उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिन्हें अब तक शांत स्वभाव और मृदुभाषी नेता के रूप में जाना जाता था, अब विपक्ष पर अपने शब्दों से फायर करते नजर आ रहे हैं। हाल के दौरों में उनके बयान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फोकस अब विकास के साथ-साथ सख्ती पर भी है। टिहरी और पिथौरागढ़ में बीते तीन दिनों के भीतर सीएम धामी ने जिस तेवर के साथ विपक्ष पर हमला बोला, उसने साफ संकेत दिया कि अब उनका अंदाज बदल गया है। धामी ने कहा कि उनकी सरकार केवल कुर्सी बचाने के लिए नहीं, बल्कि राज्य का भविष्य सुरक्षित करने के लिए काम कर रही है। इसके साथ ही सीएम धामी ने धर्मांतरण, नकल माफिया, और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों पर अपनी सख्त नीति पर बोलते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें कठोर कहता है, तो वो इसे गर्व से स्वीकार करते हैं, क्योंकि उनकी कठोरता जनता के हित के लिए है, न कि सत्ता के लिए। अब पढ़िए सीएम के वो बयान जिनमें वो सख्त नजर आए….. टिहरी में बोले धामी- “हम कठोर हैं, लेकिन राष्ट्र विरोधियों के लिए” 27 अक्टूबर को टिहरी में सिद्धपीठ मां कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के उद्घाटन के दौरान सीएम धामी ने कहा — “हमने जनता के हितों को सुरक्षित रखने के लिए कठोर और ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिन्हें विपक्ष तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कभी लागू नहीं कर पाया। विपक्ष कहता है कि हम ज्यादा कठोर हैं, तो हां- हम कठोर हैं, लेकिन राष्ट्र विरोधियों, जनता का हक छीनने वालों और युवाओं को अंधकार में धकेलने वालों के लिए कठोर हैं।” धामी ने आगे कहा कि उनकी सरकार धर्मांतरण पर कानून लेकर आई और आने वाले समय में ऐसे कई कदम और भी उठाए जाएंगे, जिससे उत्तराखंड की पहचान “निरंतर प्रगति” से जुड़ी रहे। पिथौरागढ़ में दो टूक – “जितना विरोध होगा, उतना हम आगे बढ़ेंगे” 29 अक्टूबर को पिथौरागढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए धामी ने कहा- मैं सीना ठोक कर कहता हूं, जितना आप हमारे निर्णयों का विरोध करेंगे, हम उतना बढ़कर उन निर्णयों को धरातल पर उतारेंगे। हमारी सरकार फाइलों में नहीं, फैसलों से चलती है, और यही फर्क है हम में और विपक्ष में। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सालों तक देश को सिर्फ गरीबी और बर्बादी दी, जबकि उनकी सरकार ने युवाओं को रोजगार और पारदर्शिता दी। बदलती राजनीति, बदलता अंदाज राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, धामी की यह नई शैली आगामी विधानसभा चुनावों से पहले की रणनीति भी हो सकती है। विपक्ष पर हमले और प्रशासनिक सख्ती के जरिए वे अपनी सरकार की निर्णायक छवि को मजबूत करने की कोशिश में हैं।
CM धामी ने विपक्ष पर बदला अपना टोन:बोले- जितना विरोध करोगे, उतनी तेजी से काम करेंगे, हम राष्ट्रविरोधियों-हक छीनने वालों के लिए कठोर


