मुंगेर के पोलो मैदान में बुधवार को आयोजित प्रमंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान बेगूसराय के स्कूली बच्चों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद उन्हें खाना और पानी न मिलने का आरोप लगाते हुए बच्चों ने मुंगेर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रतियोगिता में मुंगेर प्रमंडल के बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा जिलों के स्कूली बच्चों ने भाग लिया था। बेगूसराय से आए एक प्रतिभागी ने बताया कि वे जिला स्तरीय प्रतियोगिता पास कर मुंगेर आए थे। उन्हें सुबह 8 बजे रिपोर्टिंग का समय दिया गया था, जिसके लिए वे सुबह 5 बजे बेगूसराय से रवाना हुए थे। बेगूसराय जिले के लगभग 60 बच्चे विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए मुंगेर पहुंचे थे। बच्चे बोले- ना नाश्ता दिया, ना खाना बच्चों के अनुसार, मुंगेर पहुंचने के बाद उन्हें न तो नाश्ता दिया गया और न ही खाना मिला। वे पानी के लिए भी तरसते रहे। शाम 7 बजे जब खेल समाप्त हुआ, तो वे खाना खाने के लिए संग्रहालय गए। डांट-फटकार लगाकर मौके से भगाया संग्रहालय में मौजूद देखरेख करने वाले लोगों ने बच्चों को बताया कि खाना खत्म हो गया है और उन्हें भोजन नहीं मिल पाएगा। जब बच्चों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें डांट-फटकार लगाकर वहां से भगा दिया गया। भोजन न मिलने के कारण बच्चे भूखे रहे। मुंगेर प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी जिस कारण संग्रहालय से निकलकर जब किला परिसर से बाहर निकल रहे थे तभी मुंगेर प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस दौरान खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों सहित उनके अभिभावक ने मुंगेर प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। सोची समझी साजिश के तहत बदनाम करने की नीयत से किया- जिला खेल पदाधिकारी वही इस मामले को लेकर जिला खेल पदाधिकारी कमल किशोर ने बताया कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत बदनाम करने की नीयत से किया गया है बच्चों के टीचर सहित सभी बच्चों का खाते हुए CCTV फुटेज भी है और इस दौरान खाने के वक्त वहां कुछ कर्मियों के साथ बदसलूकी की भी की गई है यह आरोप सरासर गलत है। मुंगेर के पोलो मैदान में बुधवार को आयोजित प्रमंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान बेगूसराय के स्कूली बच्चों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद उन्हें खाना और पानी न मिलने का आरोप लगाते हुए बच्चों ने मुंगेर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रतियोगिता में मुंगेर प्रमंडल के बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा जिलों के स्कूली बच्चों ने भाग लिया था। बेगूसराय से आए एक प्रतिभागी ने बताया कि वे जिला स्तरीय प्रतियोगिता पास कर मुंगेर आए थे। उन्हें सुबह 8 बजे रिपोर्टिंग का समय दिया गया था, जिसके लिए वे सुबह 5 बजे बेगूसराय से रवाना हुए थे। बेगूसराय जिले के लगभग 60 बच्चे विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए मुंगेर पहुंचे थे। बच्चे बोले- ना नाश्ता दिया, ना खाना बच्चों के अनुसार, मुंगेर पहुंचने के बाद उन्हें न तो नाश्ता दिया गया और न ही खाना मिला। वे पानी के लिए भी तरसते रहे। शाम 7 बजे जब खेल समाप्त हुआ, तो वे खाना खाने के लिए संग्रहालय गए। डांट-फटकार लगाकर मौके से भगाया संग्रहालय में मौजूद देखरेख करने वाले लोगों ने बच्चों को बताया कि खाना खत्म हो गया है और उन्हें भोजन नहीं मिल पाएगा। जब बच्चों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें डांट-फटकार लगाकर वहां से भगा दिया गया। भोजन न मिलने के कारण बच्चे भूखे रहे। मुंगेर प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी जिस कारण संग्रहालय से निकलकर जब किला परिसर से बाहर निकल रहे थे तभी मुंगेर प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस दौरान खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों सहित उनके अभिभावक ने मुंगेर प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। सोची समझी साजिश के तहत बदनाम करने की नीयत से किया- जिला खेल पदाधिकारी वही इस मामले को लेकर जिला खेल पदाधिकारी कमल किशोर ने बताया कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत बदनाम करने की नीयत से किया गया है बच्चों के टीचर सहित सभी बच्चों का खाते हुए CCTV फुटेज भी है और इस दौरान खाने के वक्त वहां कुछ कर्मियों के साथ बदसलूकी की भी की गई है यह आरोप सरासर गलत है।


