रोहतक के गढ़ी सांपला किलोई से विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में बयान जारी करते हुए कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की भर्ती में एकबार फिर बीजेपी का हरियाणा विरोधी चेहरा जगजाहिर हो गया। अंग्रेजी सहायक प्रोफेसर भर्ती में अन्य राज्यों के युवाओं को तरजीह देने वाली सरकार ने इस बार 8 प्रतिशत हरियाणा वासियों का भी चयन नहीं किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि क्या पूरे हरियाणा में इस पद के लिए सरकार को योग्य उम्मीदवार नहीं मिले? यह सवाल लगातार कांग्रेस द्वारा सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाया जा रहा है। लेकिन आज तक बीजेपी जवाब नहीं दे पाई। इस भर्ती में भी 4424 उम्मीदवारों ने आवेदन किया, जिनमें से 1950 ने अंतिम लिखित परीक्षा दी, लेकिन साजिश के तरह सिर्फ 35 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स दिए गए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लिखित परीक्षा में 151 उम्मीदवार को ही पास किया गया। यहां तक कि UGC-NET/JRF क्वालिफाइड और PhD धारक उम्मीदवार भी परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए। सबसे हैरानी की बात ये है कि चयनित उम्मीदवारों में हरियाणा के मूल निवासियों का 8 प्रतिशत के आसपास है। इसलिए हरेक युवा के दिल में टीस है कि क्या प्रदेश की भर्तियों पर हरियाणा वासियों का हक नहीं है? नौकरियों में आरक्षण खत्म कर रही भाजपा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी नौकरियों में आरक्षण को भी खत्म कर रही है। क्योंकि इस भर्ती में BC-A उम्मीदवारों के लिए 60 सीटें थी, लेकिन सिर्फ 6 का ही चयन किया गया। इसी तरह BC-B के लिए 36 सीटें आरक्षित थी, लेकिन सिर्फ 3 का चयन किया गया। EWS के लिए भी 60 सीटें थी, लेकिन चयन मात्र 6 लोगों का हुआ है। हर भर्ती में भाजपा कर रही खेल
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले बिजली विभाग में एसडीओ से लेकर अन्य विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर और एचसीएस तक की भर्ती में बीजेपी सरकार खेल कर चुकी है। जानबूझकर या तो पदों से कम लोगों को पास किया जाता है या फिर ज्यादातर पदों पर अन्य राज्य के लोगों को भर्ती कर दिया जाता है। इसके लिए कभी पेपर लीक की साजिश रची जाती है, कभी जरूरत से ज्यादा कठिन पेपर देने की साजिश होती है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार भर्ती के दौरान मार्किंग में भी साजिश करती है। बिना खर्ची व बिना पर्ची की बात करने वाली भाजपा सरकार में बड़े घोटाले उजागर हो रहे है। नौकरियों में हरियाणा के युवाओं की अनदेखी से साफ है कि भाजपा सरकार की मंशा क्या है।


