चार दिनों तक चले लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। सुबह जैसे ही सूर्यदेव ने दर्शन दिया, श्रद्धालु नदी, तालाब और विभिन्न घाटों पर पहुंचकर जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने लगे। महिलाओं और पुरुषों ने पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना की। हर घाट पर दिखी आस्था और उल्लास की अद्भुत झलक पूरे जिले में भक्तिमय माहौल रहा। ग्रामीण हो या शहरी इलाका, हर जगह घाटों पर सजावट, लोकगीतों और सूर्यभक्ति से वातावरण गूंजता रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ और दीपों की रोशनी से घाट जगमगा उठे। जेल में भी गूंजे छठ गीत, कैदियों ने मनाया पर्व मोतिहारी सेंट्रल जेल में भी बंद कैदियों ने इस पर्व को विधि-विधान से मनाया। जेल परिसर को सजाया गया था और कैदियों ने सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। जेल प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजामी किए थे। डीएम ने दी शुभकामनाएँ, शांति बनाए रखने की अपील जिलाधिकारी सौरव जोरवाल ने जिलेवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। चुनावी माहौल के बीच सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि सभी घाटों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी तैनात रहे। संवेदनशील घाटों पर अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी रही, जबकि जलस्तर अधिक होने वाले घाटों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात थीं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। श्रद्धा, सुरक्षा और उत्साह का अद्भुत संगम भक्ति, व्यवस्था और उल्लास के इस समन्वय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। घाटों से लेकर गलियों तक, हर ओर “जय सूर्य देव” के जयघोष गूंजते रहे। चार दिनों तक चले लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। सुबह जैसे ही सूर्यदेव ने दर्शन दिया, श्रद्धालु नदी, तालाब और विभिन्न घाटों पर पहुंचकर जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने लगे। महिलाओं और पुरुषों ने पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना की। हर घाट पर दिखी आस्था और उल्लास की अद्भुत झलक पूरे जिले में भक्तिमय माहौल रहा। ग्रामीण हो या शहरी इलाका, हर जगह घाटों पर सजावट, लोकगीतों और सूर्यभक्ति से वातावरण गूंजता रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ और दीपों की रोशनी से घाट जगमगा उठे। जेल में भी गूंजे छठ गीत, कैदियों ने मनाया पर्व मोतिहारी सेंट्रल जेल में भी बंद कैदियों ने इस पर्व को विधि-विधान से मनाया। जेल परिसर को सजाया गया था और कैदियों ने सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। जेल प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजामी किए थे। डीएम ने दी शुभकामनाएँ, शांति बनाए रखने की अपील जिलाधिकारी सौरव जोरवाल ने जिलेवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। चुनावी माहौल के बीच सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि सभी घाटों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी तैनात रहे। संवेदनशील घाटों पर अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी रही, जबकि जलस्तर अधिक होने वाले घाटों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात थीं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। श्रद्धा, सुरक्षा और उत्साह का अद्भुत संगम भक्ति, व्यवस्था और उल्लास के इस समन्वय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। घाटों से लेकर गलियों तक, हर ओर “जय सूर्य देव” के जयघोष गूंजते रहे।


