अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा पर विद्रोही संगठन M23 के लड़ाकों ने सोमवार को कब्जा करने का दावा किया। यहां सेना और विद्रोहियों के बीच लड़ाई जारी थी। इन विद्रोहियों को पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन हासिल है। लड़ाई के बाद हजारों लोग शहर छोड़कर भाग निकले। लगभग 20 लाख की आबादी वाले गोमा शहर में विद्रोहियों के घुसने और गोलीबारी से अफरातफरी का माहौल था। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक कई लोग सड़कों पर खड़े होकर विद्रोहियों का स्वागत भी कर रहे थे। दूसरी तरफ हजारों लोग अपने बच्चों और अन्य सामान के साथ रवांडा की सीमा में चले गए हैं। कांगो सरकार ने शहर में विद्रोहियों को घुसने की बात कबूली है, लेकिन शहर पर कब्जे की बात से इनकार किया है। 2012 में भी कब्जा किया था विद्रोही गुट M23 कांगो में सक्रिय 100 से ज्यादा विद्रोही गुटों में से एक है। इन विद्रोहियों ने 2012 में भी गोमा पर अस्थायी तौर पर कब्जा कर लिया था। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण में बाद में पीछे भी हट गए थे। हालांकि 2021 के अंत से इस गुट ने यहां एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए थे। कांगो सरकार और UN ने रवांडा पर विद्रोहियों को समर्थन देने के आरोप लगाए हैं। हालांकि रवांडा ने इन आरोपों को खारिज किया है। रवांडा के विदेश मंत्रालय ने कांगो पर M23 के साथ बातचीत करने में विफल रहने का आरोप लगाया। मंत्रालय ने कहा कि- इस विफलता ने लड़ाई को लंबा खींच दिया है, जो रवांडा की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। सेना को हथियार डालने के लिए 48 घंटे का समय दिया था विद्रोहियों ने शनिवार को कांगो सेना से 48 घंटे में हथियार डालने के लिए कहा था। इसके बाद सोमवार को विद्रोहियों ने सोमवार को कब्जे का दावा किया। लड़ाकों ने कांगो के सैनिकों से शहर के स्टेडियम में इकट्ठा होने के लिए कहा है। ———————– ये खबर भी पढ़ें…. 15 महीने बाद उत्तरी गाजा में लौट रहे फिलिस्तीनी:इजराइल ने दी इजाजत; अक्टूबर 2023 में 10 लाख लोगों ने इलाका खाली किया था इजराइल ने 15 महीने बाद हजारों फिलिस्तीनियों को गाजा के उत्तरी इलाके में लौटने की अनुमति दे दी है। इसके बाद से हजारों लोग अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं। सीजफायर डील के तहत यह तय हुआ था कि इजराइल, 25 जनवरी से उत्तरी गाजा में फिलिस्तीनी लोगों को लौटने की अनुमति देगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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