पटना में 92 निजी अस्पतालों में ही कोरोना का इलाज होगा

पटना में 92 निजी अस्पतालों में ही कोरोना का इलाज होगा

शहर में अब कोरोना के मरीज रोज मिल रहे हैं। बुधवार को भी दो मरीज मिले। ये मरीज कंकड़बाग और आलमगंज की बजरंगपुरी के हैं। इसके साथ ही जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 11 पर पहुंच गई है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि चार मरीजों का इलाज अस्तपाल में भर्ती करके किया जा रहा है। बाकी घर में हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है। इस बीच, बिना अनुमति कोरोना का इलाज करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। पटना जिले में 92 निजी अस्पतालों को ही कोरोना के इलाज की अनुमति दी गई है। इनके अलावा कोई भी अस्पताल मरीज को भर्ती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसको लेकर सिविल सर्जन द्वारा जल्द ही आदेश जारी होगा। इससे पहले कोविड की लहरों के दौरान कई निजी अस्तपालों ने मरीजों को भर्ती कर मोटी रकम वसूली थी। मरीजों के साथ ठगी नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि इन चिह्नित अस्पतालों के अलावा किसी अन्य निजी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करना प्रतिबंधित है। अन्य कोई अस्पताल कोरोना का इलाज करने में सक्षम है और सभी नियमों का पालन करता है तो उसे रजिस्टर्ड किया जा सकता है। प्राइवेज लैब में हुई जांच बुधवार को मिले दोनों मरीजों की जांच शहर की एक प्राइवेट लैब में की गई थी। लैब ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को भेजी है। उधर एनएमसीएच में बुधवार को भी 16 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि बुधवार को अस्पताल में संग्रह किए गए 16 मरीजों के सैंपल जांच के लिए आए थे। इसमें किसी की रिपोर्ट में बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। अस्पताल में जांच का दायरा बढ़े, इसके लिए तैयारी की जा रही है। खासतौर से ऑपरेशन कराने वाले रोगियों की जांच हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से योजना बनाई जा रही है। मेडिसिन विभाग के लिए बने प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल एक सौ बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। इसमें कोविड के मरीज आने पर भर्ती कर इलाज किया जायेगा। फिलहाल एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है। शहर में अब कोरोना के मरीज रोज मिल रहे हैं। बुधवार को भी दो मरीज मिले। ये मरीज कंकड़बाग और आलमगंज की बजरंगपुरी के हैं। इसके साथ ही जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 11 पर पहुंच गई है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि चार मरीजों का इलाज अस्तपाल में भर्ती करके किया जा रहा है। बाकी घर में हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है। इस बीच, बिना अनुमति कोरोना का इलाज करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। पटना जिले में 92 निजी अस्पतालों को ही कोरोना के इलाज की अनुमति दी गई है। इनके अलावा कोई भी अस्पताल मरीज को भर्ती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसको लेकर सिविल सर्जन द्वारा जल्द ही आदेश जारी होगा। इससे पहले कोविड की लहरों के दौरान कई निजी अस्तपालों ने मरीजों को भर्ती कर मोटी रकम वसूली थी। मरीजों के साथ ठगी नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि इन चिह्नित अस्पतालों के अलावा किसी अन्य निजी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करना प्रतिबंधित है। अन्य कोई अस्पताल कोरोना का इलाज करने में सक्षम है और सभी नियमों का पालन करता है तो उसे रजिस्टर्ड किया जा सकता है। प्राइवेज लैब में हुई जांच बुधवार को मिले दोनों मरीजों की जांच शहर की एक प्राइवेट लैब में की गई थी। लैब ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को भेजी है। उधर एनएमसीएच में बुधवार को भी 16 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि बुधवार को अस्पताल में संग्रह किए गए 16 मरीजों के सैंपल जांच के लिए आए थे। इसमें किसी की रिपोर्ट में बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। अस्पताल में जांच का दायरा बढ़े, इसके लिए तैयारी की जा रही है। खासतौर से ऑपरेशन कराने वाले रोगियों की जांच हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से योजना बनाई जा रही है। मेडिसिन विभाग के लिए बने प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल एक सौ बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। इसमें कोविड के मरीज आने पर भर्ती कर इलाज किया जायेगा। फिलहाल एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है।  

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *