जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन में 13 नागरिक मारे गए हैं और 59 अन्य घायल हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस बात की जानकारी दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। बुधवार को भावनाएं और बढ़ गईं, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में नौ जगहों पर आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक कार्रवाई की।
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अपनी संपत्ति को नुकसान पहुंचा चुके एक नागरिक ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा (पाकिस्तान के खिलाफ) की गई कार्रवाई बहुत अच्छी है। हम सरकार से मदद की गुहार लगाते हैं, क्योंकि मेरे बेटे का घर क्षतिग्रस्त हो गया है। एक ग्रामीण ने बताया कि ये प्लॉट हमें सरकार ने आवंटित किए थे। जब भी गोलीबारी होती है और सरकार हमें सचेत करती है, हम इन जगहों पर लौट आते हैं। हमें अभी से सचेत कर दिया गया है, और अगर गोलीबारी बंद हो जाती है, तो हम वापस चले जाएंगे। यहां दो-तीन परिवार एक साथ रहते हैं।
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सीमा पर रहने वाले एक नागरिक ने कहा कि आज सुबह करीब 3 बजे जब हमने गोलाबारी की आवाजें सुनीं तो हम बाहर आ गए। अब यहां सिर्फ धुआं और नुकसान है… हम शांति चाहते हैं। एक सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘सात और आठ मई की रात के दौरान पाकिस्तानी सैन्य चौकियों ने बिना किसी उकसावे के जम्मू कश्मीर में एलओसी के पास के क्षेत्रों कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर में छोटे एवं बड़े हथियारों से गोलीबारी की।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया।’’ बढ़ते तनाव के मद्देनजर अधिकारियों ने आदेश दिया है कि जम्मू क्षेत्र के पांच सीमावर्ती जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी बंद रहेंगे।
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