शिवहर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। बुधवार को बागमती नदी के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पवित्र बागमती नदी में स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। पिपराही घाट, बेलवा घाट, डूबा घाट और अदौरी घाट समेत जिले के सभी प्रमुख घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने वालों की लंबी कतारें लगी रहीं। महिलाओं ने दीप जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं, बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर परिसर में भी जलाभिषेक और पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बनी रही। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर जिला प्रशासन ने पहले से ही विशेष तैयारियां की थीं। प्रशासन की ओर से सभी घाटों पर सुरक्षाकर्मी, गोताखोर और स्वयंसेवक तैनात किए गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी तरह की दुर्घटना से बचाव के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की गई थी। पूरे जिले में इस मौके पर धार्मिक उत्साह और शांति का वातावरण रहा। श्रद्धालुओं ने इसे पुण्य कमाने और जीवन में सकारात्मकता लाने वाला पवित्र दिन बताया। शिवहर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। बुधवार को बागमती नदी के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पवित्र बागमती नदी में स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। पिपराही घाट, बेलवा घाट, डूबा घाट और अदौरी घाट समेत जिले के सभी प्रमुख घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने वालों की लंबी कतारें लगी रहीं। महिलाओं ने दीप जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं, बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर परिसर में भी जलाभिषेक और पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बनी रही। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर जिला प्रशासन ने पहले से ही विशेष तैयारियां की थीं। प्रशासन की ओर से सभी घाटों पर सुरक्षाकर्मी, गोताखोर और स्वयंसेवक तैनात किए गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी तरह की दुर्घटना से बचाव के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की गई थी। पूरे जिले में इस मौके पर धार्मिक उत्साह और शांति का वातावरण रहा। श्रद्धालुओं ने इसे पुण्य कमाने और जीवन में सकारात्मकता लाने वाला पवित्र दिन बताया।


