सीतामढ़ी में रेल सुरक्षा कर्मियों को ट्रेन संख्या 63374 में एक चार वर्षीय बच्चा अकेला मिला। मिली जानकारी के अनुसार हवलदार शत्रुधन सिंह और महिला सिपाही अन्नु कुमारी को 10 अप्रैल की सुबह 7:30 बजे यह बच्चा रोता हुआ दिखा। बच्चा रोसा स्टेशन के पास सोकर उठा था। जब उसने अपने आसपास किसी परिजन को नहीं देखा तो रोने लगा। जिसके बाद यात्रियों ने ड्यूटी पर तैनात जवानों को सूचित किया। जवानों ने बच्चे को संरक्षण में लिया। जहां बच्चा अपना नाम और पता नहीं बता सका। फिर बच्चे को सीतामढ़ी रेलवे थाने लाया गया। वहां भी उसकी पहचान नहीं हो सकी। जिसके बाद उसे चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया। तीन महीने से बच्चे के परिजनों की कर रहे तलाश चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक विकास कुमार ने बताया कि बच्चा घबराया हुआ है और बार-बार रो रहा है। उन्होंने बच्चे को प्राथमिक मानसिक सहयोग और देखभाल दी है। चाइल्डलाइन तीन महीने से बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही है। बच्चे की तस्वीरें आसपास के जिलों और राज्यों की चाइल्ड वेलफेयर समितियों को भेजी गई हैं। अगर कोई बच्चे को पहचानता है तो नजदीकी थाना या चाइल्डलाइन 1098 पर संपर्क कर सकता है। सीतामढ़ी में रेल सुरक्षा कर्मियों को ट्रेन संख्या 63374 में एक चार वर्षीय बच्चा अकेला मिला। मिली जानकारी के अनुसार हवलदार शत्रुधन सिंह और महिला सिपाही अन्नु कुमारी को 10 अप्रैल की सुबह 7:30 बजे यह बच्चा रोता हुआ दिखा। बच्चा रोसा स्टेशन के पास सोकर उठा था। जब उसने अपने आसपास किसी परिजन को नहीं देखा तो रोने लगा। जिसके बाद यात्रियों ने ड्यूटी पर तैनात जवानों को सूचित किया। जवानों ने बच्चे को संरक्षण में लिया। जहां बच्चा अपना नाम और पता नहीं बता सका। फिर बच्चे को सीतामढ़ी रेलवे थाने लाया गया। वहां भी उसकी पहचान नहीं हो सकी। जिसके बाद उसे चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया। तीन महीने से बच्चे के परिजनों की कर रहे तलाश चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक विकास कुमार ने बताया कि बच्चा घबराया हुआ है और बार-बार रो रहा है। उन्होंने बच्चे को प्राथमिक मानसिक सहयोग और देखभाल दी है। चाइल्डलाइन तीन महीने से बच्चे के परिजनों की तलाश कर रही है। बच्चे की तस्वीरें आसपास के जिलों और राज्यों की चाइल्ड वेलफेयर समितियों को भेजी गई हैं। अगर कोई बच्चे को पहचानता है तो नजदीकी थाना या चाइल्डलाइन 1098 पर संपर्क कर सकता है।
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