बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गोपालगंज के भोरे विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन विभाग की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने भाकपा माले (CPI-M) के स्थानीय कार्यालय पर छापेमारी की है। इस दौरान माले कार्यालय से 1 लाख 87 हजार रुपए नगद जब्त किए गए हैं। निर्वाचन विभाग की उड़नदस्ता दल को गुप्त सूचना मिली थी कि माले कार्यालय में नकदी रखी गई है। इसी सूचना के आधार पर सीओ सह उड़नदस्ता दल के दंडाधिकारी अनुभव कुमार राय के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान अलमारी में रखे 1,87,000 रुपए कैश बरामद हुए, जिसे टीम ने जब्त कर लिया। रकम के स्रोत और उपयोग के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा CO अनुभव कुमार राय ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच इतनी बड़ी मात्रा में नगदी का रखा जाना संदेह पैदा करता है, इसलिए राशि जब्त की गई है। इस संबंध में माले अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस रकम के स्रोत और उपयोग के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। मामले की जांच की जा रही है। भाकपा माले ने कड़ा विरोध जताया इस पूरी कार्रवाई पर भाकपा माले ने कड़ा विरोध जताया है। माले के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने एक प्रेस वार्ता में इस छापेमारी को ‘सत्ता पोषित’ बताया। चौरसिया ने कहा कि जब्त की गई राशि पार्टी के खाते की थी और इसे एक दिन पहले ही पंजाब नेशनल बैंक से निकाला गया था। पैसा चंदा के रूप में प्राप्त हुआ था – माले के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया उन्होंने यह भी बताया कि यह पैसा चंदा के रूप में प्राप्त हुआ था और इसके प्रमाण मौजूद हैं। चौरसिया ने आरोप लगाया कि यह छापेमारी सिर्फ माले को प्रताड़ित करने के लिए की जा रही है और यह स्थानीय मंत्री के इशारे पर हुई है। पार्टी नेताओं ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है और यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है। प्रशासन बेवजह निशाना बना रहा है – भाकपा माले माले का कहना है कि बरामद राशि पार्टी के संगठनात्मक कार्यों और चुनाव संबंधी वैध खर्चों के लिए रखी गई थी और इसका इस्तेमाल किसी भी अवैध गतिविधि के लिए नहीं किया जा रहा था। माले के अनुसार, प्रशासन बेवजह निशाना बना रहा है, जबकि अन्य दलों के खर्चों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फिलहाल, माले को नोटिस का जवाब देना है और निर्वाचन विभाग इस मामले में आगे की जांच कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब्त की गई राशि का इस्तेमाल चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में न हो रहा हो। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गोपालगंज के भोरे विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन विभाग की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने भाकपा माले (CPI-M) के स्थानीय कार्यालय पर छापेमारी की है। इस दौरान माले कार्यालय से 1 लाख 87 हजार रुपए नगद जब्त किए गए हैं। निर्वाचन विभाग की उड़नदस्ता दल को गुप्त सूचना मिली थी कि माले कार्यालय में नकदी रखी गई है। इसी सूचना के आधार पर सीओ सह उड़नदस्ता दल के दंडाधिकारी अनुभव कुमार राय के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान अलमारी में रखे 1,87,000 रुपए कैश बरामद हुए, जिसे टीम ने जब्त कर लिया। रकम के स्रोत और उपयोग के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा CO अनुभव कुमार राय ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच इतनी बड़ी मात्रा में नगदी का रखा जाना संदेह पैदा करता है, इसलिए राशि जब्त की गई है। इस संबंध में माले अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस रकम के स्रोत और उपयोग के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। मामले की जांच की जा रही है। भाकपा माले ने कड़ा विरोध जताया इस पूरी कार्रवाई पर भाकपा माले ने कड़ा विरोध जताया है। माले के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने एक प्रेस वार्ता में इस छापेमारी को ‘सत्ता पोषित’ बताया। चौरसिया ने कहा कि जब्त की गई राशि पार्टी के खाते की थी और इसे एक दिन पहले ही पंजाब नेशनल बैंक से निकाला गया था। पैसा चंदा के रूप में प्राप्त हुआ था – माले के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया उन्होंने यह भी बताया कि यह पैसा चंदा के रूप में प्राप्त हुआ था और इसके प्रमाण मौजूद हैं। चौरसिया ने आरोप लगाया कि यह छापेमारी सिर्फ माले को प्रताड़ित करने के लिए की जा रही है और यह स्थानीय मंत्री के इशारे पर हुई है। पार्टी नेताओं ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है और यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है। प्रशासन बेवजह निशाना बना रहा है – भाकपा माले माले का कहना है कि बरामद राशि पार्टी के संगठनात्मक कार्यों और चुनाव संबंधी वैध खर्चों के लिए रखी गई थी और इसका इस्तेमाल किसी भी अवैध गतिविधि के लिए नहीं किया जा रहा था। माले के अनुसार, प्रशासन बेवजह निशाना बना रहा है, जबकि अन्य दलों के खर्चों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फिलहाल, माले को नोटिस का जवाब देना है और निर्वाचन विभाग इस मामले में आगे की जांच कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब्त की गई राशि का इस्तेमाल चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में न हो रहा हो।


