समस्तीपुर में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव:केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर ‘राजनीतिक हत्या’ का आरोप, कहा- आरएलएम ने सीट मर्जी से नहीं ली

समस्तीपुर में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव:केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर ‘राजनीतिक हत्या’ का आरोप, कहा- आरएलएम ने सीट मर्जी से नहीं ली

समस्तीपुर में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उजियारपुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर पार्टी कार्यकर्ताओं की “राजनीतिक हत्या” करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह घोषणा तब हुई जब उजियारपुर सीट एनडीए घटक दल आरएलएम के खाते में चली गई, जिससे उपेंद्र कुशवाहा को टिकट नहीं मिला। वर्तमान में भाजपा बीस सूत्री के सदस्य कुशवाहा ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नित्यानंद राय शुरू से ही पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नित्यानंद राय पूरे बिहार में सीट शेयरिंग में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, और चूंकि उजियारपुर उनका संसदीय क्षेत्र है, इसलिए इस स्थिति के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। आरएलएम ने यह सीट अपनी मर्जी से नहीं ली उन्होंने दावा किया कि आरएलएम ने यह सीट अपनी मर्जी से नहीं ली, बल्कि नित्यानंद राय ने उन्हें जबरदस्ती दी है। कुशवाहा ने 2020 के चुनावों का भी जिक्र किया, जब नित्यानंद राय ने कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिया था। उस समय जिलाध्यक्ष रहते हुए कुशवाहा ने जब इस बारे में पूछा था, तो राय ने कहा था कि कोई भी कार्यकर्ता चुनाव लड़ने लायक नहीं है। कुशवाहा ने कहा कि 2020 में भी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि वह एक साल पहले से ही इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और नित्यानंद राय से कार्यकर्ताओं पर विश्वास करने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उपेंद्र कुशवाहा ने दोहराया कि उजियारपुर सीट जबरन आरएलएम को दी गई है, और उन्होंने अपनी मर्जी से यह सीट नहीं ली है। समस्तीपुर में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उजियारपुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर पार्टी कार्यकर्ताओं की “राजनीतिक हत्या” करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह घोषणा तब हुई जब उजियारपुर सीट एनडीए घटक दल आरएलएम के खाते में चली गई, जिससे उपेंद्र कुशवाहा को टिकट नहीं मिला। वर्तमान में भाजपा बीस सूत्री के सदस्य कुशवाहा ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नित्यानंद राय शुरू से ही पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नित्यानंद राय पूरे बिहार में सीट शेयरिंग में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, और चूंकि उजियारपुर उनका संसदीय क्षेत्र है, इसलिए इस स्थिति के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। आरएलएम ने यह सीट अपनी मर्जी से नहीं ली उन्होंने दावा किया कि आरएलएम ने यह सीट अपनी मर्जी से नहीं ली, बल्कि नित्यानंद राय ने उन्हें जबरदस्ती दी है। कुशवाहा ने 2020 के चुनावों का भी जिक्र किया, जब नित्यानंद राय ने कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिया था। उस समय जिलाध्यक्ष रहते हुए कुशवाहा ने जब इस बारे में पूछा था, तो राय ने कहा था कि कोई भी कार्यकर्ता चुनाव लड़ने लायक नहीं है। कुशवाहा ने कहा कि 2020 में भी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि वह एक साल पहले से ही इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और नित्यानंद राय से कार्यकर्ताओं पर विश्वास करने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उपेंद्र कुशवाहा ने दोहराया कि उजियारपुर सीट जबरन आरएलएम को दी गई है, और उन्होंने अपनी मर्जी से यह सीट नहीं ली है।  

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