इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच चल रही जंग में इज़रायली सेना के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इज़रायली सेना ने गाज़ा (Gaza) और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में हाहाकार मचाया हुआ है। इज़रायली सेना की कार्रवाई से फिलिस्तीनियों में डर का माहौल है। गाज़ा में लोग डर के साये में जी रहे हैं। हालांकि हमास ने युद्ध-विराम की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों में समझौता नहीं हुआ है। हर दिन इज़रायली सेना के हमलों में कई लोग मारे जा रहे हैं और उससे भी ज़्यादा घायल हो रहे हैं।
घायलों को अपना खून दे रहे डॉक्टर्स
गाज़ा में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है। इतने घायलों की देखरेख के लिए गाज़ा का कोई भी अस्पताल तैयार नहीं है। इससे भी बड़ा संकट खून का है। ज्यादातर ब्लड बैंकों में खून नहीं है। गाज़ा में डॉ. अहमद अल फराह का कहना है कि ज़्यादातर फिलिस्तीनी पर्याप्त खाना नहीं मिलने से एनीमिया से पीड़ित हैं, इसलिए रक्तदान नहीं कर सकते। ऐसे में घायलों की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स आगे आए हैं। एमएसएफ सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों को डॉक्टर्स और अन्य चिकित्सा कर्मी खून दे रहे हैं।
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खाने की हो रही कमी
इज़रायल के हमलों के बीच विदेशी सहायता रोके जाने के बाद गाज़ा में भुखमरी के हालात हैं। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने तक गाज़ा में औसत हर व्यक्ति को प्रतिदिन 1400 कैलोरी मिल पा रही थी, जो मानव शरीर के लिए जरूरी कैलोरी का सिर्फ 67% है। ऐसा खाने की कमी की वजह से हो रहा है। कई लोगों को तो 1400 कैलोरी भी नहीं मिल पा रही हैं।
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