Deepika Padukone Controversy: एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जब से संदीप रेड्डी वंगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ से बाहर हुईं, तब इंडस्ट्री में 8 घंटे की शिफ्ट टाइमिंग को लेकर अलग बहस छिड़ गई। अब इस पर दीपिका ने कहा कि काम के घंटों में कोई लिमिट ना होने के चलते ही फिल्म छोड़ी थी। इंडस्ट्री में बहुत सारे ऐसे लोग है जो दीपिका के सपोर्ट में आए, तो कुछ ने विपरीत टिप्पणी की। अब पहली बार खुद दीपिका पादुकोण ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है।
वर्किंग आवर्स के विवादों पर दीपिका का फूटा गुस्सा
बता दें कि एक इंटरव्यू में दीपिका ने अपने मदरहुड पर खुल कर बात की है, और कहा पर्सनल और व्यावसायिक दोनों ही मायनों में बदलकर रखा है, और मां बनने के बाद उन्होंने अपनी कम्फर्ट जोन से बाहर आकर अलग तरह की जिम्मेदारियां और चुनौतियां अपनाईं है।
इसके साथ ही उन्होंने अभिनय बिजनेस में भेद-भाव और काम‑काज के अनुचित तरीकों पर चिंता जताई है। इसके साथ ही दीपिका ने आगे कहा कि ”कई मेल एक्टर्स सप्ताह में सिर्फ 8 घंटे काम करते हैं और वीकेंड पर रुक जाते हैं, पर उनकी चर्चा कम होती है। दूसरी ओर फिमेल के साथ पैसों और काम के नियमों में भेदभाव देखने को मिलता है, आखिर ऐसा क्यों।” उनके लिए इंडस्ट्री में ‘सब चलता है’ जैसी सोच को बंद करने की वकालत की और चेतावनी दी कि मानसिक सेहत और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
काम के नियमों में भेदभाव
इतना ही नहीं, अभिनेत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि सब स्थिति के बारे में जानते हैं, लेकिन बदलाव के लिए आवाज उठाने वाली कई कलाकारों की बात सार्वजनिक रूप से नहीं होती। दीपिका ने जोर देकर कहा कि वे समान काम के लिए समान वेतन और बेहतर वर्किंग कंडीशन्स की मांग को चुपचाप आगे बढ़ा रही हैं, और कई नई‑नई एक्ट्रेसेस भी अब 8 घंटे के काम और लचीले व्यवस्था की मांग कर रही हैं, जो बदलाव का संकेत है।
दरअसल, दीपिका ने बताया कि उनका संघर्ष पर्सनल और काम दोनों स्तरों पर जारी रहेगा, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य पर खुले तौर पर बात हो और फिल्म‑टीवी पर काम के लिए संवेदनशील बने।


