शहीदों के नाम छठ: देशभक्ति और आस्था का संगम बांका में मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ विधिवत संपन्न हो गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आस्था और श्रद्धा का यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सोमवार शाम डूबते सूर्य को और मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने निर्जला व्रत का पारण किया।नहाय-खाय से शुरू हुआ यह पर्व भक्ति और शुद्धता के माहौल में संपन्न हुआ। सुबह 6:07 बजे से शुरू हुआ अर्घ्य, घाटों पर उमड़ी भीड़ छठ पूजा के अवसर पर बांका, रजौन, धोरैया, अमरपुर, शंभूगंज, बेलहर, कटोरिया, बाराहाट, बौंसी, चांदन और फुल्लीडूमर प्रखंडों के घाटों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई।सभी घाटों पर आकर्षक सजावट, बिजली की रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन ने आपदा मित्रों और गोताखोरों की तैनाती कर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। रजौन में ‘शहीदों के नाम छठ’, गूंजे भारत माता के जयकारे रजौन प्रखंड के सकहारा और सुजालकोरामा छठ घाटों पर इस बार देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। ग्रामीणों ने शहीदों के नाम एक सुप और एक दीप अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।तिरंगे से सजे सुप और “भारत माता की जय” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। सकहारा गांव में माता-पिता ने अपने शहीद बेटे, आर्मी जवान सुधांशु चौधरी के नाम सुप अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद के परिजन तिरंगे के साथ घाट पर पूजा-अर्चना करते हुए भावुक हो गए। सुजालकोरामा में आठ वर्षों से निभाई जा रही परंपरा सुजालकोरामा गांव में पिछले आठ वर्षों से लोकगायक वतन प्रेमी के नेतृत्व में “शहीदों के नाम छठ” मनाई जा रही है। वतन प्रेमी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक दिया शहीदों के नाम’ अपील के बाद से यह परंपरा शुरू की गई।उन्होंने कहा, “हमारे लिए शहीद ही असली नायक हैं, जिनकी वजह से हम सुरक्षित हैं।” आस्था और देशभक्ति का अद्भुत संगम छठ घाटों पर उपस्थित लोगों ने कहा कि जब हम छठ जैसे महान पर्व को मना रहे हैं, तब हमारे जवान सीमा पर देश की रक्षा में जुटे हैं। इसीलिए हर भारतीय अपने-अपने तरीके से वीर जवानों को नमन करता है। पूरे जिले में इस बार भक्ति और देशभक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला, घाटों पर एक ओर सूर्य उपासना, तो दूसरी ओर शहीदों के सम्मान की भावना ने सभी को भावविभोर कर दिया। शहीदों के नाम छठ: देशभक्ति और आस्था का संगम बांका में मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ विधिवत संपन्न हो गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आस्था और श्रद्धा का यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सोमवार शाम डूबते सूर्य को और मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने निर्जला व्रत का पारण किया।नहाय-खाय से शुरू हुआ यह पर्व भक्ति और शुद्धता के माहौल में संपन्न हुआ। सुबह 6:07 बजे से शुरू हुआ अर्घ्य, घाटों पर उमड़ी भीड़ छठ पूजा के अवसर पर बांका, रजौन, धोरैया, अमरपुर, शंभूगंज, बेलहर, कटोरिया, बाराहाट, बौंसी, चांदन और फुल्लीडूमर प्रखंडों के घाटों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई।सभी घाटों पर आकर्षक सजावट, बिजली की रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन ने आपदा मित्रों और गोताखोरों की तैनाती कर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। रजौन में ‘शहीदों के नाम छठ’, गूंजे भारत माता के जयकारे रजौन प्रखंड के सकहारा और सुजालकोरामा छठ घाटों पर इस बार देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। ग्रामीणों ने शहीदों के नाम एक सुप और एक दीप अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।तिरंगे से सजे सुप और “भारत माता की जय” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। सकहारा गांव में माता-पिता ने अपने शहीद बेटे, आर्मी जवान सुधांशु चौधरी के नाम सुप अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद के परिजन तिरंगे के साथ घाट पर पूजा-अर्चना करते हुए भावुक हो गए। सुजालकोरामा में आठ वर्षों से निभाई जा रही परंपरा सुजालकोरामा गांव में पिछले आठ वर्षों से लोकगायक वतन प्रेमी के नेतृत्व में “शहीदों के नाम छठ” मनाई जा रही है। वतन प्रेमी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक दिया शहीदों के नाम’ अपील के बाद से यह परंपरा शुरू की गई।उन्होंने कहा, “हमारे लिए शहीद ही असली नायक हैं, जिनकी वजह से हम सुरक्षित हैं।” आस्था और देशभक्ति का अद्भुत संगम छठ घाटों पर उपस्थित लोगों ने कहा कि जब हम छठ जैसे महान पर्व को मना रहे हैं, तब हमारे जवान सीमा पर देश की रक्षा में जुटे हैं। इसीलिए हर भारतीय अपने-अपने तरीके से वीर जवानों को नमन करता है। पूरे जिले में इस बार भक्ति और देशभक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला, घाटों पर एक ओर सूर्य उपासना, तो दूसरी ओर शहीदों के सम्मान की भावना ने सभी को भावविभोर कर दिया।


