दरभंगा चेहरा पहचान प्रणाली में सबसे आगे:तीन प्रखंडों के कर्मियों को किया सम्मानित, सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिला प्रशस्ति पत्र

दरभंगा चेहरा पहचान प्रणाली में सबसे आगे:तीन प्रखंडों के कर्मियों को किया सम्मानित, सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिला प्रशस्ति पत्र

दरभंगा में पोषण ट्रैकर के तहत चेहरा पहचान प्रणाली (FRS) में बेहतर कार्य के लिए हायाघाट, बहादुरपुर और जाले प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों और प्रखंड समन्वयकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिला पदाधिकारी ने हायाघाट की प्रभा रानी, बहादुरपुर की रूमा कुमारी और जाले की अर्चना कुमारी को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया। इनके साथ हायाघाट के प्रखंड समन्वयक बिपुल कुमार, बहादुरपुर की निकिता सिंह और जाले के एजाज नसरी को भी प्रशंसा पत्र दिया गया। सम्मान समारोह जिला प्रोग्राम कार्यालय, दरभंगा में हुआ। सेविकाओं को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रशस्ति पत्र दिए गए। कार्यालय कर्मियों को भी जिलाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के हस्ताक्षर से सम्मान मिला। टेक होम राशन वितरण में पारदर्शिता आती है FRS तकनीक से लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित होती है। टेक होम राशन वितरण में पारदर्शिता आती है। डुप्लीकेशन और अनियमितता की संभावना खत्म होती है। सही लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंचता है। इससे सरकारी योजनाओं में लोगों का विश्वास बढ़ा है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चांदनी सिंह ने कहा, इन कर्मियों की मेहनत और निष्ठा से पोषण ट्रैकर प्रभावी हुआ है। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। सम्मानित कर्मियों ने इसे अपनी जिम्मेदारी को और मजबूती देने वाला बताया। यह पहल अन्य कर्मियों को भी तकनीकी नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। आईसीडीएस निदेशालय की ओर से लागू FRS सिस्टम में दरभंगा जिला पूरे बिहार में पहले स्थान पर रहा है। डीपीओ चांदनी सिंह ने बताया कि यह जिले के लिए गर्व की बात है। जिले का हायाघाट प्रखंड पूरे राज्य में नंबर वन बना है। वहां की सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविकाओं को जिलाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। FRS सिस्टम के तहत अब तक 85% लाभुकों का सत्यापन चांदनी सिंह ने बताया कि FRS सिस्टम के तहत अब तक 85% लाभुकों का सत्यापन हो चुका है। इस सिस्टम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिस लाभुक को राशन मिलना है, वही उसे प्राप्त करे। चेहरा पहचान कर सत्यापन किया जा रहा है। राम के बदले श्याम को राशन न मिले, इसके लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि दरभंगा की पूरी टीम जिलाधिकारी के निर्देशन में एकजुट होकर काम कर रही है। सभी सीडीपीओ, एलएस और सेविकाएं इस मुहिम को सफल बनाने में जुटी हैं। उन्हें विश्वास है कि 15 जून तक 100% लाभुकों का सत्यापन पूरा कर लिया जाएगा। टॉप 3 में दरभंगा के 3 प्रखंड पूरे बिहार में टॉप 3 में दरभंगा के ही तीन प्रखंड हैं। बहादुरपुर, जाले और हायाघाट। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे आईसीडीएस की छवि सुधरेगी। लाभुकों को समय पर टीएचआर मिलेगा। वितरण में पूरी पारदर्शिता रहेगी। आज हायाघाट की 25 सेविकाओं, 6 महिला पर्यवेक्षिकाओं, प्रखंड समन्वयक और सीडीपीओ को प्रशस्ति पत्र दिए गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर अच्छे कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। दरभंगा में पोषण ट्रैकर के तहत चेहरा पहचान प्रणाली (FRS) में बेहतर कार्य के लिए हायाघाट, बहादुरपुर और जाले प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों और प्रखंड समन्वयकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिला पदाधिकारी ने हायाघाट की प्रभा रानी, बहादुरपुर की रूमा कुमारी और जाले की अर्चना कुमारी को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया। इनके साथ हायाघाट के प्रखंड समन्वयक बिपुल कुमार, बहादुरपुर की निकिता सिंह और जाले के एजाज नसरी को भी प्रशंसा पत्र दिया गया। सम्मान समारोह जिला प्रोग्राम कार्यालय, दरभंगा में हुआ। सेविकाओं को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रशस्ति पत्र दिए गए। कार्यालय कर्मियों को भी जिलाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के हस्ताक्षर से सम्मान मिला। टेक होम राशन वितरण में पारदर्शिता आती है FRS तकनीक से लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित होती है। टेक होम राशन वितरण में पारदर्शिता आती है। डुप्लीकेशन और अनियमितता की संभावना खत्म होती है। सही लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंचता है। इससे सरकारी योजनाओं में लोगों का विश्वास बढ़ा है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चांदनी सिंह ने कहा, इन कर्मियों की मेहनत और निष्ठा से पोषण ट्रैकर प्रभावी हुआ है। पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। सम्मानित कर्मियों ने इसे अपनी जिम्मेदारी को और मजबूती देने वाला बताया। यह पहल अन्य कर्मियों को भी तकनीकी नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। आईसीडीएस निदेशालय की ओर से लागू FRS सिस्टम में दरभंगा जिला पूरे बिहार में पहले स्थान पर रहा है। डीपीओ चांदनी सिंह ने बताया कि यह जिले के लिए गर्व की बात है। जिले का हायाघाट प्रखंड पूरे राज्य में नंबर वन बना है। वहां की सीडीपीओ और आंगनबाड़ी सेविकाओं को जिलाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। FRS सिस्टम के तहत अब तक 85% लाभुकों का सत्यापन चांदनी सिंह ने बताया कि FRS सिस्टम के तहत अब तक 85% लाभुकों का सत्यापन हो चुका है। इस सिस्टम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिस लाभुक को राशन मिलना है, वही उसे प्राप्त करे। चेहरा पहचान कर सत्यापन किया जा रहा है। राम के बदले श्याम को राशन न मिले, इसके लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि दरभंगा की पूरी टीम जिलाधिकारी के निर्देशन में एकजुट होकर काम कर रही है। सभी सीडीपीओ, एलएस और सेविकाएं इस मुहिम को सफल बनाने में जुटी हैं। उन्हें विश्वास है कि 15 जून तक 100% लाभुकों का सत्यापन पूरा कर लिया जाएगा। टॉप 3 में दरभंगा के 3 प्रखंड पूरे बिहार में टॉप 3 में दरभंगा के ही तीन प्रखंड हैं। बहादुरपुर, जाले और हायाघाट। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे आईसीडीएस की छवि सुधरेगी। लाभुकों को समय पर टीएचआर मिलेगा। वितरण में पूरी पारदर्शिता रहेगी। आज हायाघाट की 25 सेविकाओं, 6 महिला पर्यवेक्षिकाओं, प्रखंड समन्वयक और सीडीपीओ को प्रशस्ति पत्र दिए गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर अच्छे कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।  

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