राजस्थान के डीग में भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) को बड़ी कामयाबी मिली है। डीग के बहज गांव में ASI की खुदाई साइट पर टीम को गुप्त काल (करीब 1700 साल पहले) का एक नरकंकाल मिला। इसे रिसर्च के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) भेजा गया है। इसके अलावा यहां सबसे निचले स्तर पर सूखी हुई नदी का चैनल और 5 सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं। इनमें शानदार नगर विन्यास और ज्वेलरी, सिक्के, मूर्तियां और लोहे-हड्डी के अलग-अलग तरह के औजार शामिल हैं। पुरातत्व शोधार्थी पवन सारस्वत ने बताया- डीग की बहज (गांव) साइट पर दो चरणों में खुदाई हुई। पहले चरण में जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक खुदाई का काम चला। इसे पिछले साल बारिश के कारण रोक दिया गया था। इसके बाद दूसरे चरण की खुदाई अक्टूबर 2024 से जून 2025 तक चली है। खुदाई में मिले कंकाल की तस्वीर… खुदाई का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब बारिश का दौर भी शुरू हो गया है। ऐसे में साइट को पैक कर दिया गया है। यहां से निकली सभी महत्वपूर्ण वस्तुओं को रिसर्च के लिए अलग-अलग लैब में भेजा गया है। इस साइट पर 23 मीटर नीचे खुदाई के दौरान जो सांस्कृतिक जमाव (परत) मिला वह एक सूखी नदी का प्रवाह तंत्र है। यह बहुत ही प्राचीन है। यह वह नदी तंत्र है जिसे इतिहासकर ऋग्वेद में उल्लेखित सरस्वती नदी के चैनल से जोड़कर देख रहे हैं। इसके ऊपर की लेयर में प्राचीनतम गैरिक सभ्यता के अवशेष मिले हैं। इसके बाद चित्रित धूसर संस्कृति के अवशेष में कई तरह के टैरेकोटा (मिट्टी) के बर्तन, प्रिंडेट बर्तन, मूर्तियां और तांबे-चांदी के सिक्के मिले हैं। इसके अलावा इस साइट पर शृंग, कुषाण, गुप्त और मौर्यकाल की वस्तुएं मिली हैं। इनमें मातृदेवी की मूर्ति, कई तरह के सिक्के, ब्राह्मी लिपी लिखे सिक्के, मूर्तियां हैं। नरकंकाल गुप्त वंश का है। इसके सैंपल लेकर लैब में भेजे हैं। यहां जो भी मिला उसकी एक विस्तृत रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को सौंप दी गई है। मिट्टी के खंभों वाली इमारतें, परतदार दीवारें, खंदकें, भटि्टयां मिली हैं। साथ ही 15 यज्ञ कुंड, शिव पार्वती की मूर्तियां मिली हैं जो वेदों और शास्त्रों की पूजा पद्धतियों की ओर इशारा करती हैं। मिट्टी की मूर्तियां ईसा से 1000 साल (3 हजार साल पुरानी) पुरानी हैं। 4 अधपकी मुहरें मिली हैं। इनमें से 2 पर ब्राह्मी लिपी अंकित है। ये भारतीय उपमहाद्वीप में ब्राह्मी लिपि के सबसे पुराने नमूने हो सकते हैं। …. डीग में एएसआई की खुदाई से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान में प्राचीन सरस्वती नदी का चैनल दिखा:महाभारत काल के अवशेष मिले, डीग में खुदाई में निकली 5500 साल पुरानी सभ्यता राजस्थान में भरतपुर से करीब 37 किलोमीटर दूर डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को बड़ी कामयाबी मिली है। साल 2024 में बहज गांव में 4 महीने तक चली खुदाई और सर्वे में मिले पुरा अवशेष को लेकर अब ASI का दावा है कि यहां 3500 से 1000 ईसा पूर्व पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। (पढ़ें पूरी खबर)
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