CG Election 2025: महापौर प्रत्याशी की लिमिट 15 लाख तय, पार्षद कर रहे बेहिसाब खर्च…

CG Election 2025: महापौर प्रत्याशी की लिमिट 15 लाख तय, पार्षद कर रहे बेहिसाब खर्च…

CG Election 2025: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में नगर निगम चुनाव सहित नगर पंचायतों में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का जनसंपर्क शुरू हो गया है। मतदाताओं को रिझाने खर्चे भी हो रहे। चुनाव आयोग ने जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम और नगर पंचायतों में प्रत्याशियों की खर्च लिमिट तय की है। इसके तहत धमतरी नगर निगम के महापौर प्रत्याशी अधिकतम 15 लाख रूपए तक खर्च कर सकते हैं। वहीं इसी निकाय चुनाव में पार्षदों के लिए खर्च की कोई सीमा तय नहीं है।

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CG Election 2025: चुनाव आयोग ने नाश्ते का रेट

CG Election 2025: वार्डों में पार्षद प्रत्याशी बेहिसाब खर्च कर रहे हैं। महापौर को पाई-पाई का हिसाब देना पड़ेगा। खर्चों का हिसाब नहीं मिलने पर कार्रवाई भी संभावित है। निर्वाचन शाखा से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव में भोजन के लिए जनरल थाली, जिसमें 5 नग पूड़ी, सूखी सब्जी, हरी सब्जी, चावल, दाल और आचार प्रति थाली 120 रूपए का खर्च काउंट किया जाएगा।

इसी तरह स्पेशल थाली के लिए प्रति थाली 200 रूपए खर्च जोड़ा जाएगा। इसके अलावा पीने के पानी, चाय कांटेटर, केसर लस्सी (200 एमएल) प्रति गिलास 30 रूपए, शरबत प्रति गिलास 15 के हिसाब से व्यय खर्च में जोड़ा जाएगा।

मार्केट और आयोग के रेट में अंतर

चुनाव आयोग ने चाय प्रति कप फूल का रेट 12 रूपए और हाफ का रेट 7 रूपए तय किया है। बाजार में 5 रूपए वाली चाय ज्यादातर बेस्वाद होती है। वहीं अच्छी चाय प्रति हाफ 8 से 10 रूपए है। ऐसे में चाय के रेट में ही अंतर से प्रत्याशी सस्पेंस में है। इसी तरह काफी फूल प्रति कप 15 रूपए और हाफ का रेट 10 रूपए निर्धारित किया गया है।

मार्केट में काफी फूल का रेट 20 से 30 रूपए है। इसी तरह पोहा का रेट प्रति प्लेट 15 रूपए निर्धारित किया गया है जबकि मार्केट में यही पोहा 20 रूपए प्लेट है। कुछ प्रत्याशियों ने कहा कि रेट को लेकर कई जगह असमंजस की स्थिति है।

प्रत्याशी ऐसे निकाल रहे तोड़

प्रदेश के नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष प्रत्याशियों को चुनावी खर्चे का हिसाब देना है। 10 से 12 दिन प्रचार और महंगाई के बीच 15 लाख खर्च सीमा से कहीं अधिक खर्च हो जाते हैं। महापौर प्रत्याशियों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया।

पार्षद अपने चुनाव क्षेत्र में बेहिसाब खर्च कर सकते हैं इसलिए पार्टियां उनके जरिए पैसे खर्च कर महापौर प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते हैं। इसी तरह कई ऐसे खर्च, जिससे महापौर की खर्च लिमिट टूट न जाए ऐसे खर्चों को पार्षद प्रत्याशी पर ही थोप दिया जाता है। यदि वार्ड पार्षद के साथ महापौर प्रत्याशी की फोटो लगी हो तो इसे महापौर के खर्च में जोड़ा जाता है।

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