जयपुर। राजस्थान अब इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण का भी केन्द्र बनेगा। इसकी शुरुआत नीमराणा के घिलोठ से होगी। प्रति वर्ष 33000 यूनिट्स उत्पादन क्षमता का प्लांट बनेगा। ईवी बसों के अलावा बस बॉडी, बैटरी, मोटर, वायर हार्नेस का निर्माण होगा। साथ ही स्पेयर पार्ट डिवीजन भी बनेंगे।
कंपनी यहां शुरुआत में 1200 करोड़ का निवेश करेगी। दावा किया जा रहा है कि इससे राज्य में 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। यह राज्य में इलेक्ट्रिक बस उत्पादन की पहली इकाई होगी।
65.56 एकड़ जमीन का आवंटन
राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में एक निजी कंपनी पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस ने एमओयू किया था। ई-ऑक्शन में 208 करोड़ रुपए में 65.56 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया।
यहां दो देशों के जोन
घिलोठ, बहरोड़ और नीमराणा क्षेत्र पहले से ही जापानी व कोरियाई कंपनियों के निवेश से तेजी से विकसित हुआ है। 2027 तक बड़े निवेश का लक्ष्य है।

पहले साल 40 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन
प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 33000 यूनिट होगी। इसमें 15000 ईवी बसें, 6000 मीडियम कामर्शियला वाहन और 12000 लाइट कामर्शियला वाहन शामिल होंगे। पहले साल कंपनी 40 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन शुरू करेगी।
पहले साल टर्नओवर 6180 करोड़ रुपए
छह साल में अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच जाएगी। पहले वर्ष में कंपनी का अनुमानित टर्नओवर 6180 करोड़ रुपए रहेगा, जो छठे वर्ष में बढ़कर 15450 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।


