समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को एक माह की पैरोल मिली है। शासन ने यह अनुमति उनके भाई और बहन के उपचार के लिए दी है। फिलहाल गायत्री लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में न्यायिक अभिरक्षा में भर्ती हैं। पैरोल आदेश में स्पष्ट किया गया है कि तय अवधि पूरी होने पर उन्हें जेल में वापस रिपोर्ट करनी होगी, अन्यथा कार्रवाई होगी। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता और पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में खनन मंत्री रहे समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को उत्तर प्रदेश शासन ने एक माह की पैरोल (दंड का अस्थायी निलंबन) स्वीकृत की है। आदेश शुक्रवार को जारी किया गया। गायत्री प्रसाद प्रजापति फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें अपने बड़े भाई छेदीराम और छोटी बहन धनपति (निवासी ग्राम परसांवा, अमेठी) के इलाज के लिए अस्थायी राहत दी गई है। कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग-3 की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पैरोल अवधि पूरी होने के बाद गायत्री को नियत तिथि पर जेल में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। शासन का आदेश और शर्तें उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव अनीस अख्तर अंसारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह पैरोल सीआरपीसी की धारा 432 के तहत दी गई है। इसमें यह भी निर्देश दिया गया है कि पैरोल अवधि में गायत्री को अच्छे आचरण और शांति बनाए रखने की शर्त पर छोड़ा जाएगा। उन्हें दो जमानतें और एक निजी मुचलका दाखिल करना होगा। पैरोल के दौरान उन्हें अपने निवास स्थान के थाने में नियमित उपस्थिति की सूचना देनी होगी। पैरोल अवधि समाप्त होने पर जेल में वापस रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर और उनके जमानतदारों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह पैरोल अवधि कटी हुई सजा में नहीं जोड़ी जाएगी, यानी इस दौरान की छूट उनकी कुल सजा में समाहित नहीं होगी। हमले के बाद अस्पताल में भर्ती बीते दिनों गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जेल में सफाई करने वाले बंदी विश्वास ने लोहे की रॉड से हमला कर दिया था। इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए थे। पहले उन्हें जेल अस्पताल से केजीएमयू लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। खनन घोटाले में भी जांच के घेरे में गायत्री प्रसाद प्रजापति बहुचर्चित खनन घोटाले के आरोपी भी हैं। इस मामले में उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है। खनन विभाग में मंत्री रहते हुए उन्होंने कथित रूप से खनन पट्टों के आवंटन में अनियमितताएं की थीं, जिसके चलते उन्हें जांच एजेंसियों ने घेरे में लिया है। शासन ने दी चेतावनी आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि गायत्री प्रसाद प्रजापति निर्धारित अवधि में वापस नहीं लौटते, तो वे भविष्य में किसी भी अवधि या सदा के लिए पैरोल पाने के अधिकारी नहीं होंगे।साथ ही शासन ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि पैरोल की तिथि और पुनः जेल में वापसी की सूचना उसी दिन शासन और महानिरीक्षक कारागार को भेजी जाए।


