डीएम ने कहा- बच्चों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित करें:सिद्धार्थनगर में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा, गुणवत्ता पर जोर

डीएम ने कहा- बच्चों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित करें:सिद्धार्थनगर में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा, गुणवत्ता पर जोर

सिद्धार्थनगर। सोमवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में पीएम श्री स्कूल फेज-1 व फेज-2, विद्यालयों की बुनियादी सुविधाएं, ड्रेस-शू-मोजा DBT, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, जर्जर स्कूलों के ध्वस्तीकरण और निरीक्षण व्यवस्था जैसे सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों से साफ कहा- “शिक्षा सुधार कागज पर नहीं, जमीन पर दिखाई देना चाहिए।” बैठक देर शाम तक चली और डीएम ने एक-एक बिंदु पर एजेंडा आधारित समीक्षा की। डीएम ने कहा कि जिले में ऐसे बच्चों की संख्या एक भी नहीं रहनी चाहिए जिनका नामांकन तो हुआ है, लेकिन जन्म प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र के संबंधित उप जिलाधिकारी से लगातार संपर्क कर सभी लंबित मामलों को प्राथमिकता में निस्तारित कराएं। यूनिफॉर्म में लापरवाही अब नहीं चलेगी ड्रेस/जूता/मोजा की धनराशि DBT के माध्यम से अभिभावकों के खाते में भेज दी गई है। अब इसके बाद विद्यालयों में बच्चे यूनिफॉर्म में उपस्थित हों, यह सुनिश्चित करना विद्यालयों और अधिकारियों की जिम्मेदारी है।डीएम ने कहा—“धनराशि भेज दी गई, जिम्मेदारी पूरी समझ लेना गलत है। बच्चे स्कूल में यूनिफॉर्म में दिखें… इसे विभाग फील्ड में लागू कराए।” अनुदान का असर विद्यालय में दिखना चाहिए कंपोजिट ग्रांट, स्पोर्ट्स ग्रांट, टीएलएम ग्रांट के वास्तविक उपयोग और प्रभाव की पड़ताल बैठक का प्रमुख मुद्दा रहा। जिलाधिकारी ने कहा कि अनुदान का प्रभाव केवल बिल, एंट्री या रिपोर्ट में नहीं, बल्कि विद्यालय के वातावरण में दिखाई देना चाहिए।टीचिंग टाइम टेबल हर स्कूल में अंकित हो और उसका नियमित पालन भी सुनिश्चित किया जाए।
पीएम श्री स्कूल में गुणवत्ता को लेकर जीरो टॉलरेंस जिलाधिकारी ने पीएम श्री स्कूलों में चल रहे कार्यों—MDM टीन शेड निर्माण, टाइलिंग, छत मरम्मत, बाउंड्री वॉल—पर कहा कि गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इन विद्यालयों में गुणवत्ता में कोई भी समझौता स्वीकार नहीं होगा। डीएम ने कहा कि जर्जर भवन बच्चों के लिए खतरा हैं। ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव और अगली प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न हो। इन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा कराना विभाग की सामूहिक जिम्मेदारी है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों का भी नियमित निरीक्षण जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि विद्यालयों के निरीक्षण में नियमितता हो। निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सुधार का सबसे प्रभावी माध्यम है। बैठक में मौजूद अधिकारी बैठक में मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजत कुमार चौरसिया, परियोजना निदेशक नागेंद्र मोहन राम त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी वाचस्पति झा और समस्त खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा- सिद्धार्थनगर की शिक्षा व्यवस्था में आने वाले महीनों में बदलाव जमीन पर मापा जाएगा। परिणाम और बदलाव वास्तविक स्थिति में दिखें.. यही लक्ष्य है।

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