बाड़मेर पुलिस को एक मोबाइल फोरेंसिक यूनिट वैन मिली है। वैन पुलिस और एफएसएल विभाग की ओर से दी गई है। इससे पुलिस क्राइम स्थल पर ही अपराध से जुड़े सभी तथ्यों की मौके पर ही जांच की जा सकेगी। पुलिस को समय पर रिपोर्ट भी मिल पाएगी। आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को मदद मिल सकेगी। इसमें नई टेक्नोलॉजी के 14 अलग-अलग उपकरणों एवं जांच कीट उपलब्ध रहेगे। इससे घटना से जुड़े सबूत जुटाने और आरोपियों को पकड़ने में सहायता मिलेगी। एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया- बाड़मेर के लिए मोबाइल फोरेंसिक यूनिट वैन दी गई है। जिससे आपराधिक घटनाओं में सबूत जुटाने में काफी सहायता मिलेगी। इस वैन के लिए एक एफएसएल को नियुक्त भी किया गया है। काफी समय बाद मिलने वाले सबूत अब तुरंत ही मिल जाएंगे। मौके पर सबूत जुटाकर लैब टैस्ट और रिपोर्ट पुलिस पहले अपराध के बाद घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना करती थी। फोरेंसिक यूनिट भी घटना स्थल से सबूत जुटाकर लैब में टेस्ट करती थी। घटना के कई दिनों बाद फोरेंसिक रिपोर्ट आने तक पुलिस की प्रक्रिया स्थिर रहती थी। इस दौरान अपराधी भी पुलिस के चंगुल से दूर हो जाता था। लेकिन इस बार मिली मोबाइल फोरेंसिक यूनिट वैन से घटना स्थल पर ही फोरेंसिक यूनिट की ओर से सबूत इकट्ठा कर हाथों-हाथ लैब में टेस्ट कर पुलिस को तुरंत ही जांच रिपोर्ट मिल जाने से अपराधियों का पता लगाने और उन्हें सजा दिलाने में काफी आसानी मिलेगी। वैन में 14 तरह के कीट मोबाइल फोरेंसिक वैन के अंदर 14 प्रकार के किट हैं। इससे पुलिस के लिए घटना स्थल पर शुरूआती जांच आसान हो जाएगी। इसमें लैंगिक अपराध, डीएनए, रक्त संबंधी जांच, आगजनी, विस्फोटक, साइबर फोरेंसिक से संबंधित, नशीले पदार्थों का परीक्षण, पैरों व टायरों के निशान के साक्ष्य एकत्रित करने पुलिस के लिए आसान हो जाएंगे। इसके साथ ही वाहन में रिकॉर्डिंग के लिए हाई क्वालिटी कैमरे लगे हुए हैं। घटना स्थल पर लिए गए टायरों और पैरों के साक्ष्य की सारी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की सुविधा रहेगी। मोबाइल फोरेंसिक यूनिट प्रभारी अधिकारी के पद पर वैज्ञानिक सहायक जगदीश विश्नोई को नियुक्त किया है।


