मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्से में पिछले दिनों से जारी बारिश से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। खलिहान और मंडियों में खुले में रखी कटी फसल भी भीगने से सड़ गई है। किसानों का करीब 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। श्योपुर में तो धान की फसल खराब होने से परेशान किसान कैलाश मीणा ने फांसी लगा ली। यहां कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल प्रभावित इलाकों में किसानों से मिलने पहुंच रहे हैं। उन्होंने उचित मुआवजा मिलने तक जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया है। कहा है कि जब तक किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, चैन से नहीं बैठेंगे। वहीं, कलेक्टर ने सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश रद्द कर दिए हैं। किसानों की समस्याओं के समाधान और सहायता के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। हेल्पलाइन नंबर 075302-22631 और 075302-21459 भी जारी किया है। एसडीएम, तहसीलदारों और पटवारियों को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। तलावड़ा के रहने वाले हरपाल सिंह ने बताया कि उनकी फसल को 35 से 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। बुखारी, आवदा और मसावनी जैसे कई गांवों में जिन लोगों ने कटाई कर फसल को खेत के किनारों या खलिहान में रखा था, उनकी धान सड़ने लगी है।


