भोपाल की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान टॉप रैंकर्स के फाउंडर हर्ष गगरानी, करण और उनके एम्पलायी शाहनवाज खान पर लगे छेड़छाड़ और हैरेसमेंट के आरोपों को एक महीना बीत चुका है। जांच अब भी बेनतीजा है। पुलिस अब तक दोनों ही पक्षों के खिलाफ कार्रवाई तय नहीं कर सकी है। जबकि शिकायत थाना एमपी नगर में 9 अक्टूबर को की गई थी। पीड़िता का आरोप है कि एक महीने में चार बार बयान दर्ज कराने के नाम पर थाने बुलाया जा चुका है। घंटों बैठाकर तरह-तरह के सवालात किए गए। फिर भी कोई कार्रवाई तय नहीं की गई। ऐसे में कार्रवाई की मांग को लेकर डीसीपी कार्यालय से सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की है। पीड़िता ने बताया है कि यहां तक की दीपावली जेल में कटवाने तक की धमकी दी गई। इसके प्रमाण भी मैंने पुलिस को सौंपे हैं, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है। अब थाने जाओ तो बताया जाता है कि एसीपी केस की जांच कर रहे हैं। जब एसीपी मनीष भारद्वाज के पास जांच का स्टेटस जानने पहुंची तो उन्होंने बार-बार न आने की नसीहत देकर ऑफिस से चलता कर दिया। बताया जा रहा है कि मेरे खिलाफ हर्ष गगरानी और उनके संस्थान की ओर से डॉटा चोरी की शिकायत की गई है। पुलिस जांच करे, यदि मैं चोर हूं तो मुझ पर भी कार्रवाई तय करे, लेकिन मेरी शिकायत पर भी कार्रवाई तय करे। पुलिस एक महीने बाद भी जांच पूरी नहीं कर सकी है। मैं अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ती रहूंगी। डीजीपी से लेकर सीएम तक शिकायत करूंगी, जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण में भी जाउंगी। बैड टच कर अनर्गल बातें करते थे तीनों
जानकारी के मुताबिक 24 वर्षीय युवती एमपी नगर की एक लॉ कोचिंग में जॉब कर रही है। उसका आरोप है कि 3 सितंबर 2025 को उन्होंने पूर्व संस्थान टॉप रैंकर्स को छोड़ दिया था। इसकी वजह यह थी कि वहां के तीनों प्रमुख हर्ष, करन और शाहनवाज उसके साथ बैड टच और अनर्गल बातें करते थे। इस कारण उसने संस्थान को छोड़ दिया था, लेकिन आरोपी संस्थान न छोड़ने का दबाव बनाते रहे। बयान दर्ज कराते समय पहली बार लगाए थे आरोप
पीड़िता का कहना है कि जब संस्थान को छोड़ा तो आरोपियों को शक था कि मैं उनकी करतूतों के खिलाफ थाने जा सकती हूं। इसलिए कोचिंग संचालकों ने उसके खिलाफ डेटा चोरी की फर्जी शिकायत की। जबकि बदनामी के डर से मैने तीनों के खिलाफ शिकायत नहीं की थी। लेकिन एमपी नगर पुलिस ने डेटा चोरी की शिकायत के बाद उसे बयान दर्ज कराने बुलाया। तब उसने अपने साथ हुई छेड़छाड़ की बात पुलिस को बताई। तमाम आरोप निराधार, पहले हमने की शिकायत
मामले को लेकर हर्ष गगरानी ने बताया कि युवती के आरोप निराधार हैं। वह हमारी एक प्रतिद्वंदी कोचिंग में जॉब कर रही है। उसने कोचिंग को छोड़ने से पहले ही प्लानिंग के तहत हमारा कीमती डेटा दूसरे कोचिंग संचालक को दिया है। इस मामले की शिकायत थाने में हमने पहले की है। इसके करीब एक महीने बाद जब युवती बयान दर्ज कराने आई तब उसने हम पर गलत आरोप लगा दिए। जबकि हकीकत यह है कि रिजाइन देने के साथ ही हमारा चोरी किया गया डेटा डिलीट भी कर दिया गया। कंपनी के दिए लैपटॉप को युवती ने फार्मेट कर दिया था। इसके बाद युवती जहां जॉब कर रही है उसके संचालक के खिलाफ डिफेमेशन केस फाइल किया है। वहीं, युवती के खिलाफ डेटा चोरी की शिकायत की है। कार्रवाई से बचने के लिए गलत आरोप हम पर लगाए जा रहे हैं। हमारे पास 150 से अधिक महिला कर्मचारी हैं, कभी किसी तरह की शिकायत हमारे खिलाफ नहीं हुई है। पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है। हमें यकीन है कि जांच में आए तथ्यों के आधार पर ही पुलिस आगे कार्रवाई तय करेगी। हमने डेटा चोरी से लेकर हम पर लगे आरोपों के खिलाफ तमाम सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं। एसीपी बोले- दोनों पक्षों के कथन दर्ज, जांच जारी
केस की जांच कर रहे एसीपी मनीष भारद्वाज ने बताया कि दोनों ही पक्षों के कथन दर्ज किए जा चुके हैं। तमाम पहलुओं के मद्देनजर केस की जांच की जा रही है। जांच में आए तथ्यों के आधार पर आगे वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


