अयोध्या में चारधाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 108 फिट शिव प्रतिमा लगेगी:30 हजार वर्ग फीट के परिसर में भूमिपूजन के साथ शुरू हुआ निर्माण कार्य

अयोध्या में चारधाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 108 फिट शिव प्रतिमा लगेगी:30 हजार वर्ग फीट के परिसर में भूमिपूजन के साथ शुरू हुआ निर्माण कार्य

अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से सटी भूमि पर चारधाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 108 फिट शिव प्रतिमा के दर्शन यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक जगह पर हो सकेंगे। भक्त लिफ्ट के जरिए भगवान शिव की विशाल मूर्ति का तिलक भी कर सकेंगे विष्णु पुरम के 30 हजार वर्ग फीट के परिसर में भूमिपूजन के साथ इसका निर्माण कार्य कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आरंभ हो गया है। इस अवसर पर ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक स्वामी राजकुमार दास को संस्था में निस्वार्थ भाव से सहयोग को देखते हुए उनको चांदी का मुकुट और धनुष-बाण देकर सम्मानित किया गया। यह कार्य दिल्ली संस्था श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की है।यह संस्था वृंदावन में भी सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में सक्रिय है। ट्रस्ट के महामंत्री महामंत्री बालकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि श्रीराम और शिव की अभिन्नता लोक विदित है। इसी भावना के अनुरूप अयोध्या में भगवान शिव की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी और 21 फीट ऊंचे अधिष्ठान को मिला कर इसकी कुल ऊंचाई 129 फीट होगी। यह प्रतिमा सीमेंट और फाइबर से बनेगी। इसकी स्थापना पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मौनी बंगला के करीब विष्णु पुरम में होगी। यह योजना के प्रेरक और मुख्य संरक्षक शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास हैं। जबकि ट्रस्ट के अन्य लोग दिल्ली, मुंबई, मथुरा सहित देश के विभिन्न हिस्सों के हैं। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि 30 हजार वर्ग फीट के भूक्षेत्र को भगवान शिव की विशाल प्रतिमा सहित श्रीराम शिवधाम के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परिसर के केंद्र में चांदी से निर्मित रामदरबार की स्थापना होगी। रामदरबार का सिंहासन और गर्भगृह का कपाट भी चांदी का होगा। इस परिसर में शिव की विशाल प्रतिमा के साथ शिव के द्वादश शिवलिंग सहित चारधाम की भी स्थापना होगी। श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की योजना चिकित्सालय, वृद्धाश्रम एवं मोबाइल डिस्पेंसरी भी संचालित करने की है। इसके लिए ट्रस्ट ने 17 हजार पांच सौ वर्ग गज भूमि का अलग से प्रबंध किया है। शिव और राम की अभिन्नता आनंदित करती है : स्वामी राजकुमार दास
– श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने अपने आशीर्वचन में श्रीराम और शिव की अभिन्नता को बताया उन्होंने याद दिलाया कि जिन शिव और राम को परस्पर एक-दूसरे का ईश्वर कह कर जाना गया है, ऐसे भगवान शिव एवं श्रीराम को रामशिव धाम में परंपरा के अनुरूप पूरी अभिन्नता से साथ देखना अति परम कल्याणकारी होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस भव्य प्रांगण से ठाकुरजी के प्रति प्रीति और परोपकार का प्रतिमान रचा जाएगा। उन्होंने आस्था के साथ सेवा का प्रभावी प्रकल्प तैयार करने के लिए ट्रस्ट के प्रयास की जमकर किया। इस अवसर पर प्रख्यात शास्त्रज्ञ आचार्य रघुनाथ त्रिपाठी एवं गोवर्द्धन निवास के महंत मनमोहनदास सहित ट्रस्ट के मुख्य अध्यक्ष ब्रजेंद्र गुप्त, अध्यक्ष सत्यनारायण मित्तल, महामंत्री बालकृष्ण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष धर्मपाल गर्ग, उपाध्यक्ष दरवेश बंसल, अरविंद मिश्र आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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