैं बहुत जल्द रास्ते से हटा दूंगा।’ गुंजा कहती है, ‘ठीक है, क्या करोगे, कैसे करोगे, मुझे बताओ।’ ये सारी बातें आरोपी पत्नी गुंजा ने पुलिस के सामने अपने कबूलनामे में कही, जिसने फूफा के प्यार में अपने पति की हत्या करवा दी। पढ़िए फूफा के लिए पति के मर्डर की कहानी पार्ट -2… 27 साल की गुंजा जिससे मोबाइल पर बात कर रही होती है, वो उसका फूफा 60 साल का जीवन सिंह था। दोनों के बीच बातचीत खत्म होती है और फिर गुंजा फेरे लेने के लिए मंडप में जाती है। हालांकि, वो माता-पिता और पंडित के कहे के मुताबिक, सब कुछ कर रही होती है, लेकिन वह अपने मन में होने वाले पति प्रियांशु की हत्या की प्लानिंग कर रही होती है। वह सोचती है कि आखिर प्रियांशु से छुटकारा कैसे मिलेगा। जैसे-जैसे रात गुजरती है, गुंजा और प्रियांशु की शादी हो जाती है। प्रियांशु 11 मई की सुबह गुंजा को लेकर अपने घर नबीनगर के लिए रवाना हो जाता है। यहां प्रियांशु की मां गुंजा का रस्मों के साथ स्वागत करती है और फिर बहू को देखकर कहती है कि आज से ये तुम्हारा घर है। इसे संभालना, संवारना आज से तुम्हारी जिम्मेदारी। शायद प्रियांशु की मां को इसकी भनक भी नहीं थी कि वो जिसे अपना हंसता खेलता घर सौंप रही है, वो उसे बर्बाद कर देगी। हुआ भी कुछ ऐसा ही, गुंजा ने अपने प्रेमी फूफा जीवन के साथ मिलकर 24 जून को शूटर्स से गोली मरवाकर अपने पति प्रियांशु की हत्या करा दी। शादी के 10 दिनों तक गुंजा की फूफा से नहीं हुई बात ससुराल जाने के बाद गुंजा ने करीब 10 दिनों तक जीवन से बस हालचाल लेती थी, लेकिन ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। कारण था- घर में मेहमानों का जमावड़ा थी। हर वक्त गुंजा के पास कोई न कोई मौजूद रहता था। नई नवेली दुल्हन होने की वजह से वो कमरे से भी ज्यादा नहीं निकल पाती थी, न ही रात को छत पर जा पाती थी। 10 दिनों में गुंजा ने कई बार जीवन को फोन करने की कोशिश भी की, लेकिन उसे डर था कि कोई उसकी बात सुन न ले। हालांकि, धीरे-धीरे मेहमानों के जाने के बाद घर खाली हो गया। प्रियांशु भी दिन में अपने काम से निकल जाता था। ससुर का निधन हो गया था, सास बुजुर्ग थी तो घर के काम में बिजी रहती थी। प्रियांशु का बड़ा भाई औरंगाबाद शहर में रहता था, आखिर में वो भी अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर शहर वाले मकान में चला गया। फूफा ने गुंजा को बताया- प्रियांशु की हत्या के लिए शूटर हायर किए घर से रिश्तेदारों के जाने के बाद ये देखकर गुंजा ने जीवन को फोन करना शुरू किया और फिर बात शादी वाले दिन से ही शुरू हुई। गुंजा ने पूछा- ‘आखिर तुम क्या करने वाले हो और कैसे करने वाले हो।’ इसके जवाब में जीवन ने बताया- ‘उसने झारखंड के गढ़वा के रहने वाले दो शूटरों से बातचीत की है।’ जीवन ने बताया कि उसने दो शूटर जयशंकर चौबे और मुकेश शर्मा से बातचीत की है। कुछ पैसा अभी देना होगा, कुछ काम हो जाने के बाद। इसके बाद जीवन ने गुंजा से कहा कि तुम बस एक काम करो, प्रियांशु की एक तस्वीर मुझे भेज दो, ताकि मैं उसे जयशंकर और मुकेश को दिखा सकूं। ये कहने के बाद गुंजा ने प्रियांशु की तस्वीर तत्काल भेज दी। इसके बाद गुंजा ने जीवन से पूछा- ‘कब और कैसे वारदात को अंजाम देना है।’ उसने बताया कि इसके लिए थोड़ा टाइम लगेगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब 20 मई से लगातार गुंजा और जीवन एक दूसरे के संपर्क में थे। इसी दौरान जीवन ने गुंजा को हत्या की प्लानिंग शेयर की। ‘किसी बहाने से प्रियांशु को भेजो, शूटर्स गोली मारकर काम तमाम कर देंगे’ जीवन ने गुंजा को बताया, ‘मैंने दोनों शूटर्स को प्रियांशु की तस्वीर दिखा दी है। अब जब वो काम खत्म करने की बात कहेंगे, तो उस दिन तुम किसी बहाने से प्रियांशु को घर से बाहर भेज देना और मुझे लोकेशन बता देना। ‘फिर घर के बाहर से ही दोनों शूटर्स प्रियांशु का पीछा करेंगे और सुनसान जगह देखकर उसकी हत्या कर देंगे।’ जीवन ने ये भी बताया, ‘दोनों शूटर्स ने तुम्हारे घर की रेकी भी कर ली है। उन्होंने तमाम रास्ते देख लिए हैं। बस जब वो बताएंगे, तब तुम प्रियांशु को घर से बाहर भेज देना।’ 21 जून- शूटर्स ने कहा, ‘काम खत्म करने का वक्त आ गया है। इसके बाद इसकी जानकारी जीवन ने गुंजा को दी। गुंजा ने कहा, ‘ठीक है, मैं मिठाई लेने के बहाने कल शाम को प्रियांशु को बाजार भेजूंगी, तुम देख लेना।’ 22 जून- शाम को गुंजा ने प्रियांशु से कहा, ‘मेरा भाई आने वाला है, आप बाजार से मिठाई लेते आइए।’ इसके बाद प्रियांशु बाजार चला गया, लेकिन बाजार में ज्यादा भीड़ होने की वजह से दोनों शूटर्स वारदात को अंजाम नहीं दे पाए और प्रियांशु सही सलामत घर आ गया। 23 जून- प्रियांशु ने गुंजा को बताया, ‘वो किसी काम से वाराणसी जा रहा है, कल लौट आएगा।’ इस बात की जानकारी गुंजा ने जीवन को दे दी। फिर जीवन ने बातें शूटर्स को बताई। 24 जून- ‘शाम को जब प्रियांशु शाम 7 बजे वाराणसी से लौटा तो अपने चचेरे भाई और एक अन्य जानने वाले को कॉल करके कहा कि तुम लोग रेलवे स्टेशन आ जाओ, बाजार होते हुए घर चलेंगे। इसके बाद प्रियांशु अपने दोनों जानने वालों सोनू और अंकित के साथ स्टेशन से बाजार होते हुए घर आ रहा था। तभी दोनों शूटर्स ने नबीनगर थाना क्षेत्र के लेंबोखाप गांव के पास इशारा करके बाइक रुकवाई और बाइक प्रियांशु ही चला रहा था। दोनों शूटर्स ने प्रियांशु से पूछा- देवराज बिगहा गांव किधर है और कितनी दूर है। प्रियांशु ने बताया- आप लोग सीधे 2 किलोमीटर और आगे चले जाइए। इतना कहने के बाद दूसरी बाइक पर पीछे बैठे शूटर ने ताबड़तोड़ 7 से 8 राउंड फायरिंग की, जिसमें से चार गोली प्रियांशु के सिर में लगी। CDR रिपोर्ट के आधार पर गुंजा को किया गिरफ्तार 25 जून को उसके भाई हिमांशु ने मामला दर्ज कराया। पुलिस ने हिमांशु के आवेदन के आधार पर अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की। इसके बाद हिमांशु के साथ स्टेशन गए सोनू और अंकित को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया। दोनों से चार दिनों तक पूछताछ चलती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उधर, सोनू और अंकित से पूछताछ के बीच पुलिस ने घटनास्थल और आसपास एक्टिव मोबाइल के डंप निकाले, जिसमें सैंकड़ों मोबाइल नंबर का पता चला। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल्स को खंगालना शुरू किया। करीब चार दिनों बाद यानी 30 जून को पुलिस को घटनास्थल पर एक्टिव एक मोबाइल में गुंजा की पत्नी का मोबाइल नंबर मिला और एक अन्य नंबर मिला, जिस पर गुंजा के साथ-साथ एक अन्य व्यक्ति ने कॉल किया था। ये नंबर जीवन का था। कॉल डिटेल्स से मिले सुराग के बाद पुलिस ने 1 जुलाई को गुंजा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। उसके कमरे की तलाशी भी ली गई। कमरे से दो मोबाइल बरामद किया गया। इनमें से एक मोबाइल नंबर से घटनास्थल पर मिले एक्टिव मोबाइल नंबर कॉल किया गया था। एक जुलाई को ही घटनास्थल पर एक्टिव एक अन्य मोबाइल नंबर की डिटेल के आधार पर दो लोगों को गढ़वा से गिरफ्तार किया। 2 जुलाई को पुलिस की एक टीम गुंजा के फूफा जीवन प्रकाश सिंह से पूछताछ के लिए डाल्टनगंज स्थित उसके आवास पर गई, लेकिन आरोपी जीवन प्रकाश सिंह फरार हो चुका था। गुंजा के अलावा, गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों में से एक मुकेश शर्मा की मोबाइल शॉप है, जहां से जयशंकर चौबे ने तीन सिमकार्ड 5000-5000 हजार में खरीदे थे। चौबे ने ही ये सिमकार्ड दोनों शूटर्स को उपलब्ध कराए थे। पूछताछ में मुकेश शर्मा ने पुलिस को बताया है, ‘मैंने लालच में आकर अपने आईडी कार्ड पर सिमकार्ड लेकर जयशंकर चौबे को दे दिया था।’ दोनों शूटर्स, आरोपी जीवन की तलाश जारी थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रियांशु हत्याकांड में आरोपी गुंजा के फूफा जीवन प्रकाश सिंह और घटना को अंजाम देने वाले दोनों शूटर्स की तलाश जारी है। हत्याकांड में तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नोट- पूरी कहानी पुलिस से पूछताछ में गुंजा के कबूलनामे पर आधारित। तारीख- 10 मई जगह- औरंगाबाद में टंडवा का घुरानंद गांव शादी के जोड़े में दुल्हन बनी गुंजा मोबाइल पर किसी से बात करती है, पूछती है- ‘आप कहां हैं, सभी यहां इंतजार कर रहे हैं? उधर से आवाज आती है, ‘मैं नहीं आऊंगा, मुझे ये शादी बिल्कुल मंजूर नहीं है। अगर तुमने शादी की तो मैं ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दूंगा।’ गुंजा- ‘नहीं, ऐसा मत करो। तुम्हें पता है कि मैं पिता के दबाव में आकर शादी कर रही हूं। शादी हो जाने दो, फिर कोई रास्ता निकालते हैं।’ दूसरी ओर से आवाज आती है, ‘नहीं, भले तुम शादी कर लो, लेकिन तुम्हारे पति को मैं बहुत जल्द रास्ते से हटा दूंगा।’ गुंजा कहती है, ‘ठीक है, क्या करोगे, कैसे करोगे, मुझे बताओ।’ ये सारी बातें आरोपी पत्नी गुंजा ने पुलिस के सामने अपने कबूलनामे में कही, जिसने फूफा के प्यार में अपने पति की हत्या करवा दी। पढ़िए फूफा के लिए पति के मर्डर की कहानी पार्ट -2… 27 साल की गुंजा जिससे मोबाइल पर बात कर रही होती है, वो उसका फूफा 60 साल का जीवन सिंह था। दोनों के बीच बातचीत खत्म होती है और फिर गुंजा फेरे लेने के लिए मंडप में जाती है। हालांकि, वो माता-पिता और पंडित के कहे के मुताबिक, सब कुछ कर रही होती है, लेकिन वह अपने मन में होने वाले पति प्रियांशु की हत्या की प्लानिंग कर रही होती है। वह सोचती है कि आखिर प्रियांशु से छुटकारा कैसे मिलेगा। जैसे-जैसे रात गुजरती है, गुंजा और प्रियांशु की शादी हो जाती है। प्रियांशु 11 मई की सुबह गुंजा को लेकर अपने घर नबीनगर के लिए रवाना हो जाता है। यहां प्रियांशु की मां गुंजा का रस्मों के साथ स्वागत करती है और फिर बहू को देखकर कहती है कि आज से ये तुम्हारा घर है। इसे संभालना, संवारना आज से तुम्हारी जिम्मेदारी। शायद प्रियांशु की मां को इसकी भनक भी नहीं थी कि वो जिसे अपना हंसता खेलता घर सौंप रही है, वो उसे बर्बाद कर देगी। हुआ भी कुछ ऐसा ही, गुंजा ने अपने प्रेमी फूफा जीवन के साथ मिलकर 24 जून को शूटर्स से गोली मरवाकर अपने पति प्रियांशु की हत्या करा दी। शादी के 10 दिनों तक गुंजा की फूफा से नहीं हुई बात ससुराल जाने के बाद गुंजा ने करीब 10 दिनों तक जीवन से बस हालचाल लेती थी, लेकिन ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। कारण था- घर में मेहमानों का जमावड़ा थी। हर वक्त गुंजा के पास कोई न कोई मौजूद रहता था। नई नवेली दुल्हन होने की वजह से वो कमरे से भी ज्यादा नहीं निकल पाती थी, न ही रात को छत पर जा पाती थी। 10 दिनों में गुंजा ने कई बार जीवन को फोन करने की कोशिश भी की, लेकिन उसे डर था कि कोई उसकी बात सुन न ले। हालांकि, धीरे-धीरे मेहमानों के जाने के बाद घर खाली हो गया। प्रियांशु भी दिन में अपने काम से निकल जाता था। ससुर का निधन हो गया था, सास बुजुर्ग थी तो घर के काम में बिजी रहती थी। प्रियांशु का बड़ा भाई औरंगाबाद शहर में रहता था, आखिर में वो भी अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर शहर वाले मकान में चला गया। फूफा ने गुंजा को बताया- प्रियांशु की हत्या के लिए शूटर हायर किए घर से रिश्तेदारों के जाने के बाद ये देखकर गुंजा ने जीवन को फोन करना शुरू किया और फिर बात शादी वाले दिन से ही शुरू हुई। गुंजा ने पूछा- ‘आखिर तुम क्या करने वाले हो और कैसे करने वाले हो।’ इसके जवाब में जीवन ने बताया- ‘उसने झारखंड के गढ़वा के रहने वाले दो शूटरों से बातचीत की है।’ जीवन ने बताया कि उसने दो शूटर जयशंकर चौबे और मुकेश शर्मा से बातचीत की है। कुछ पैसा अभी देना होगा, कुछ काम हो जाने के बाद। इसके बाद जीवन ने गुंजा से कहा कि तुम बस एक काम करो, प्रियांशु की एक तस्वीर मुझे भेज दो, ताकि मैं उसे जयशंकर और मुकेश को दिखा सकूं। ये कहने के बाद गुंजा ने प्रियांशु की तस्वीर तत्काल भेज दी। इसके बाद गुंजा ने जीवन से पूछा- ‘कब और कैसे वारदात को अंजाम देना है।’ उसने बताया कि इसके लिए थोड़ा टाइम लगेगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब 20 मई से लगातार गुंजा और जीवन एक दूसरे के संपर्क में थे। इसी दौरान जीवन ने गुंजा को हत्या की प्लानिंग शेयर की। ‘किसी बहाने से प्रियांशु को भेजो, शूटर्स गोली मारकर काम तमाम कर देंगे’ जीवन ने गुंजा को बताया, ‘मैंने दोनों शूटर्स को प्रियांशु की तस्वीर दिखा दी है। अब जब वो काम खत्म करने की बात कहेंगे, तो उस दिन तुम किसी बहाने से प्रियांशु को घर से बाहर भेज देना और मुझे लोकेशन बता देना। ‘फिर घर के बाहर से ही दोनों शूटर्स प्रियांशु का पीछा करेंगे और सुनसान जगह देखकर उसकी हत्या कर देंगे।’ जीवन ने ये भी बताया, ‘दोनों शूटर्स ने तुम्हारे घर की रेकी भी कर ली है। उन्होंने तमाम रास्ते देख लिए हैं। बस जब वो बताएंगे, तब तुम प्रियांशु को घर से बाहर भेज देना।’ 21 जून- शूटर्स ने कहा, ‘काम खत्म करने का वक्त आ गया है। इसके बाद इसकी जानकारी जीवन ने गुंजा को दी। गुंजा ने कहा, ‘ठीक है, मैं मिठाई लेने के बहाने कल शाम को प्रियांशु को बाजार भेजूंगी, तुम देख लेना।’ 22 जून- शाम को गुंजा ने प्रियांशु से कहा, ‘मेरा भाई आने वाला है, आप बाजार से मिठाई लेते आइए।’ इसके बाद प्रियांशु बाजार चला गया, लेकिन बाजार में ज्यादा भीड़ होने की वजह से दोनों शूटर्स वारदात को अंजाम नहीं दे पाए और प्रियांशु सही सलामत घर आ गया। 23 जून- प्रियांशु ने गुंजा को बताया, ‘वो किसी काम से वाराणसी जा रहा है, कल लौट आएगा।’ इस बात की जानकारी गुंजा ने जीवन को दे दी। फिर जीवन ने बातें शूटर्स को बताई। 24 जून- ‘शाम को जब प्रियांशु शाम 7 बजे वाराणसी से लौटा तो अपने चचेरे भाई और एक अन्य जानने वाले को कॉल करके कहा कि तुम लोग रेलवे स्टेशन आ जाओ, बाजार होते हुए घर चलेंगे। इसके बाद प्रियांशु अपने दोनों जानने वालों सोनू और अंकित के साथ स्टेशन से बाजार होते हुए घर आ रहा था। तभी दोनों शूटर्स ने नबीनगर थाना क्षेत्र के लेंबोखाप गांव के पास इशारा करके बाइक रुकवाई और बाइक प्रियांशु ही चला रहा था। दोनों शूटर्स ने प्रियांशु से पूछा- देवराज बिगहा गांव किधर है और कितनी दूर है। प्रियांशु ने बताया- आप लोग सीधे 2 किलोमीटर और आगे चले जाइए। इतना कहने के बाद दूसरी बाइक पर पीछे बैठे शूटर ने ताबड़तोड़ 7 से 8 राउंड फायरिंग की, जिसमें से चार गोली प्रियांशु के सिर में लगी। CDR रिपोर्ट के आधार पर गुंजा को किया गिरफ्तार 25 जून को उसके भाई हिमांशु ने मामला दर्ज कराया। पुलिस ने हिमांशु के आवेदन के आधार पर अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की। इसके बाद हिमांशु के साथ स्टेशन गए सोनू और अंकित को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया। दोनों से चार दिनों तक पूछताछ चलती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उधर, सोनू और अंकित से पूछताछ के बीच पुलिस ने घटनास्थल और आसपास एक्टिव मोबाइल के डंप निकाले, जिसमें सैंकड़ों मोबाइल नंबर का पता चला। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल्स को खंगालना शुरू किया। करीब चार दिनों बाद यानी 30 जून को पुलिस को घटनास्थल पर एक्टिव एक मोबाइल में गुंजा की पत्नी का मोबाइल नंबर मिला और एक अन्य नंबर मिला, जिस पर गुंजा के साथ-साथ एक अन्य व्यक्ति ने कॉल किया था। ये नंबर जीवन का था। कॉल डिटेल्स से मिले सुराग के बाद पुलिस ने 1 जुलाई को गुंजा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। उसके कमरे की तलाशी भी ली गई। कमरे से दो मोबाइल बरामद किया गया। इनमें से एक मोबाइल नंबर से घटनास्थल पर मिले एक्टिव मोबाइल नंबर कॉल किया गया था। एक जुलाई को ही घटनास्थल पर एक्टिव एक अन्य मोबाइल नंबर की डिटेल के आधार पर दो लोगों को गढ़वा से गिरफ्तार किया। 2 जुलाई को पुलिस की एक टीम गुंजा के फूफा जीवन प्रकाश सिंह से पूछताछ के लिए डाल्टनगंज स्थित उसके आवास पर गई, लेकिन आरोपी जीवन प्रकाश सिंह फरार हो चुका था। गुंजा के अलावा, गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों में से एक मुकेश शर्मा की मोबाइल शॉप है, जहां से जयशंकर चौबे ने तीन सिमकार्ड 5000-5000 हजार में खरीदे थे। चौबे ने ही ये सिमकार्ड दोनों शूटर्स को उपलब्ध कराए थे। पूछताछ में मुकेश शर्मा ने पुलिस को बताया है, ‘मैंने लालच में आकर अपने आईडी कार्ड पर सिमकार्ड लेकर जयशंकर चौबे को दे दिया था।’ दोनों शूटर्स, आरोपी जीवन की तलाश जारी थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रियांशु हत्याकांड में आरोपी गुंजा के फूफा जीवन प्रकाश सिंह और घटना को अंजाम देने वाले दोनों शूटर्स की तलाश जारी है। हत्याकांड में तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नोट- पूरी कहानी पुलिस से पूछताछ में गुंजा के कबूलनामे पर आधारित।  

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