पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी का निधन:सबसे ताकतवर उपराष्ट्रपति कहलाए, चेनी की सलाह पर ही इराक पर हमला हुआ था

पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी का निधन:सबसे ताकतवर उपराष्ट्रपति कहलाए, चेनी की सलाह पर ही इराक पर हमला हुआ था

पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। परिवार ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि डिक चेनी का निधन निमोनिया और दिल से जुड़ी बीमारी की वह से हुआ। चेनी 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में पद पर रहे। उन्हें अमेरिका का सबसे ताकतवर उपराष्ट्रपति कहा जाता था। उन्होंने ही दावा किया था कि इराक के पास घातक हथियार हैं। उनकी सलाह पर ही राष्ट्रपति बुश ने इराक पर हमला करने का आदेश दिया है। आखिरी कुछ सालों में वे पार्टी में अलग-थलग पड़ गए थे क्योंकि उन्होंने ट्रम्प को ‘कायर’ और अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी पार्टी की नेता कमला हैरिस को वोट दिया था। 5 बार दिल का दौरा पड़ा, डॉक्टरों ने मिसाल बताया चेनी लगभग अपनी पूरी जिंदगी में दिल से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहे। उन्हें 1978 से 2010 के बीच 5 बार दिल के दौरे पड़े। पहली बार उन्हें 37 साल की उम्र में अटैक आया था। आखिरी बार 2010 में उन्हें अटैक आया था जिसके बाद 2012 में उनका हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ। वह 2001 से अपने दिल की धड़कन को कंट्रोल करने के लिए एक मशीन पहन रहे थे। इसे उन्होंने ‘विज्ञान का चमत्कार’ कहा था। वहीं, डॉक्टरों ने उन्हें जिंदा रहने का मिसाल बताया था क्योंकि ज्यादातर मरीज इतनी बार अटैक आने के बाद जिंदा नहीं रह पाते थे। पढ़ाई में कमजोर थे, कॉलेज से निकाले गए
रिचर्ड ब्रूस चेनी का जन्म 30 जनवरी 1941 को नेब्रास्का में हुआ। उन्होंने वायोमिंग में परवरिश पाई और वहीं अपनी स्कूल की प्रेमिका लिन विन्सेंट से शादी की। चेनी येल यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए लेकिन पढ़ाई में कमजोर प्रदर्शन के कारण उन्हें निकाल दिया गया। बाद में उन्होंने मेहनत करके यूनिवर्सिटी ऑफ वायोमिंग से राजनीति विज्ञान में बीए और एमए किया। वे राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल में वाशिंगटन की राजनीति में दाखिल हुए और बाद में राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड के चीफ ऑफ स्टाफ बने। 1978 में वायोमिंग से कांग्रेस के लिए चुने गए और छह बार लगातार जीत हासिल की। 1989 में राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने उन्हें रक्षा मंत्री बनाया। इसी दौरान उन्होंने 1991 के ‘गल्फ वॉर’ में कुवैत से इराकी सेना को खदेड़ने की जिम्मेदारी संभाली। बिल क्लिंटन के कार्यकाल में वे हॉलिबर्टन कंपनी के CEO बने। 2000 में जब जॉर्ज डब्ल्यू. बुश राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने तो चेनी को उपराष्ट्रपति चुना गया खबर अपडेट हो रही है…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *