छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पुलिस कस्टडी में चोरी के आरोपी की मौत के छठवें दिन भी परिजन सहमत नहीं हुए। परिजन अपनी मांगों को लेकर सीतापुर में धरना दे दिया है। परिजनों ने दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने और एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग रखी है। एसडीएम से चर्चा के बाद कोई सहमति नहीं बनीं तो परिजनों ने फिलहाल शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। बलरामपुर की एक ज्वेलरी शॉप में 30-31 अक्टूबर की दरम्यानी रात 50 लाख रुपए से अधिक की चोरी के मामले में गिरफ्तार 19 वर्षीय उमेश सिंह की पुलिस हिरासत में 9 नवंबर, रविवार को मौत हो गई। उमेश सिंह को पुलिस ने 6 नवंबर को हिरासत में लिया था। परिजनों ने युवक को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया है। सोमवार को इसे लेकर परिजनों ने बलरामपुर थाने के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। छठवें दिन भी अंतिम संस्कार नहीं
मंगलवार को परिजनों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर सीतापुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर 1 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है। ज्ञापन में परिजनों ने उमेश सिंह के शव का अंबिकापुर और सीतापुर के डॉक्टरों की टीम से पोस्टमॉर्टम कराने डिमांड की है। सरगुजा आईजी से चर्चा के बाद भी परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए। पुलिस ने युवक के शव को बलरामपुर जिले के राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया है। शव की सुरक्षा के लिए सीएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। शव को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर मंगाया गया है और सुरक्षा में सीएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। छठवें दिन भी नहीं बनी अंतिम संस्कार के लिए सहमति
परिजनों को पुलिस अधिकारियों एवं एसडीएम सीतापुर ने बताया कि चूंकि शव का पोस्टमॉर्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में डॉक्टरों की टीम ने किया है, इस कारण दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए कोर्ट से अनुमति नहीं मिली है। परिजनों ने शुक्रवार को सीतापुर एसडीएम से मुलाकात की और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मंगाए जाने की मांग रखी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी परिजनों को नहीं मिल सकी है। बताया गया है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के लिए बलरामपुर पुलिस से संपर्क किया गया है। परिजनों ने कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस का दावा- पहले से बीमार था मृतक
मृतक उमेश सिंह आदतन बदमाश था। उसके खिलाफ पहले में भी चोरी के मामले दर्ज हैं। वह कुख्यात नट गिरोह का सदस्य था। बलरामपुर पुलिस ने बताया है कि सिलकसेल से पीड़ित होने के कारण पूर्व में वह 34 बार हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था। सिकल सेल से पीड़ित होने के कारण उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई।


