गाजीपुर मेडिकल कॉलेज गेट पर गहरे गड्ढे:दुकानदार बचाव के लिए लगा रहे टोकरी और पेड़ की डालियां, राहगीरों को परेशानी

गाजीपुर मेडिकल कॉलेज गेट पर गहरे गड्ढे:दुकानदार बचाव के लिए लगा रहे टोकरी और पेड़ की डालियां, राहगीरों को परेशानी

गाजीपुर में सड़कों की खराब हालत सामने आई है, खासकर मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर। यहां गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे मरीजों और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर सीवर लाइन डालने के बाद खोदे गए गड्ढे दोबारा धंस गए हैं। इन गड्ढों के कारण आवागमन बाधित हो रहा है। स्थानीय दुकानदारों ने लोगों को दुर्घटना से बचाने के लिए फल की टोकरियां और लकड़ियां लगाकर अस्थायी चेतावनी संकेत बनाए हैं। इन गड्ढों के साथ-साथ कूड़े के ढेर से उठने वाली बदबू और संक्रमण का खतरा भी मरीजों के लिए एक नई समस्या बन गया है। यह स्थिति अस्पताल आने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर रही है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी और ओपीडी के बीच लगभग 200 मीटर की दूरी में तीन से चार बड़े गड्ढे मौजूद हैं। इन गड्ढों में एंबुलेंस और बाइक सवारों के फंसने का खतरा बना रहता है। लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए इन गड्ढों में पेड़ की डालियां लगाकर चेतावनी के संकेत दिए हैं। यह स्थिति उन दावों पर सवाल उठाती है जो सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए किए गए थे। 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले अस्पताल परिसर की सड़कों का इस तरह से खराब होना मरीजों की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। सरकारी वादे जमीनी हकीकत से कोसों दूर, हादसों का इंतजार कब तक? कुछ दिन पहले रिवर बैंक कॉलोनी में न्यायाधीश की गाड़ी गड्ढे में फंसने से बड़ा हादसा टल गया था, तब प्रशासन सक्रिय हुआ। लेकिन मेडिकल कॉलेज और शहर की अन्य सड़कों की हालत आज भी जस की तस है। सरकार के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान का दावा अब मजाक बन चुका है। सवाल यह है कि जब जीवन रक्षक संस्थान तक जाने वाली सड़कें ही जानलेवा बन जाएं, तो जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?

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