कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यसमिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह दी गई है। अखिलेश सिंह को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए नॉमिनेट किया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सर्वोच्च कमेटी में से एक है जो कांग्रेस पार्टी की नीति और एजेंडा रिलेटेड नीतियों को समय-समय पर तय करती है। 2 महीने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था दो महीने पहले ही अखिलेश सिंह को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह पार्टी के विधायक राजेश कुमार को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अखिलेश सिंह को हटाने की वजह पार्टी के अंदरूनी मतभेद और प्रदेश इकाई में लगातार उठ रहे असंतोष को माना जा रहा था। अखिलेश सिंह को लालू यादव का करीबी भी माना जाता है। पार्टी के अंदर और बाहर कई नेता ऐसा मानते हैं कि बिहार में कांग्रेस इसलिए मजबूत नहीं हो पा रही कि लालू प्रसाद नहीं चाहते हैं। सेल्फ इंटरेस्ट में पॉलिटिक्स का आरोप अखिलेश सिंह पर कई आरोप लगे हैं। उन पर सेल्फ इंटरेस्ट में पॉलिटिक्स का भी आरोप लगा है। अखिलेश का राज्यसभा का टर्म पूरा हो गया था, वे चाहते तो किसी अन्य कांग्रेसी को मौका दे सकते थे, लेकिन दोबारा कांग्रेस से राज्यसभा गए। दो साल पहले अखिलेश प्रसाद सिंह को ऐसे समय में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, जब इनके पास इतना समय था कि वे लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की बेहतर तैयारी करते। लेकिन, हुआ यह कि कांग्रेस को विधानसभा में टूट से नहीं बचा सके। कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया था। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यसमिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह दी गई है। अखिलेश सिंह को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए नॉमिनेट किया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सर्वोच्च कमेटी में से एक है जो कांग्रेस पार्टी की नीति और एजेंडा रिलेटेड नीतियों को समय-समय पर तय करती है। 2 महीने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था दो महीने पहले ही अखिलेश सिंह को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह पार्टी के विधायक राजेश कुमार को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अखिलेश सिंह को हटाने की वजह पार्टी के अंदरूनी मतभेद और प्रदेश इकाई में लगातार उठ रहे असंतोष को माना जा रहा था। अखिलेश सिंह को लालू यादव का करीबी भी माना जाता है। पार्टी के अंदर और बाहर कई नेता ऐसा मानते हैं कि बिहार में कांग्रेस इसलिए मजबूत नहीं हो पा रही कि लालू प्रसाद नहीं चाहते हैं। सेल्फ इंटरेस्ट में पॉलिटिक्स का आरोप अखिलेश सिंह पर कई आरोप लगे हैं। उन पर सेल्फ इंटरेस्ट में पॉलिटिक्स का भी आरोप लगा है। अखिलेश का राज्यसभा का टर्म पूरा हो गया था, वे चाहते तो किसी अन्य कांग्रेसी को मौका दे सकते थे, लेकिन दोबारा कांग्रेस से राज्यसभा गए। दो साल पहले अखिलेश प्रसाद सिंह को ऐसे समय में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, जब इनके पास इतना समय था कि वे लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की बेहतर तैयारी करते। लेकिन, हुआ यह कि कांग्रेस को विधानसभा में टूट से नहीं बचा सके। कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया था।
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