एक तरफ रिवरफ्रंट का सौंदर्यीकरण, दूसरी तरफ कचरे का ढेर:घाट की सुंदरता हो रही प्रभावित, स्थानीय लोगों में बढ़ती जा रही नाराजगी

एक तरफ रिवरफ्रंट का सौंदर्यीकरण, दूसरी तरफ कचरे का ढेर:घाट की सुंदरता हो रही प्रभावित, स्थानीय लोगों में बढ़ती जा रही नाराजगी

जिला मुख्यालय बिहार शरीफ की जीवनरेखा कही जाने वाली पंचाने नदी आज विरोधाभास का शिकार हो गई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नदी पर आधुनिक रिवर फ्रंट का निर्माण शुरू हो गया है, वहीं दूसरी तरफ कोसुक छठ घाट के पास लगातार कचरा डंप किया जा रहा है, जो इस सौंदर्यीकरण की मूल भावना को ही कमजोर कर रहा है। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित यह रिवर फ्रंट परियोजना 4248.59 लाख रुपए की अनुमानित लागत से कोसुक घाट पर विकसित की जा रही है। कोसुक घाट वह महत्वपूर्ण स्थान है जहां पंचाने नदी बिहार शरीफ शहर में प्रवेश करती है। यहां घूमने-फिरने, व्यायाम और मनोरंजन के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। परियोजना में घाट निर्माण, लैंडस्केपिंग, प्रकाश व्यवस्था, बैठने की उचित व्यवस्था और अन्य पर्यटक सुविधाएं शामिल हैं। इससे न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर मनोरंजन स्थल मिलेगा, बल्कि राजगीर आने-जाने वाले पर्यटक भी यहां रुककर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कचरे के ढेर से बिगड़ता माहौल कोसुक छठ घाट के पास बिहार शरीफ नगर निगम की ओर से नियमित रूप से कचरा डंप किया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि रिवर फ्रंट की छवि को भी धूमिल कर रहा है। स्थानीय निवासी मुन्ना मांझी और अन्य लोगों ने कहा कि एक तरफ तो नदी का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कचरा डंप करके इसकी सुंदरता भी बर्बाद की जा रही है। कई बार हमने इसे लेकर आंदोलन किया लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। यह कचरा डंप न केवल घाट की सुंदरता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आसपास के आधा दर्जन गांव और मोहल्लों के निवासियों के जीवन को भी कष्टकारी बना रहा है। कई बार जन आंदोलन किए जाने के बावजूद प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन मिला है, व्यावहारिक समाधान नहीं। प्रशासन का रुख इस समस्या के समाधान को लेकर नगर आयुक्त दीपक मिश्रा ने बताया कि नगर निगम मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए 18 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है और बिहार शरीफ गिरियक प्रखंड के सीमांत इलाके बकरा के पास स्थान चिह्नित किया गया है। नगर निगम ने इस संबंध में सीओ को पत्र भेजकर जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि कोसुक के पास जमा कचरे को हटाया जाएगा। जिला मुख्यालय बिहार शरीफ की जीवनरेखा कही जाने वाली पंचाने नदी आज विरोधाभास का शिकार हो गई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नदी पर आधुनिक रिवर फ्रंट का निर्माण शुरू हो गया है, वहीं दूसरी तरफ कोसुक छठ घाट के पास लगातार कचरा डंप किया जा रहा है, जो इस सौंदर्यीकरण की मूल भावना को ही कमजोर कर रहा है। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित यह रिवर फ्रंट परियोजना 4248.59 लाख रुपए की अनुमानित लागत से कोसुक घाट पर विकसित की जा रही है। कोसुक घाट वह महत्वपूर्ण स्थान है जहां पंचाने नदी बिहार शरीफ शहर में प्रवेश करती है। यहां घूमने-फिरने, व्यायाम और मनोरंजन के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। परियोजना में घाट निर्माण, लैंडस्केपिंग, प्रकाश व्यवस्था, बैठने की उचित व्यवस्था और अन्य पर्यटक सुविधाएं शामिल हैं। इससे न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर मनोरंजन स्थल मिलेगा, बल्कि राजगीर आने-जाने वाले पर्यटक भी यहां रुककर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कचरे के ढेर से बिगड़ता माहौल कोसुक छठ घाट के पास बिहार शरीफ नगर निगम की ओर से नियमित रूप से कचरा डंप किया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि रिवर फ्रंट की छवि को भी धूमिल कर रहा है। स्थानीय निवासी मुन्ना मांझी और अन्य लोगों ने कहा कि एक तरफ तो नदी का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कचरा डंप करके इसकी सुंदरता भी बर्बाद की जा रही है। कई बार हमने इसे लेकर आंदोलन किया लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। यह कचरा डंप न केवल घाट की सुंदरता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आसपास के आधा दर्जन गांव और मोहल्लों के निवासियों के जीवन को भी कष्टकारी बना रहा है। कई बार जन आंदोलन किए जाने के बावजूद प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन मिला है, व्यावहारिक समाधान नहीं। प्रशासन का रुख इस समस्या के समाधान को लेकर नगर आयुक्त दीपक मिश्रा ने बताया कि नगर निगम मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए 18 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है और बिहार शरीफ गिरियक प्रखंड के सीमांत इलाके बकरा के पास स्थान चिह्नित किया गया है। नगर निगम ने इस संबंध में सीओ को पत्र भेजकर जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि कोसुक के पास जमा कचरे को हटाया जाएगा।  

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