मुंगेर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। बिहार योग विद्यालय के पादुका दर्शन आश्रम में आयोजित योग शिविर में नगर के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। उन्होंने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया। स्वामी शिव ध्यानम सरस्वती ने जीवन में संबंधों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने बुद्धि, भावना और कर्म में तालमेल की बात की। साथ ही, प्रकृति और धरती मां के प्रति सम्मान का संदेश दिया। मंत्र और आसन का किया अभ्यास बिहार योग विद्यालय की वार्षिक साधना ने योग साधकों को विशेष प्रेरणा दी। इसमें शरीर, मन और भावनाओं को सकारात्मकता से जोड़ने पर ध्यान दिया गया। कार्यक्रम में मंत्र, आसन और प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। इनमें यम-नियम ध्यान भी सम्मिलित था, जो स्वामी निरंजनानंद सरस्वती की प्रेरणा से करवाया गया। घर के छत-आंगन तक योग इस कार्यक्रम में मुंगेर के नागरिक और आस-पास के ग्रामीण शामिल हुए। ‘आश्रम के प्रांगण से घर के छत-आंगन तक योग’ नामक पहल में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। योग प्रेमियों को घर की छत, आंगन या खुली जगह पर परिवार के साथ योगाभ्यास के लिए प्रेरित किया गया। इस अनूठी पहल में लोगों को एक निश्चित समय पर एकजुट होकर योगाभ्यास करने को कहा गया। इससे योग की सरलता और उपयोगिता का अनुभव मिला। साथ ही नियमित योगाभ्यास के लिए प्रेरणा भी मिली। मुंगेर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। बिहार योग विद्यालय के पादुका दर्शन आश्रम में आयोजित योग शिविर में नगर के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। उन्होंने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया। स्वामी शिव ध्यानम सरस्वती ने जीवन में संबंधों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने बुद्धि, भावना और कर्म में तालमेल की बात की। साथ ही, प्रकृति और धरती मां के प्रति सम्मान का संदेश दिया। मंत्र और आसन का किया अभ्यास बिहार योग विद्यालय की वार्षिक साधना ने योग साधकों को विशेष प्रेरणा दी। इसमें शरीर, मन और भावनाओं को सकारात्मकता से जोड़ने पर ध्यान दिया गया। कार्यक्रम में मंत्र, आसन और प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। इनमें यम-नियम ध्यान भी सम्मिलित था, जो स्वामी निरंजनानंद सरस्वती की प्रेरणा से करवाया गया। घर के छत-आंगन तक योग इस कार्यक्रम में मुंगेर के नागरिक और आस-पास के ग्रामीण शामिल हुए। ‘आश्रम के प्रांगण से घर के छत-आंगन तक योग’ नामक पहल में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। योग प्रेमियों को घर की छत, आंगन या खुली जगह पर परिवार के साथ योगाभ्यास के लिए प्रेरित किया गया। इस अनूठी पहल में लोगों को एक निश्चित समय पर एकजुट होकर योगाभ्यास करने को कहा गया। इससे योग की सरलता और उपयोगिता का अनुभव मिला। साथ ही नियमित योगाभ्यास के लिए प्रेरणा भी मिली।
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