संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने मंगलवार को जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि दुनियाभर की सरकारों द्वारा किए गए जलवायु वादों पर अमल के चलते अगले दशक में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 10% की कमी आने की उम्मीद है। यह पहला मौका है जब यूएन ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में किसी ठोस गिरावट के अनुमान की बात कही है। यह रिपोर्ट अगले महीने ब्राज़ील में होने वाले कॉप-30 जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले जारी की गई है।
64 देशों की योजनाओं के विश्लेषण से हुआ खुलासा
यूएनएफसीसीसी की एनडीसी (नेशनली डिटर्माइन्ड कॉन्ट्रीब्यूशन) सिन्थेसिस रिपोर्ट के अनुसार 64 देशों की उत्सर्जन कटौती से संबंधित योजनाओं के विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है। हालांकि यह प्रगति उत्साहजनक है, लेकिन रिपोर्ट चेतावनी देती है कि तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने के लिए काफी नहीं और 60% की कटौती ज़रूरी है।
बिल गेट्स का यू टर्न
इसी बीच जलवायु परिवर्तन से दुनिया की तबाही के आशय वाली किताब लिखने वाले अरबपति बिज़नेसमैन बिल गेट्स ने यू टर्न लेते हुए जलवायु परिवर्तन पर अपने रुख में बदलाव किया है। कॉप-30 से पूर्व लिखे अपने ब्लॉग ‘थ्री टफ ट्रुथ्स अबाउट क्लाइमेट’ में गेट्स ने कहा कहा है कि क्लाइमेट चेंज गंभीर है, लेकिन यह सभ्यता का अंत नहीं है। गेट्स की अपील है कि जलवायु नीति का फोकस सिर्फ तापमान घटाने पर नहीं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रगति पर भी होना चाहिए। गेट्स के अनुसार क्लीन एनर्जी में नवाचार भविष्य के उत्सर्जन को तेज़ी से घटा रहे हैं और इससे गरीब देशों में आर्थिक विकास से जलवायु संबंधी मौतों की संख्या आधी हो सकती हैं।


