किशनगंज में बुधवार शाम युद्धकालीन तैयारी के तहत 10 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। शाम 6:58 बजे पूरे शहर में सायरन बजाया गया, जिसके बाद लोगों ने अपने घरों और दुकानों की लाइटें बंद कर दीं। सड़क पर चल रहे वाहनों ने भी गाड़ियों की हेडलाइट बंद कर दी और वहीं रुक गए। ठीक 7:00 बजे, शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं थी। इस दौरान डीएम विशाल राज और एसपी सागर कुमार खुद शहर की सड़कों पर उतरे और रिहर्सल की निगरानी किए। लोगों को बताया गया कि यह केवल एक अभ्यास है, ताकि युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिक जान सकें कि उन्हें क्या करना है। इस कारण कराया गया ब्लैकआउट डीएम विशाल राज ने कहा, “अगर कभी युद्ध जैसी स्थिति आती है, तो सायरन बजते ही सभी नागरिक लाइटें बंद कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं, ताकि दुश्मन को आबादी का अंदाजा न लग सके। यहां तक कि मोबाइल और मोमबत्ती की रोशनी भी बंद रखनी चाहिए।” 7:10 बजे, ब्लैकआउट समाप्त हुआ और शहर की रोशनी पुनः चालू कर दी गई। इस दौरान माइक के जरिए घोषणाएं की जाती रहीं, जिनमें सुरक्षित रहने के उपाय बताए गए। एसपी सागर कुमार ने बताया, “लोगों ने प्रशासन के इस अभ्यास में शानदार सहयोग दिया। ऐसी स्थिति में घबराने के बजाय खिड़कियां ढकने, लाइटें बंद रखने और अनावश्यक बाहर न निकलने की आदत बनानी होगी।” पाकिस्तान से आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा हो स्थानीय निवासी कादिर रहमानी ने कहा, “हमें पहले से ही इस रिहर्सल के बारे में बताया गया था। आज के हालात में देश हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है। हम सरकार के साथ हैं और चाहते हैं कि पाकिस्तान से आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा हो।” डीएम ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य जन-जागरूकता बढ़ाना और प्रशासनिक तैयारियों को परखना है। उन्होंने और एसपी दोनों ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और भविष्य में ऐसे अभ्यासों में सहयोग देने की अपील की। किशनगंज में बुधवार शाम युद्धकालीन तैयारी के तहत 10 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। शाम 6:58 बजे पूरे शहर में सायरन बजाया गया, जिसके बाद लोगों ने अपने घरों और दुकानों की लाइटें बंद कर दीं। सड़क पर चल रहे वाहनों ने भी गाड़ियों की हेडलाइट बंद कर दी और वहीं रुक गए। ठीक 7:00 बजे, शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं थी। इस दौरान डीएम विशाल राज और एसपी सागर कुमार खुद शहर की सड़कों पर उतरे और रिहर्सल की निगरानी किए। लोगों को बताया गया कि यह केवल एक अभ्यास है, ताकि युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिक जान सकें कि उन्हें क्या करना है। इस कारण कराया गया ब्लैकआउट डीएम विशाल राज ने कहा, “अगर कभी युद्ध जैसी स्थिति आती है, तो सायरन बजते ही सभी नागरिक लाइटें बंद कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं, ताकि दुश्मन को आबादी का अंदाजा न लग सके। यहां तक कि मोबाइल और मोमबत्ती की रोशनी भी बंद रखनी चाहिए।” 7:10 बजे, ब्लैकआउट समाप्त हुआ और शहर की रोशनी पुनः चालू कर दी गई। इस दौरान माइक के जरिए घोषणाएं की जाती रहीं, जिनमें सुरक्षित रहने के उपाय बताए गए। एसपी सागर कुमार ने बताया, “लोगों ने प्रशासन के इस अभ्यास में शानदार सहयोग दिया। ऐसी स्थिति में घबराने के बजाय खिड़कियां ढकने, लाइटें बंद रखने और अनावश्यक बाहर न निकलने की आदत बनानी होगी।” पाकिस्तान से आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा हो स्थानीय निवासी कादिर रहमानी ने कहा, “हमें पहले से ही इस रिहर्सल के बारे में बताया गया था। आज के हालात में देश हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है। हम सरकार के साथ हैं और चाहते हैं कि पाकिस्तान से आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा हो।” डीएम ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य जन-जागरूकता बढ़ाना और प्रशासनिक तैयारियों को परखना है। उन्होंने और एसपी दोनों ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और भविष्य में ऐसे अभ्यासों में सहयोग देने की अपील की।
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