10 दिनों से अपने ही घर में कैद है परिवार:महिला बोली- पड़ोसियों ने रास्ता बंद किया, कंटीले तार के नीचे से निकलने को मजबूर

10 दिनों से अपने ही घर में कैद है परिवार:महिला बोली- पड़ोसियों ने रास्ता बंद किया, कंटीले तार के नीचे से निकलने को मजबूर

दरभंगा एक महिला समेत उसका पूरा परिवार पिछले 10 दिनों से अपने ही घर में कैद है। महिला का कहना है कि रमजान के दौरान सामान लाने के लिए कंटीले तारों के बीच से निकलकर बाजार जाना पड़ता है। पड़ोसियों ने पहले से मौजूद रास्ते पर कब्जा कर लिया है और रास्ते पर बाउंड्री खड़ी कर दी है। दूसरी ओर से जिसकी जमीन है, उसने कंटीले तार से घेराबंदी कर दी है, जिससे मुझे और बच्चों को कंटीले तारों के नीचे से निकलकर सामान लेने जाना पड़ रहा है। महिला के मुताबिक, मैंने पुलिस से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महिला कमतौल थाना क्षेत्र के जहांगीर टोला वार्ड-10 निवासी मोहम्मद गुलाब की पत्नी हैं। मोहम्मद गुलाब दिल्ली में रहकर मजदूरी करता है और अपनी 3 बच्ची और एक बेटे को अपने साथ रखकर पढ़ाई करा रहा है। गांव में घर पर मोहम्मद गुलाब की पत्नी अपने एक बेटी और दो छोटे बेटों को लेकर रहती है। कुल मिलाकर मोहम्मद गुलाब के 7 बच्चे हैं, जिनमें 4 बेटियां और 3 बेटे हैं। परिवार में मोहम्मद गुलाब अकेला कमाने वाला है, जिसके कारण घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आज पीड़िता ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी विकास कुमार के कार्यालय में दूसरी बार आवेदन दिया है। इससे पहले थाने में 3 बार आवेदन दे चुकी है। 2020 में कोरोना के दौरान दिल्ली से लौटी, पुश्तैनी जमीन पर घर बनाया मोहम्मद गुलाब की पत्नी ने बताया कि साल 2020 में कोरोना के दौर में मैं अपने पति और 7 बच्चों के साथ दिल्ली से गांव चली आई। यहां अपनी पुश्तैनी जमीन पर बांस और लड़कियों से झोपड़ी बना ली। घर तक आने के लिए सरकारी रास्ता था। 2023 में पड़ोसी मोहम्मद तैयब और रहमत ने सरकारी रास्ते को खुद की जमीन बताकर कब्जा कर लिया और रास्ता बंद कर दिया। इसके बाद कमतौल थाने में शिकायत दी, पर नहीं सुनी गई। थाने में सुनवाई नहीं होने के बाद पीड़ित परिवार ने दरभंगा के अनुमंडल पदाधिकारी से शिकायत की। अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर जून 2024 में जांच के आदेश दिए गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि जांच करने आए अधिकारी ने बगल के मोहम्मद शाकिर की जमीन से तत्काल आने-जाने का रास्ता दिलाया, जबकि जिस रास्ते पर कब्जा किया गया था, वो मामला सीओ के जनता दरबार में पहुंचा। कई बार नोटिस आया, पर दूसरे पक्ष के लोग जनता दरबार में नहीं गए। 10 दिन पहले मोहम्मद शाकिर ने भी बंद किया रास्ता 10 दिन पहले मोहम्मद शाकिर ने भी जिस जमीन पर 2024 में तत्काल आने-जाने के लिए रास्ता दिया था, उसे बंद कर दिया। अब मोहम्मद गुलाब की पत्नी अपने 2 बच्चों के साथ घर में कैद हो गई है। घर से सटे जिस जमीन से आने-जाने की इजाजत दी गई थी, वहां नुकीले तार से बाउंड्री कर दी गई है। नुकीले तार के बाद जेसीबी से 10 फीट गड्ढा कर दिया गया है। महिला ने कहा कि हम किसी तरह अगर तार के बीच से निकल भी जाते हैं, तो पड़ोसी इसका विरोध करते हैं। महिला की बेटी बोली- एसपी, डीएम, अनुमंडल पदाधिकारी से लगा चुकी हूं गुहार पीड़िता की बेटी गजाला परवीन ने बताया कि पिछले 10 दिनों से रोजा रमजान का पर्व है। इस दौरान हमें समय पर भोजन और जरूरत का सामान भी नहीं मिल पाता है। पुलिस प्रशासन, एसपी, डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी से मदद की गुहार लगाकर थक चुकी। कई बार पुलिस भी घर तक पहुंची। शनिवार को पुलिस के सामने ही दूसरे पक्ष के लोगों ने मां का बाल पकड़ कर पीटने का प्रयास किया। फिर पुलिस ने ही उन्हें बचाया। पर अब तक समस्या का समाधान कहीं से निकाल कर नहीं आया है। गजाला ने बताया कि सीओ साहब के यहां भी बहुत बार शिकायत कर चुके हैं। पर अभी बताया जा रहा है कि वह नहीं है। ट्रेनिंग में गए हैं। गजाला के दादा बोले- बाबा आजम के जमाने से था रास्ता गजााला परवीन के दादा मोहम्मद मुस्ताक ने बताया कि जिस जमीन पर रास्ता था, वो बाबा आदम के जमाने से हमारे पूर्वजों की ही है। पहले से ही मोहम्मद तैयब के घर से लेकर मोहम्मद शाकिर के घर तक मिट्टी का एक सरकारी रोड था। बीच में मेरे बेटे मोहम्मद गुलाब का घर है। अब दोनों तरफ से मोहम्मद तैयब और मोहम्मद शाकिर ने सड़क बंद कर दिया है। इतना ही नहीं डेढ़ कट्ठा मेरे निजी जमीन पर पड़ोसियों ने जबरन कब्जा कर लिया है ना ही कागज दिखाता है और ना ही जमीन से हट रहा है। जबरदस्ती लाठी के बल पर जोर दिख रहा है। कई दफा थाना में शिकायत दी। कई बार पुलिस भी आई। सीओ और एसडीओ के यहां भी शिकायत किया। पर अब तक कुछ नहीं हुआ। गौली-गलौज करते, इसलिए रास्ता बंद कर दिया रास्ता बंद करने वाले मोहम्मद तैयब के घर की महिलाओं ने कहा कि मोहम्मद गुलाब की पत्नी और बच्चे गाली-गलौज करते हैं। इसी कारण हम लोगों ने अपने जमीन से उनका आना-जाना बंद कर दिया। वहीं, मोहम्मद शाकिर के घर की महिलाओं का कहना था कि मेरे आंगन से होकर रास्ता मांगा जा रहा है, जबकि सरकारी रास्ता कोई और है, जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। कमतौल थाना अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने बताया, पीड़ित महिला ने आवेदन दिया है। कई बार पुलिस भी उसके घर पर गई है। पर पड़ोसीयों का कहना है कि अपनी निजी जमीन से रास्ता नहीं बनने देंगे। कोई भी रास्ता खोलने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अंचलाधिकारी और एसडीओ के निर्देश के बाद ही कोई रास्ता निकाला जा सकेगा। सीओ के आने के बाद दोबारा शिकायत की जाएगी गांव के सरपंच नथुनी यादव ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के साथ मैं पीड़िता के घर गया था। वहां पड़ोसियों को समझाने का प्रयास किया। पर किसी ने एक ना सुनी। जदयू के वली इमाम बेग चमचम ने कहा कि सीओ के जनता दरबार में पीड़िता का मामला अब तक लंबित है। इसे लेकर उनकी ओर से भी पहल की जा रही है। फिलहाल जाले सीओ विभागीय प्रशिक्षण में गए हैं। 18 को लौटेंगे। उसके बाद दुबारा शिकायत की जाएगी। दरभंगा एक महिला समेत उसका पूरा परिवार पिछले 10 दिनों से अपने ही घर में कैद है। महिला का कहना है कि रमजान के दौरान सामान लाने के लिए कंटीले तारों के बीच से निकलकर बाजार जाना पड़ता है। पड़ोसियों ने पहले से मौजूद रास्ते पर कब्जा कर लिया है और रास्ते पर बाउंड्री खड़ी कर दी है। दूसरी ओर से जिसकी जमीन है, उसने कंटीले तार से घेराबंदी कर दी है, जिससे मुझे और बच्चों को कंटीले तारों के नीचे से निकलकर सामान लेने जाना पड़ रहा है। महिला के मुताबिक, मैंने पुलिस से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महिला कमतौल थाना क्षेत्र के जहांगीर टोला वार्ड-10 निवासी मोहम्मद गुलाब की पत्नी हैं। मोहम्मद गुलाब दिल्ली में रहकर मजदूरी करता है और अपनी 3 बच्ची और एक बेटे को अपने साथ रखकर पढ़ाई करा रहा है। गांव में घर पर मोहम्मद गुलाब की पत्नी अपने एक बेटी और दो छोटे बेटों को लेकर रहती है। कुल मिलाकर मोहम्मद गुलाब के 7 बच्चे हैं, जिनमें 4 बेटियां और 3 बेटे हैं। परिवार में मोहम्मद गुलाब अकेला कमाने वाला है, जिसके कारण घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आज पीड़िता ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी विकास कुमार के कार्यालय में दूसरी बार आवेदन दिया है। इससे पहले थाने में 3 बार आवेदन दे चुकी है। 2020 में कोरोना के दौरान दिल्ली से लौटी, पुश्तैनी जमीन पर घर बनाया मोहम्मद गुलाब की पत्नी ने बताया कि साल 2020 में कोरोना के दौर में मैं अपने पति और 7 बच्चों के साथ दिल्ली से गांव चली आई। यहां अपनी पुश्तैनी जमीन पर बांस और लड़कियों से झोपड़ी बना ली। घर तक आने के लिए सरकारी रास्ता था। 2023 में पड़ोसी मोहम्मद तैयब और रहमत ने सरकारी रास्ते को खुद की जमीन बताकर कब्जा कर लिया और रास्ता बंद कर दिया। इसके बाद कमतौल थाने में शिकायत दी, पर नहीं सुनी गई। थाने में सुनवाई नहीं होने के बाद पीड़ित परिवार ने दरभंगा के अनुमंडल पदाधिकारी से शिकायत की। अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर जून 2024 में जांच के आदेश दिए गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि जांच करने आए अधिकारी ने बगल के मोहम्मद शाकिर की जमीन से तत्काल आने-जाने का रास्ता दिलाया, जबकि जिस रास्ते पर कब्जा किया गया था, वो मामला सीओ के जनता दरबार में पहुंचा। कई बार नोटिस आया, पर दूसरे पक्ष के लोग जनता दरबार में नहीं गए। 10 दिन पहले मोहम्मद शाकिर ने भी बंद किया रास्ता 10 दिन पहले मोहम्मद शाकिर ने भी जिस जमीन पर 2024 में तत्काल आने-जाने के लिए रास्ता दिया था, उसे बंद कर दिया। अब मोहम्मद गुलाब की पत्नी अपने 2 बच्चों के साथ घर में कैद हो गई है। घर से सटे जिस जमीन से आने-जाने की इजाजत दी गई थी, वहां नुकीले तार से बाउंड्री कर दी गई है। नुकीले तार के बाद जेसीबी से 10 फीट गड्ढा कर दिया गया है। महिला ने कहा कि हम किसी तरह अगर तार के बीच से निकल भी जाते हैं, तो पड़ोसी इसका विरोध करते हैं। महिला की बेटी बोली- एसपी, डीएम, अनुमंडल पदाधिकारी से लगा चुकी हूं गुहार पीड़िता की बेटी गजाला परवीन ने बताया कि पिछले 10 दिनों से रोजा रमजान का पर्व है। इस दौरान हमें समय पर भोजन और जरूरत का सामान भी नहीं मिल पाता है। पुलिस प्रशासन, एसपी, डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी से मदद की गुहार लगाकर थक चुकी। कई बार पुलिस भी घर तक पहुंची। शनिवार को पुलिस के सामने ही दूसरे पक्ष के लोगों ने मां का बाल पकड़ कर पीटने का प्रयास किया। फिर पुलिस ने ही उन्हें बचाया। पर अब तक समस्या का समाधान कहीं से निकाल कर नहीं आया है। गजाला ने बताया कि सीओ साहब के यहां भी बहुत बार शिकायत कर चुके हैं। पर अभी बताया जा रहा है कि वह नहीं है। ट्रेनिंग में गए हैं। गजाला के दादा बोले- बाबा आजम के जमाने से था रास्ता गजााला परवीन के दादा मोहम्मद मुस्ताक ने बताया कि जिस जमीन पर रास्ता था, वो बाबा आदम के जमाने से हमारे पूर्वजों की ही है। पहले से ही मोहम्मद तैयब के घर से लेकर मोहम्मद शाकिर के घर तक मिट्टी का एक सरकारी रोड था। बीच में मेरे बेटे मोहम्मद गुलाब का घर है। अब दोनों तरफ से मोहम्मद तैयब और मोहम्मद शाकिर ने सड़क बंद कर दिया है। इतना ही नहीं डेढ़ कट्ठा मेरे निजी जमीन पर पड़ोसियों ने जबरन कब्जा कर लिया है ना ही कागज दिखाता है और ना ही जमीन से हट रहा है। जबरदस्ती लाठी के बल पर जोर दिख रहा है। कई दफा थाना में शिकायत दी। कई बार पुलिस भी आई। सीओ और एसडीओ के यहां भी शिकायत किया। पर अब तक कुछ नहीं हुआ। गौली-गलौज करते, इसलिए रास्ता बंद कर दिया रास्ता बंद करने वाले मोहम्मद तैयब के घर की महिलाओं ने कहा कि मोहम्मद गुलाब की पत्नी और बच्चे गाली-गलौज करते हैं। इसी कारण हम लोगों ने अपने जमीन से उनका आना-जाना बंद कर दिया। वहीं, मोहम्मद शाकिर के घर की महिलाओं का कहना था कि मेरे आंगन से होकर रास्ता मांगा जा रहा है, जबकि सरकारी रास्ता कोई और है, जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। कमतौल थाना अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने बताया, पीड़ित महिला ने आवेदन दिया है। कई बार पुलिस भी उसके घर पर गई है। पर पड़ोसीयों का कहना है कि अपनी निजी जमीन से रास्ता नहीं बनने देंगे। कोई भी रास्ता खोलने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अंचलाधिकारी और एसडीओ के निर्देश के बाद ही कोई रास्ता निकाला जा सकेगा। सीओ के आने के बाद दोबारा शिकायत की जाएगी गांव के सरपंच नथुनी यादव ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के साथ मैं पीड़िता के घर गया था। वहां पड़ोसियों को समझाने का प्रयास किया। पर किसी ने एक ना सुनी। जदयू के वली इमाम बेग चमचम ने कहा कि सीओ के जनता दरबार में पीड़िता का मामला अब तक लंबित है। इसे लेकर उनकी ओर से भी पहल की जा रही है। फिलहाल जाले सीओ विभागीय प्रशिक्षण में गए हैं। 18 को लौटेंगे। उसके बाद दुबारा शिकायत की जाएगी।  

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