Daytime Napping in Summer : जैसे ही गर्मियों की तपिश बढ़ती है, हमारा शरीर और मन सुकून की तलाश करने लगता है। इसी संदर्भ में आयुर्वेद कुछ चौंकाने वाले लेकिन उपयोगी सुझाव देता है। आमतौर पर दिन में सोना आलस्य का प्रतीक माना जाता है, परंतु आयुर्वेदिक दृष्टिकोण इसे गर्मियों के मौसम में लाभकारी बताता है। आइए जानते हैं क्यों। Benefits Daytime Napping in Summer
गर्मियों में दिन में सोना – क्यों सही है? (Daytime Napping in Summer)
आयुर्वेद के अनुसार, मौसम के अनुसार शरीर के दोष (वात, पित्त, कफ) में बदलाव आता है। गर्मियों में सूर्य की तेज़ गर्मी से वात दोष बढ़ता है, जिससे शरीर में शुष्कता (ड्राईनेस), चिड़चिड़ापन और थकावट महसूस होती है। दिन में थोड़ी देर की नींद इस असंतुलन को ठीक कर सकती है क्योंकि इससे कफ दोष सक्रिय होता है, जो शरीर को शीतलता और नमी प्रदान करता है।
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नींद की कमी से बढ़ता है वात दोष
रात की नींद पूरी न होने पर वात दोष और अधिक बढ़ जाता है। यह समस्या गर्मियों में और गंभीर हो सकती है क्योंकि रातें छोटी होती हैं और नींद पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में दिन में झपकी लेना शरीर को पुनः संतुलन में लाता है। यही कारण है कि आयुर्वेद दिन की नींद को इस मौसम में लाभकारी मानता है।
चरक संहिता की दृष्टि से नींद का महत्व
आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में नींद को जीवन के तीन आधार स्तंभों में से एक माना गया है। इसके अनुसार अच्छी नींद से:
– शरीर का पुनर्निर्माण होता है
– मानसिक तनाव कम होता है
– प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है
– चरक संहिता में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, और मौसम के अनुसार नींद की आवश्यकता बदलती है।
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कब और कैसे लें दिन की नींद? (When and how to take daytime sleep?)
हालांकि दिन में सोना हमेशा फायदेमंद नहीं होता, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह ज़रूरी और लाभदायक होता है:
– गर्मियों में दोपहर के समय, जब शरीर थका हुआ महसूस करे
– शारीरिक मेहनत या थकावट के बाद
– नींद की कमी के कारण अगर सिर भारी हो जाए
ध्यान रखें कि दिन की नींद हल्की होनी चाहिए और अधिक समय तक नहीं सोना चाहिए, वरना यह सुस्ती या भारीपन ला सकती है।
स्वस्थ जीवन के लिए नींद को अपनाएं (Adopt sleep for a healthy life)
नींद को आलस्य नहीं बल्कि एक आवश्यक उपचार समझें। नियमित, अच्छी गुणवत्ता वाली नींद न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी अनिवार्य है। गर्मियों के मौसम में शरीर की जरूरतों को समझें और दोपहर में थोड़ी देर की नींद को अपनाएं – आयुर्वेद भी यही कहता है।
गर्मी के मौसम में दिन में थोड़ी देर की नींद कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन के लिए एक तरह की प्राकृतिक चिकित्सा है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि शरीर के संकेतों को समझें और उसके अनुसार जीवनशैली अपनाएं – ताकि हम स्वस्थ, संतुलित और आनंदमय जीवन जी सकें।