जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवाली अवकाश के दौरान स्कूल संचालन नहीं करने के नोटिस से जुड़े मामले में जयपुर के पांच और अजमेर के एक निजी स्कूलों को राहत दी है। कोर्ट ने इन स्कूलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग से जवाब-तलब किया।
न्यायाधीश संजीत पुरोहित ने सोसायटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स की ओर से दायर छह निजी स्कूलों की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। इनमें जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह, जयश्री पेडीवाल, नीरजा मोदी, संस्कार व सेंट एडमंड और अजमेर के ऑल सेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं।
याचिका में बताया कि सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने कैलेंडर तय कर रखा है, जिसे गैर सरकारी स्कूलों और अनएडेड स्कूलों पर लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ता स्कूलों को नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक दिवाली अवकाश रखने को कहा। नोटिस में चेतावनी दी कि अवकाश नहीं रखने पर नियमानुसार कार्रवाई कर उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है।
याचिका में कहा कि राज्य सरकार को शिविरा पंचांग निजी स्कूलों पर लागू करने का अधिकार नहीं है। यदि शिविरा पंचांग लागू करेंगे तो आरटीई अधिनियम के तहत निर्धारित शैक्षणिक दिवस पूरे नहीं कर पाएंगे।
शिविरा पंचांग में जहां 105 कार्य दिवस बताए हैं, वहीं आरटीई एक्ट में कक्षा पहली से पांचवी तक 200 दिन और कक्षा छह से आठवीं तक 220 दिन कार्य दिवस हैं। ऐसे में विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए पाबंद किया जाए।
आदेश और हकीकत में फर्क, अब अभिभावक की सहमति से ही खुल सकेंगे स्कूल
शिक्षा विभाग ने सरकारी और निजी स्कूलों में 13 से 25 अक्टूबर तक दिवाली अवकाश घोषित किया था। इसके बावजूद राजधानी के कई निजी स्कूलों ने आदेश की अवहेलना की और बच्चों को बुलाया। इस पर अभिभावकों की शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंचीं। अब विभाग ने एक बार फिर संशोधित आदेश जारी किया है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूलों को भी शैक्षणिक पंचांग का पालन करना होगा। 13 से 25 अक्टूबर तक दिवाली अवकाश अनिवार्य रहेगा। यदि अभिभावक सहमति देते हैं तो स्कूल संचालन किया जा सकता है, लेकिन दीपोत्सव के दौरान छुट्टी रखना अनिवार्य है।


