पलवल में रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 17 दिसंबर को डीसी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। यह फैसला रविवार को जिला प्रधान बलजीत सिंह शास्त्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक का संचालन जिला सचिव हरीचंद वर्मा ने किया। इस दौरान आगामी आंदोलन की रणनीति और विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना राज्य उप-प्रधान दरयाव सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मार्च 2025 में पारित वित्त विधेयक के दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। दरयाव सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने आठवें वेतन आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह केवल उतनी ही सैलरी-पेंशन बढ़ाए जिससे देश का कर्ज न बढ़े और जीडीपी पर बोझ न पड़े। दरयाव सिंह ने आगे कहा कि सरकार पुरानी पेंशन स्कीम के पेंशनर्स को बोझ मान रही है, जबकि इस स्कीम के तहत पेंशनर्स का 14 लाख करोड़ रुपए का पेंशन फंड सरकार के पास जमा है। दरयाव सिंह के अनुसार, सरकार की नजर इसी फंड पर है और वह आठवें वेतन आयोग के बहाने पेंशनर्स को लाभ से वंचित कर यह राशि अपने चहेते पूंजीपतियों को सौंपने की साजिश रच रही है। उन्होंने वित्त विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की। पूंजीपतियों के पक्ष में चार नए श्रम संहिताएं लागू जिला प्रधान बलजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयोग से निजी क्षेत्र व सरकारी कंपनियों की सैलरी, बोनस और कामकाजी परिस्थितियों की समीक्षा करवाने को कहा है, ताकि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को निजी क्षेत्र से नीचे रखा जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों के पक्ष में चार नए श्रम संहिताएं लागू की हैं, जिनसे कर्मचारियों से अधिक घंटे काम लिया जा सकेगा। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पेंशनर्स-विरोधी नीतियां वापस नहीं ली गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। राज्यपाल को सौंपेंगे ज्ञापन कर्मचारियों ने बैठक में निर्णय लिया कि वे अपनी मांगों को लेकर संघ के बैनर तले आगामी 17 दिसंबर को सुबह डीसी कार्यालय पलवल के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे और डीसी के माध्यम से राज्यपाल के जरिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक को मुख्य रूप से राम आसरे यादव, अशोक तेवतिया, देवेंद्र नंबरदार, निरंजन शर्मा, मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, जोगेंद्र, यशपाल शास्त्री, शिशुपाल सिंह, अमीर अहमद, सोहन पाल चौहान व रूप राम तेवतिया आदि ने भी संबोधित किया।


