नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में मंगलवार को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने दूसरे और अंतिम चरण का केलिब्रेशन टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस प्रक्रिया के पूरा होने के साथ ही एयरपोर्ट अब कामर्शियल संचालन की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ गया है। एयरोड्रम लाइसेंस मिलते ही यहां से कामर्शियल फ्लाइट उड़ान भरने लगेंगी। नेविगेशन सिस्टम को देखा गया अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को रनवे 28 के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और अन्य नेविगेशनल सिस्टम्स का परीक्षण किया गया। इससे पहले, शुक्रवार को रनवे 10 पर पहला चरण पूरा किया गया था। दोनों रनवे-10 और 28 एक ही एयरस्ट्रिप के दो छोर हैं, जो हवा की दिशा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की अनुमति के आधार पर टेक-ऑफ और लैंडिंग में उपयोग किए जाएंगे। रनवे 28 की जांच के लिए उतरा प्लेन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने बताया कि मंगलवार सुबह लगभग 10:26 बजे एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) का केलिब्रेशन विमान रनवे 28 की जांच के लिए लैंड हुआ। “पश्चिमी छोर से ILS 28 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इससे पहले पूर्वी छोर से ILS 10 की जांच की गई थी,” ICAO मानकों के अनुसार परखा गया इन दोनों परीक्षण में एयरपोर्ट के कम्युनिकेशन, नेविगेशन, सर्विलांस और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम्स को ICAO मानकों के अनुसार परखा गया। DGCA अब विस्तृत रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और स्वीकृति के बाद एयरोड्रम लाइसेंस जारी करेगा।अधिकारियों के अनुसार, सभी परीक्षण सफल होने के बाद अब एयरपोर्ट दिसंबर से संचालन शुरू करने की स्थिति में है। शुरुआती चरण में दिन में सीमित उड़ानें शुरू होंगी, जबकि रात की उड़ानें जल्द ही जोड़ी जाएंगी। वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत 2026 की पहली छमाही में प्रस्तावित है।


