हाल ही में सिनियर सिटिज़न फेडरेशन द्वारा अहमदाबाद के टैगोर हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसमें गुजरात में कार्यरत सिनियर सिटिज़न के १३ ग्रुप,जिनमे ५०० से १००० सदस्य हैं,उन ग्रुप को सम्मानित किया गया तथा साथ ही सिनियर सिटिज़न लोगो की समस्या एव उनके समाधान पर भी विचार-विमर्श हुआ।यह कार्यक्रम गुजरात के सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था,जिसमें वे कार्यक्रम के मुख्यदाता भी थे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति श्री मूलशंकरभाई जानी तथा अतिथि विशेष के रूप में सामाजिक अग्रणी श्री प्रकाशभाई शाह और बिल्डर श्री राजूभाई ठाकर उपस्थित थे।सिनियर सिटिज़न फेडरेशन के प्रमुख श्री राजेंद्रभाई व्यास और सचिव श्री परेशभाई ब्रह्मभट्ट, जो श्री मगनभाई पटेल के सहयोग से गुजरात की सिनियर सिटिज़न संस्थाओ को जोड़कर इस फेडरेशन को मजबूत और परिणामोन्मुखी बनाना चाहते हैं।
श्री मगनभाई पटेलने अपने उदबोधन में कहा कि आज अहमदाबाद के १३ विभिन्न सीनियर सिटिज़न ग्रुप के ७५० से अधिक सदस्य उपस्थित हैं, जिनमें से कुछ सरकार के सेवानिवृत्त प्रथम श्रेणी अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, उच्च शिक्षा प्राप्त नागरिक हैं, जो हर महीने अलग-अलग प्रवृतियाँ करते हैं जैसे पिकनिक, जन्मदिन समारोह, गीत-संगीत के कार्यक्रम, सामाजिक समस्याओंवाले बुजुर्गों की काउंसलिंग,बीमार व्यक्ति के परिवारों से काउंसलिंग इत्यादि। इन प्रवृतियाँ का आयोजन करनेवाले उन बुजुर्गों के एम्बेसेडर हैं जो असहाय और दयनीय जीवन जी रहे हैं। यह विचार गलत है कि आज वृद्धाश्रमों की कोई आवश्यकता नहीं है, वास्तव में आज के समय में वृद्धाश्रमों की अति आवश्यकता है। वृद्धाश्रम बनाना धार्मिक स्थल बनाने जैसा है, क्योंकि एक सर्वे अनुसार अच्छे घर, मध्यमवर्गीय परिवार और विकर सेक्शन के लोग सबसे ज्यादा दुःखी है । वे बहुत ही दयनीय अवस्था से गुज़र रहे हैं। इसलिए अधिक से अधिक लोग इस फेडरेशन से जुड़ें और उन बुजुर्गों के बारे में सोचें जो पीड़ित हैं और उनके लिए सरकार, सामाजिक कार्यकर्ता और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को CSR फंड का उपयोग करके उनके लिए वृद्धाश्रम बनाना चाहिए और ऐसे लोगों की देखभाल करनी चाहिए जो हम सभी की एक नैतिक जिम्मेदारी है।

श्री मगनभाई पटेल ने आगे कहा कि गुजरात में वरिष्ठ नागरिकों (६० वर्ष और उससे अधिक) का प्रतिशत २०२१ में गुजरात की कुल जनसंख्या का १०.२% था, जो २०३६ तक बढ़कर १५% होने का अनुमान है। आज हमारे देश में वृद्धाश्रमों में रहनेवाले कुछ बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन दूरदराज के गांवों के इलाकों में रहनेवाले लोगों के साथ-साथ शहर के खपरैल क्षेत्रों में रहनेवाले बुजुर्गों के आवास ठीक नहीं हैं, उन्हें रात में खुले में सोना पड़ता है, उन्हें दो समय का भोजन भी नसीब नहीं होता है और बारिश के मौसम में उन्हें अपने सिर पर प्लास्टिक या मोम का कवर लगाकर सोना पड़ता है। ऐसे बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम वरदान साबित हो सकता है।
श्री मगनभाई पटेलने देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ११ सितंबर,२०२४ को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के एक बड़े विस्तार को मंजूरी दी और ७० वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आय के बावजूद स्वास्थ्य बीमा लाभ प्रदान करने की घोषणा की। इस घोषणा से ६ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों सहित लगभग ४.५ करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे, जिन्हें प्रति परिवार ५ लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को मिलेगा, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। १ सितंबर, २०२४ तक देश के कुल २९,६४८ अस्पतालों को PMJAY के तहत पैनल में शामिल किया गया है, जिनमें १२,६९६ निजी अस्पताल शामिल हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री मगनभाई पटेल के भाषण के बाद सभी ग्रुप के सदस्य एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्ति श्री मगनभाई पटेल के साथ फोटो खिंचवाने के लिए होड़ में लग गए तथा उसके बाद श्री मगनभाई पटेलने सभी के प्रस्तुतीकरण एवं प्रश्नों को सुना तथा उनके समाधान के लिए सुझाव भी दिए। यहां उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि गुजरात राज्य के विभिन्न वृद्धाश्रमों का दौरा करने के बाद, हम उनकी स्थिति एव प्रश्नों से अवगत हुए हैं, जिन्हें हम अगले लेख में प्रस्तुत करेंगे।

-: सिनियर सिटिज़न फेडरेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दो दिन पहले सोशल मीडिया के माध्यम से दिया गया श्री मगनभाई पटेल का संदेश:-
सिनियर सिटिज़न फेडरेशन के इस कार्यक्रम में सम्मानित होनेवाले सिनियर सिटिज़न फेडरेशन के सभी पदाधिकारियों को नमन करता हूं। गुजरात में अहमदाबाद में लगभग ५०० और अहमदाबाद के बाहर ५०० संगठन हैं, जिनमें से २७२ संगठन संयुक्त हैं और उनमें से लगभग १३ वरिष्ठ नागरिक समूह हैं, जिनमें लगभग ५०० से १००० सदस्य हैं। मैं सिनियर सिटिज़न फेडरेशन को धन्यवाद देता हूं कि मुझे इन सभी समूहों का सम्मान करने का अवसर मिला । मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि ईश्वर की प्रेरणा से मुझे ऐसे संगठनों से जुड़ने का अवसर मिला। मुझे विश्वास है कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों की अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। मैं ऐसे संगठनों को कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं और इस कार्यक्रम में मुख्यदाता के रूप में उपस्थित होने का जो अवसर मुझे मिला है,उसके लिए मैं स्वयं को धन्य मानता हूं।
आज यदि हम अपने राज्य में औसतन १०% वरिष्ठ नागरिक जनसंख्या को देखें तो करीब ७० से ८० लाख लोग वरिष्ठ नागरिक हैं। आजकल कई वरिष्ठ नागरिक परिवारों में बेटी या बेटा पढ़ाई या काम के लिए पुणे, बैंगलोर, मुंबई या देश के अन्य राज्यों या विदेश में रह रहे हैं, इससे वरिष्ठ नागरिकों की स्थिति बहुत नाजुक हो जाती है। आज जब वे घर पर अकेले होते हैं, तो खाना बनानेवाला कोई नहीं होता,काम करनेवाला कोई होता और अगर है भी तो ज्यादा दिन तक नहीं टिकता। जब वे बीमार होते हैं तो उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता, तब उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती है। हमारे देश में सनातन धर्म के मंदिर, जिनकी आय बहुत अधिक है, उन्हें अपने यहां वरिष्ठ नागरिकों के रहने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिसमें इन मंदिरों को खेती-किसानी के लिए स्थान रखना चाहिए तथा पशु पालने चाहिए। मंदिरों में एक छोटा सा अस्पताल होना चाहिए। छोटी बसे या कारों की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि ये लोग अस्पताल जा सकें या यात्रा कर सकें।
भगवान लाखों लोगों को मंदिरों में इकट्ठा करने से नहीं बल्कि इस तरह के काम करने से प्रसन्न होते है।जब वरिष्ठ नागरिक भोजन, वस्त्र और आवास से वंचित हों, तो इसके लिए एक निगम बनाया जाना चाहिए जिसमें अच्छे अधिकारी नियुक्त किए जाएं और सरकार इस सेवा को आगे बढ़ाने के लिए धन उपलब्ध कराए। साथ ही,चिकित्सा स्तर पर एक परामर्श चिकित्सक होना चाहिए ताकि बुजुर्गों को प्राथमिक चिकित्सा मिल सके और क्षेत्रवार पंजीकृत पैनल डॉक्टरों की टीम भी होनी चाहिए। इसके साथ छोटी-बड़ी लैब भी होनी चाहिए ताकि एक्स-रे, एम.आर.ई जैसी रिपोर्ट की जा सकें।

अहमदाबाद में अडालज-मेहसाणा रोड पर दादा भगवान का मंदिर इसका बेहतरीन उदाहरण है जहां लोग स्वर्गीय अंबालालभाई को भगवान मानते हैं, स्वर्गीय नीरूबेन उनकी अनुयायी हैं, वर्तमान में दीपकभाई यह सेवा कर रहे हैं। इस मंदिर में अमेरिका, कनाडा और दुनिया के अन्य देशों से आए कई लोग रहते हैं जो सेवानिवृत्त हैं और उनके पास बहुत धन-संपत्ति है लेकिन उनके परिवार में उनकी देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। इसके बाद वे इसी परिसर में रहते हैं और अपने जैसे अन्य वरिष्ठ नागरिकों की मदद करते हैं। इस त्रिमूर्ति मंदिर में परिवहन, अस्पताल, बैंक, परामर्श कार्यालय जैसी सुविधाएं हैं। ऐसी व्यवस्था सभी धर्मावलंबियों को करनी चाहिए जो ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। यह एक उदाहरण है कि सभी धार्मिक स्थलों को यह अभिगम अपनाना चाहिए।
हमारे देश में ऐसे करोड़पति बुजुर्ग भी हैं, जिनके बेटे-बेटियां हैं, वे अच्छे-खासे पढ़े-लिखे हैं, लेकिन उन्हें वृद्धाश्रम में देखकर आंखों में आंसू आ जाते हैं। उच्च आयवाले माता-पिता को उनकी सेवा के लिए नौकर दिए जाते हैं, उन्हें वातानुकूलित कमरे दिए जाते हैं और उनके पोते-पोतियों को उनसे दूर रखा जाता है ताकि उन्हें किसी प्रकार का संक्रमण न हो और उनका अपमान किया जाता है ।
ऐसी स्थिति देखकर दिल दुःख ता है। देश के साथ-साथ राज्य में भी कई समुदायों जैसे पटेल, ब्राह्मण, जैन, वणिक, ठाकोर, क्षत्रिय, कोली पटेल, दलित, बख्शी पंच या अन्य समुदायों को आज जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इसका एकमात्र समाधान यह है कि धार्मिक स्थल और सामाजिक संगठन इन लोगों को धन मुहैया कराएं और उनकी सुरक्षा करें। इस विषय पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन अपनी अनेक सीमाओं के कारण मैं इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए समय नहीं दे सकता,लेकिन समाज के नेताओं,सामाजिक संगठन,समाज के धनाढ्य लोगों के साथ-साथ कॉरपोरेट कंपनियों को भी इन बुजुर्गों के दर्द को समझना होगा और CSR फंड से परिणामोन्मुखी कार्य करना होगा, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। आज हमारे देश में आस्था की जगह धर्म में अंधविश्वास घुलमिल गया है और इसके भयावह परिणाम सामने आ रहे हैं, जिनसे हम सभी पीड़ित हैं। आज हमारे देश व प्रदेश में अनेक वृद्धाश्रम हैं, जिनमें से कुछ की हालत ठीक नहीं है, वहां काम करनेवाले कर्मचारी केवल वेतन से मतलब रखते हैं, तो वहां ऐसी सेवा होनी चाहिए जहां मानद ट्रस्टी/पदाधिकारी प्रतिदिन जाकर वृद्धाश्रम में जाएं और उनकी समस्याओं का समाधान करें। कई नेता यह काम कर रहे हैं, अगर हम उनसे मिलकर परामर्श करें तो निश्चित रूप से परिणामोन्मुखी कार्य किया हो सकता है।

आज मेरी पत्नी शांताबेन पटेल (आयु ८३) मेरे साथ रह रही हैं और कई सामाजिक संगठनों को अपना आर्थिक सहयोग और समय दे रही हैं। वह आज भी अनेक संगठनों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं, जिसका श्रेय हमारी रहन-सहन, खान-पान और प्रकृति को जाता है, जिनसे आज के वरिष्ठ नागरिकों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
सिनियर सिटिज़न फेडरेशन के अध्यक्ष श्री राजेंद्रभाई व्यासने कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले १३ समूहों की गतिविधियों की जानकारी दी, जिसमें मुख्य रूप से हर माह धार्मिक गीत-संगीत के कार्यक्रम,त्यौहारों के दौरान धार्मिक यात्राओं का आयोजन,बुजुर्गों को उनके जन्मदिन पर सम्मानित करना, साइबर अपराध को रोकने के लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन तथा सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना शामिल है। यहाँ बताना अति आवश्यक है की श्री मगनभाई पटेल के सतत मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहयोग से फेडरेशन के प्रमुख श्री राजेंद्रभाई व्यास अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के सामने एक अन्नक्षेत्र भी चलाते हैं, जहां विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए आनेवाले करीब २०० से २५० मरीज एवं उनके रिश्तेदारों को निःशुल्क भोजन कराया जाता है एव रहने की भी सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में पद्मश्री डॉ. एच.एल.त्रिवेदी डायलिसिस सेंटर में हर साल करीब ३५०० से ४००० मुफ्त डायलिसिस किए जाते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में श्री राजेंद्रभाई व्यासने बताया कि श्री मगनभाई पटेल हमारी रीढ़ हैं जिनके सहयोग के बिना यह सेवाकार्य संभव नहीं है । सिनियर सिटिज़न फेडरेशन के महामंत्री श्री परेशभाई ब्रह्मभट्ट एव विविध समितियां के प्रमुख की महेनत से फेडरेशन के इस कार्यक्रम को सफलता मिली है।
No tags for this post.