कृषि विभाग यूरिया, डीएपी और NPK जैसे उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है। इसके विपरीत, मिल्की पुर तहसील क्षेत्र के किसान रबी फसल की बुवाई के लिए खाद न मिलने से परेशान हैं और उन्हें महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिलेभर के सभी साधन सहकारी समितियां पर किसानों की भीड़ लगी हुई है लेकिन किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। संयुक्त कृषि निदेशक ने दवा किया है कि मंडल के जनपदों में 73,789 मीट्रिक टन यूरिया,41,906.42 मीट्रिक टन डीएपी,45,075 मीट्रिक टन NPK और 39,892 मीट्रिक टन एसएसपी का भंडार उपलब्ध है। सहकारिता के बफर गोदामों में पर्याप्त स्टॉक है और निजी व सहकारी क्षेत्र से लगातार नई रैंक प्राप्त हो रही हैं। हालांकि, किसानों को समितियों से रबी फसल की बुवाई के लिए खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। किसान खाद के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जहां खाद मिल भी रही है, वहां किसानों से निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के रेवन गांव स्थित साधन सहकारी समिति पर सुबह से ही सैकड़ों किसान खाद लेने पहुंचे। किसानों का आरोप है कि समिति के सचिव ताला लगाकर लापता हो गए और चोरी-छिपे लोगों को 1360 रुपए के बजाय 1400 रुपए में खाद बेची जा रही है। किसान रमित मिश्रा, रामचेत तिवारी, पवन सिंह, सविता, दुर्गावती, गुड़िया सहित कई महिला और पुरुष कृषकों ने बताया कि उन्हें खाद नहीं दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समिति के सदस्यों को भी खाद नहीं मिल रही है। जिन किसानों ने अपने आधार कार्ड व समिति की पासबुक जमा की थी, वे भी गायब हो गई हैं। किसानों ने बताया कि समिति के सचिव रामदीन हैं, लेकिन सारा काम उनके बेटे प्रदीप कुमार करते हैं, जो बिना पंजीयन के ही खाद वितरित करते हैं। साधन सहकारी समिति के बाहर किसानों ने सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने कहा कि यदि किसानों द्वारा शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


