आजमगढ़ CMO के निरीक्षण में खुली पोल:अनुपस्थित कर्मचारियों के पहले से ही रजिस्टर पर थे हस्ताक्षर, जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

आजमगढ़ CMO के निरीक्षण में खुली पोल:अनुपस्थित कर्मचारियों के पहले से ही रजिस्टर पर थे हस्ताक्षर, जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

आजमगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग किस कदर पटरी से उतरा हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात कर्मचारी अनुपस्थित के बाद भी रजिस्टर पर दस्तखत किए रहते हैं। जिले के सीएमओ डॉक्टर एन आर वर्मा ने चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। जिस बधाइयां मड़ियापुर सेनपुर और चिड़ी ब्राह्मण प्रमुख है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बढ़ैया में निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया गया, जो शीघ्र ही हैंडओवर की प्रक्रिया में है। निर्माण की गुणवत्ता एवं प्रगति की समीक्षा करते हुए सीएमओ ने आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। अनुपस्थित कर्मचारियों के रजिस्टर पर थे हस्ताक्षर सीएमओ के निरीक्षण में स्वास्थ्य केन्द्र सेनपुर में कुष्ठ विभाग के कर्मी एनएमएस विभव कांत मिश्रा अनुपस्थित पाए गए। जबकि उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर दर्ज थे। इसे गंभीरता से लेते हुए सीएमओ ने संबंधित कर्मचारी से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगे जाने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य केन्द्र मदीयापार में साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई। जहाँ दवाएँ रखी गई थीं। उस कक्ष की छत से पानी टपकने की समस्या भी सामने आई। इस पर सीएमओ ने तत्काल छत की सफाई कराकर दवाओं को सुरक्षित स्थान पर रखने तथा मरम्मत कार्य हेतु रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए। पीएचसी छिड़ी ब्राह्मण में संविदा पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर सभी चारों कर्मी, जिनमें चिकित्सक भी शामिल थे। अनुपस्थित पाए गए। अनुपस्थित कर्मचारियों द्वारा रजिस्टर एवं रिकॉर्ड ताले में बंद रखे गए थे। सीएमओ ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों डॉ. अमित कुमार चिकित्सक, राजकुमार गुप्ता फार्मासिस्ट, रामरूप एनएमए, कुष्ठ विभाग एवं रामप्रकाश यादव वार्ड ब्वाय का संबंधित दिवस का वेतन रोकने के निर्देश दिए तथा संबंधित क्षेत्रीय उपमुख्य चिकित्साधिकारी को जांच के आदेश जारी किए। निरीक्षण में मिली खामियों के उपरांत सीएमओ ने जनपद के समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिए कि सभी प्रभारी अपने अधीनस्थ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का महीने में कम से कम एक से दो बार निरीक्षण अवश्य करें। ताकि जनहित में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में किसी प्रकार की ढिलाई न हो।

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