Budget 2025: भारत में केंद्रीय बजट का महत्व हर नागरिक के जीवन से जुड़ा हुआ है। यह देश की आर्थिक दिशा, विकास प्राथमिकताओं और संसाधनों के आवंटन की रूपरेखा तय करता है। 2025-26 का बजट 1 फरवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला बजट आजादी से 87 साल पहले 1860 में एक अंग्रेज, जेम्स विल्सन ने पेश किया था?
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भारत का पहला बजट और जेम्स विल्सन का योगदान (Budget 2025)
1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश हुकूमत पर आर्थिक संकट (Budget 2025) गहराने लगा। ऐसे में ब्रिटेन से स्कॉटलैंड के निवासी जेम्स विल्सन को भारत भेजा गया। 1859 में भारत आए जेम्स विल्सन ने अगले ही वर्ष, 1860 में, भारत का पहला बजट पेश किया। विल्सन को बाजार और व्यापार का गहरा ज्ञान था। उनकी वित्तीय समझ ने ब्रिटिश राज को भारत में वित्तीय संकट से उबारने में मदद की। प्रसिद्ध पुस्तक Financial Foundations of the British Raj में सर रिचर्ड टेम्पल ने विल्सन के योगदान को विस्तार से वर्णित किया है। उन्होंने लिखा, विल्सन ने भारत में पहली बार इंग्लैंड की तर्ज पर एक वित्तीय बजट (Budget 2025) तैयार किया। उन्होंने वित्तीय तंत्र को एकजुट किया, जो सैन्य और राजनीतिक अशांति के कारण बिखर चुका था।
पहला आयकर कानून और विवाद
जेम्स विल्सन ने आयकर अधिनियम को भी लागू किया, जो उस समय के जमींदारों और व्यापारियों के बीच काफी विवाद का कारण बना। हालांकि, उनके इस कदम ने भारत को एक मजबूत वित्तीय प्रणाली दी।
बजट और संविधान
भारत के संविधान में बजट (Budget 2025) शब्द का कहीं उल्लेख नहीं है। इसे “वार्षिक वित्तीय विवरण” कहा गया है, जो अनुच्छेद 112 के तहत राष्ट्रपति द्वारा संसद में पेश किया जाता है। यह दस्तावेज केंद्र सरकार के राजस्व और व्यय का विवरण देता है। 1950 में, जब भारत का पहला पांच वर्षीय योजना लागू हुई, तो उस समय वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट को आम जनता तक पहुंचाने के लिए इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित करने का निर्णय लिया।
2025-26 का केंद्रीय बजट
2025-26 का बजट (Budget 2025) एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचा और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, यह बजट कर प्रणाली, राजस्व और व्यय के माध्यम से देश की आर्थिक नीतियों को प्रभावित करेगा।
बजट का व्यापक प्रभाव
केंद्रीय बजट देश की आर्थिक नीतियों और बाजार (Budget 2025) पर गहरा प्रभाव डालता है। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है और आर्थिक विकास को गति देता है। बजट में सामाजिक कल्याण योजनाओं और सब्सिडी के लिए आवंटन का सीधा असर गरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन पर पड़ता है। इसके अलावा, बजट महंगाई और ब्याज दरों को भी प्रभावित करता है, जिससे आम जनता की जीवनशैली और उधारी की लागत प्रभावित होती है।
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अंग्रेजी में छपता था बजट
आजादी के बाद के शुरुआती वर्षों में बजट (Budget 2025) केवल अंग्रेजी में छपता था, जो ब्रिटिश परंपरा का हिस्सा था। 1955 में पहली बार इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों में प्रकाशित किया गया।
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