किशनगंज में मंगलवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। अहले सुबह से ही श्रद्धालु परिवार सहित घाटों की ओर उमड़ पड़े। घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के देवघाट खगड़ा, डे मार्केट, रामजानकी घाट, मझिया, उत्तर पल्ली, पूरब पल्ली और लाइन घाट सहित अन्य स्थलों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। व्रतियों ने विधि-विधान से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और छठी मैया से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। घाटों पर दीपों की पंक्तियां और कृत्रिम रोशनी से सजा वातावरण मनमोहक दिखाई दे रहा था। घाटों की सजावट और भक्ति भाव से ओतप्रोत दृश्य ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे इंतजाम, हर साल बढ़ रही व्रतियों की संख्या हर वर्ष की तरह इस बार भी जिले में छठ व्रतियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। पूजा समितियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की थी। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी चौक-चौराहों और घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र छठ घाटों पर इस बार सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए, जहां युवक-युवतियां और परिवारजन पूजा के बाद यादगार तस्वीरें लेते नज़र आए। परिवार के एकजुट होने का पर्व छठ घाट पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें इस पर्व का पूरे साल इंतज़ार रहता है, क्योंकि यह एक ऐसा अवसर होता है जब पूरा परिवार मिलकर आस्था और अनुशासन के साथ पूजा में शामिल होता है। पारन के साथ व्रत का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने पारन कर 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन किया। घाटों पर “जय छठी मैया” के जयघोष और भक्ति गीतों की गूंज देर तक बनी रही। किशनगंज में मंगलवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। अहले सुबह से ही श्रद्धालु परिवार सहित घाटों की ओर उमड़ पड़े। घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के देवघाट खगड़ा, डे मार्केट, रामजानकी घाट, मझिया, उत्तर पल्ली, पूरब पल्ली और लाइन घाट सहित अन्य स्थलों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। व्रतियों ने विधि-विधान से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और छठी मैया से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। घाटों पर दीपों की पंक्तियां और कृत्रिम रोशनी से सजा वातावरण मनमोहक दिखाई दे रहा था। घाटों की सजावट और भक्ति भाव से ओतप्रोत दृश्य ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे इंतजाम, हर साल बढ़ रही व्रतियों की संख्या हर वर्ष की तरह इस बार भी जिले में छठ व्रतियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। पूजा समितियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की थी। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी चौक-चौराहों और घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र छठ घाटों पर इस बार सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए, जहां युवक-युवतियां और परिवारजन पूजा के बाद यादगार तस्वीरें लेते नज़र आए। परिवार के एकजुट होने का पर्व छठ घाट पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें इस पर्व का पूरे साल इंतज़ार रहता है, क्योंकि यह एक ऐसा अवसर होता है जब पूरा परिवार मिलकर आस्था और अनुशासन के साथ पूजा में शामिल होता है। पारन के साथ व्रत का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने पारन कर 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन किया। घाटों पर “जय छठी मैया” के जयघोष और भक्ति गीतों की गूंज देर तक बनी रही।


