बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना की बेटी को WHO से हटाने की उठाई मांग, आखिर क्या चाहते हैं मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना की बेटी को WHO से हटाने की उठाई मांग, आखिर क्या चाहते हैं मोहम्मद यूनुस

Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पहले ही शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने का संकेत दे दिया था और अब ये सरकार शेख हसीना (Sheikh Hasina) की बेटी को WHO यानी विश्व स्वास्थ्य से बाहर निकालने की मांग उठा दी है। सरकार ने शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद (Saima Wazed) को पद से हटाने की तैयारी भी शुरू कर ली है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक के तौर पर काम कर रही हैं।

शेख हसीना की बेटी साइमा पर भ्रष्टाचार का आरोप

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) सरकार ने साइमा पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाया है। इसे लेकर देश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने इन आरोपों की जांच भी शुरू कर दी है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा है कि ACC ने साइमा वाजेद को WHO से हटाने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। उन्हें हटाने के लिए बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को लेटर भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है। 

WHO का क्या होगा कदम?

साइमा के पद से हटाने को लेकर ढाका में एक वकील ने बताया कि अगर कोई शख्स संयुक्त राष्ट्र निकाय में किसी देश के नामांकन के बाद चुना जाता है, तो वो देश की सरकार गिरने के बावजूद अपनी व्यक्तिगत क्षमता में पद पर बना रहता है। ऐसे में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर क्या WHO साइमा पर कार्रवाई करता है, इस पर थोड़ा संशय है। 

कौन हैं साइमा वाजेद?

दरअसल साइमा वाजेद भारत की राजधानी दिल्ली में रहती हैं। वे पेशे से एक साइकोलॉजिस्ट है। उन्होंने न्यूरोडेवलपमेंट पर काम किया हुआ है।  23 जनवरी, 2024 को उन्हें जिनेवा में WHO के कार्यकारी बोर्ड ने WHO के क्षेत्रीय निदेशक के तौर पर नियुक्त किया था।

शेख हसीना की भतीजी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप

हाल ही में शेख हसीना की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीकी पर भी बांग्लादेश सरकार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जिसके बाद ब्रिटेन में सिटी मिनिस्टर विरोधी मंत्री ट्यूलिप सिद्दीकी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, उन्हें फंसाया जा रहा है। फिर भी ब्रिटेन सरकार के लिए उन्होंने सिटी मिनिस्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। 

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सैन्य तख्तापलट के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बांग्लादेश में ये तख्तापलट नौकरी में आरक्षण के विरोध में चले छात्र आंदोलन के तहत हुआ जिसमें 600 से ज्यादा मौतेें हुई थीं. इसके बाद शेख हसीना भारत भाग गईं थी और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में इस मुल्क में अंतरिम सरकार बन गई थी।

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