पिंटू सेंगर मर्डर केस में दीनू उपाध्याय को भेजा जेल:पांच साल बाद मर्डर केस में पुलिस ने की अरेस्टिंग, दीनू का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराएगी पुलिस

पिंटू सेंगर मर्डर केस में दीनू उपाध्याय को भेजा जेल:पांच साल बाद मर्डर केस में पुलिस ने की अरेस्टिंग, दीनू का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराएगी पुलिस

कानपुर की क्राइमब्रांच और कोहना पुलिस ने कानपुर के हाई प्रोफाइल बसपा नेता पिंटू सेंगर मर्डर केस के आरोपी दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज उपाध्याय को अरेस्ट कर लिया। पिंटू मर्डर केस में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की टीम ने बड़ा एक्शन लिया है। दीनू और उसका साथी अधिवक्ता अरिदम सिंह केस में नामजद आरोपी थे, लेकिन अपने रसूख और पुलिस अफसरों से साठगांठ करके केस से अपना नाम बाहर निकलवा लिया था। शिकायत मिलने पर पुलिस कमिश्नर ने मर्डर केस की तह तक जाकर मामले की जांच कराई। अब दीनू को अरेस्ट करके जेल भिजवा दिया, अरिदमन को भी जल्द अरेस्ट करके जेल भेजेगी। पांच साल बाद हत्यारोपियों के अरेस्ट होने से पिंटू के परिवार ने ली राहत की सांस ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर ने बताया कि 20 जून 2020 को चकेरी थाना क्षेत्र में बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोलियों से भूनकर दिन दहाड़े जमीनी रंजिश में हत्या कर दी गई थी। पिंटू की हत्या सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिवंगत सपा नेता चन्द्रेश सिंह के घर के सामने उस समय कर दी गयी थी जब वो एक जमीन के सम्बंध मे बातचीत करने गए थे। इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में मृतक पिंटू के भाई धर्मेन्द्र सिंह सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, दीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह एवं अज्ञात हत्यारों के खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद हत्याकांड की साजिश मे आमिर बिच्छू, तौसीफ, तनवीर बादशाह, टायसन, वीरेंद्र पाल, सिपाही श्याम सुशील मिश्रा, के अलावा हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर हैदर, राशिद कालिया, फैसल कुरैशी, अहसान कुरैशी, सलमान बेग का नाम सामने आया था। पुलिस ने इन सभी को अरेस्ट करके जेल भेजा था। लेकिन विवेचना के दौरान पुलिस ने दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज और अधिवक्ता अरिदमन सिंह का नाम केस से बाहर कर दिया था। मामले की पैरवी कर रहे मृतक के भाई धर्मेन्द्र सिंह ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत करते हुए बताया कि उनके भाई के मर्डर में रसूखदार हत्यारोपियों दीनू और अरिदमन सिंह का नाम जांच में निकाल दिया था। दूसरा साथी अरिदमन भी जाएगा जेल पुलिस कमिश्नर ने केस में नामजद आरोपी दीनू और अरिदमन के खिलाफ जांच बैठाई तो सच्चाई सामने आ गई। जांच में पुलिस ने पांच साल बाद इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस के आरोपी दीनू और अधिवक्ता अरिदमन सिंह का नाम खोल दिया है। इसके बाद शुक्रवार रात को पुलिस ने दीनू उपाध्याय को अरेस्ट कर लिया है। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि दीनू को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अरेस्टिंग कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। जल्द ही दूसरे नामजद आरोपी अरिदमन सिंह को भी अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा। दीनू का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट पिंटू मर्डर केस में अरेस्ट किए गए हत्यारोपी दीनू उपाध्याय का पुलिस जल्द ही लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराएगी। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि दीनू के झूठ पुलिस के बाद अब मशीन से भी पकड़ा जाएगा। मेडिकल और पुलिस की टीम इसे जल्द ही पूरा करेगी। यह जांच भी कोर्ट में तमाम सारे गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर तैयार की गई है इासके अब आपको बताते हैं क्या होता है लाई डिटेक्टर टेस्ट लाई डिटेक्टर टेस्ट, जिसे पॉलीग्राफ टेस्ट भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के शरीर में होने वाले बदलावों को मापता है। जब उसे प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, हृदय गति, रक्तचाप, सांस लेने की गति और त्वचा की चालकता जैसे संकेत मापे जाते हैं। इन संकेतों में बदलाव के आधार पर यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या फिर झूठ बोल रहा है। अपराध छिपाने को फर्जी मार्कशीट से वकील बना था दीनू पिंटू के भाई धर्मेन्द्र सिंह सेंगर ने एक महीना पहले दीनू पर फर्जी मार्कशीट के सहारे वकील बनने के मामले में दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज उपाध्याय के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज उपाध्याय क्राइस्ट चर्च कलेज से सन 1992 में बीए थर्ड डिविजन पास हुआ था। थर्ड डिवीजन पास होने के चलते वह एलएलबी करने के योग्य नहीं था, लेकिन दीनू ने अपनी आपराधिक गतिविधियों को आवरण देने के उद्देश्य से वकालत की फर्जी कूट रचित डिग्री बनवाकर बार कौन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश में वकील के रूप में अपना पंजीकरण करवा लिया। जबकि अभ्यर्थी स्नातक में 45 प्रतिशत या इससे अधिक प्राप्तांक होने पर ही एलएलबी में प्रवेश ले सकता है। जबकि दीनू ने थर्ड डिवीजन पास होने के बाद भी धोखाधड़ी करके लॉ कर लिया और आरोप है कि यह प्रैक्टिसनर अधिवक्ता नहीं हैं। सिर्फ विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त ही इनका मूल पेशा है। दीनू के खिलाफ 7 अपराधिक मामले दर्ज हैं।

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