बगहा के मुस्लिम समुदाय ने प्रशासनिक रवैये के विरोध में मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला। समुदाय के प्रतिनिधियों ने एसडीएम गौरव कुमार से रात्रि जुलूस की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने न तो अनुमति दी और न ही कोई स्पष्ट जवाब दिया। इसके विरोध में बगहा एक में पारंपरिक जुलूस और ताजिया नहीं निकाला गया। मुस्लिम समुदाय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। आमतौर पर बगहा एक में मुहर्रम पर दर्जनों ताजिया और मातमी जुलूस निकलते हैं। जिले के अन्य क्षेत्रों में मुहर्रम का त्योहार शांतिपूर्वक मनाया गया। रामनगर, ठकराहां, सेमरा और बगहा दो में जुलूस पूरी परंपरा के साथ निकले। प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में सभी ताजिया कर्बला तक पहुंचे। रामनगर में युवा और बुजुर्गों की सक्रिय भागीदारी रही। शांतिपूर्ण तरीके से जताया विरोध स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह घटना संवाद की कमी को दर्शाती है। मुस्लिम समुदाय ने स्पष्ट किया है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था। उनका उद्देश्य केवल प्रशासन के प्रति असंतोष जताना था, न कि कोई तनाव पैदा करना। बगहा के मुस्लिम समुदाय ने प्रशासनिक रवैये के विरोध में मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला। समुदाय के प्रतिनिधियों ने एसडीएम गौरव कुमार से रात्रि जुलूस की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने न तो अनुमति दी और न ही कोई स्पष्ट जवाब दिया। इसके विरोध में बगहा एक में पारंपरिक जुलूस और ताजिया नहीं निकाला गया। मुस्लिम समुदाय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। आमतौर पर बगहा एक में मुहर्रम पर दर्जनों ताजिया और मातमी जुलूस निकलते हैं। जिले के अन्य क्षेत्रों में मुहर्रम का त्योहार शांतिपूर्वक मनाया गया। रामनगर, ठकराहां, सेमरा और बगहा दो में जुलूस पूरी परंपरा के साथ निकले। प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में सभी ताजिया कर्बला तक पहुंचे। रामनगर में युवा और बुजुर्गों की सक्रिय भागीदारी रही। शांतिपूर्ण तरीके से जताया विरोध स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह घटना संवाद की कमी को दर्शाती है। मुस्लिम समुदाय ने स्पष्ट किया है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था। उनका उद्देश्य केवल प्रशासन के प्रति असंतोष जताना था, न कि कोई तनाव पैदा करना।
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