बांदीकुई में करोड़ों रुपये की जमीनों पर अवैध कब्जा और उनकी खरीद-फरोख्त का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूमाफिया सरकारी और निजी संपत्तियों पर अपना कब्जा जमाकर उन्हें ऊंचे दामों में बेच रहे हैं, जबकि सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।
कुछ समय पूर्व भी बांदीकुई में विवादित जमीन पर अवैध कब्जा और बिक्री की घटनाएं सामने आई थी। उदाहरण के लिए, अगस्त 2024 में सेंट फ्रांसिस स्कूल ने रेलवे की लगभग 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। कोर्ट के आदेश पर जब अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पहुंची, तो स्कूल प्रशासन ने बच्चों को आगे कर पथराव किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
अंग्रेजों के जमाने की संपत्ति पर रह रहे कच्छी गुजराती परिवार (कच्छी ठेकेदार, जो अंग्रेजो के समय से रेल्वे का काम करते थे) के पारिवारिक विवाद का फायदा उठाकर भूमाफिया ने परिवार के एक सदस्य को गुमराह करके ने बिना कोर्ट के निर्णय के संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया।
जानकारी के अनुसार, बांदीकुई में अंग्रेजों के जमाने से कब्जे में रही कई पैतृक संपत्तियों को भूमाफिया ने निशाना बनाया है। इन संपत्तियों पर पहले से अदालत में मामले चल रहे हैं, लेकिन भूमाफिया अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना ही इन जमीनों को खुर्द-बुर्द करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने अपनी रसूख से कोर्ट स्टे हटाकर करोड़ों का सौदा किया है।
भूमाफिया का दबदबा
भूमाफिया ने अदालत से स्टे हटवाकर करोड़ों रुपये में इन कृषि भूमि संपत्तियों का सौदा कर लिया। और अब वहाँ कॉलोनी बसा रहे है, इन भूमाफिया की नज़र में न केवल निजी संपत्तियां बल्कि सरकारी जमीनें भी रही हैं। परिवार और स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। जबरदस्ती परिवार वालों पर दबाव बनाकर मकान खाली करवाने की कई बार कोशिश की गई।
परिवार के एक सदस्य ने अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, “जब परिवार में ही खोटा सिक्का पैदा हो जाए और परिवार के सदस्यों के साथ गद्दारी करे और भूमाफिया से मिल जाए, तो हम क्या कर सकते हैं? जब से बांदीकुई कोर्ट में केस चल रहा है इस दौरान परिवार के दस लोग स्वर्ग सिधार गए है ! कुछ परिवार बांदीकुई से पहले भी पलायन कर चुके हैं। कोर्ट में सिर्फ तारीखें चल रही हैं। अजमेर और जयपुर में केस लंबित हैं। यदि हम कुछ करने की कोशिश करते हैं, तो हमें जान से मारने की धमकियां तक मिलती हैं।”
बिना बेचान के कॉलोनियां और काला धन का घोटाला
परिवार के सदस्य ने बताया कि कोर्ट के निर्णय के बिना सौदा करके करोड़ों रुपये की कॉलोनी बसाना स्थानीय राजनेता और प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता। बाँदीकुई में इस पैतृक जमीन को हाईवे तक जोड़ने के लिए सवाई चक जमीन में से 15 फीट का रास्ता स्थानीय MLA की अनुशंसा पर स्वीकृत करवाया है । अभी हाल में हुई जमीन के सौदे में करोड़ों के काले धन का लेन-देन भी हुआ है। सरकार को बांदीकुई की सभी जमीन का सर्वे करवाना चाहिए, यह देश में बड़ा जमीन घोटाले के रूप में आएगा, जिसमे सरकार का भी करोडो का राजस्व नुकसान हुआ है !
बिना वैध दस्तावेजों के कॉलोनियां बसा कर कब्जा किया गया। इस पूरे मामले में स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं। बांदीकुई शहर में ऐसी कई कॉलोनियां बसाई गई हैं, जो बिना वैध दस्तावेजों के ही बेच दी गईं या उनके भूखंडों पर कब्जा कर लिया गया।
सरकार और प्रशासन पर सवाल
इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
क्या है समाधान?
सरकारी जांच: प्रशासन को इन मामलों की निष्पक्ष जांच कर भूमाफिया पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
स्थानीय अदालतों में तेजी: लंबित मामलों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। ऐसी विवादित जमीन खरीद पर रोक लगाए !
जन जागरूकता: लोगों को अपनी संपत्तियों के दस्तावेज सुरक्षित रखने और किसी भी धोखाधड़ी से सतर्क रहने की आवश्यकता है, उन्हें जानकारी रहे कि वो विवादित जमीन पर प्लाट खरीद रहे है ।
बांदीकुई में जमीनों से जुड़ा यह विवाद सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। अगर जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।