भास्कर न्यूज | लुधियाना शहर में बीते कुछ दिनों से शहर में बिना नंबर प्लेट के ऑटो चलने शुरू हो गए हैं, जिसके कारण आम लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ शहर वासियों को पहले से ही काफी खौफ रहता है कि कहीं वह ऑटो गैंग का शिकार न बन जाएं। वहीं दूसरी ओर इस तरीके के बिना नंबर प्लेट वाले ऑटो उनके लिए खतरे का कारण बनते जा रहे हैं। इनमें से कुछ वाहन चोरी के भी हो सकते हैं और वारदातों को अंजाम देने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। नगर निगम लुधियाना को दिए 350 ई-रिक्शा में से मई में 80 ई-रिक्शा गायब हो गए थे, जो लोकल बॉडीज विभाग ने सफाई करने के लिए दिए थे। इसी तरीके से काफी ई-रिक्शा चोरी होने की खबर सामने आती रहती हैं। सूत्रों के अनुसार चोरी के ये ई-रिक्शा हंबड़ां रोड, मॉल रोड, फिरोजपुर रोड, रेलवे स्टेशन रोड, सर्किट हाउस रोड, बस स्टैंड रोड और शहर की मुख्य रोड पर सरेआम दौड़ते रहते हैं। गौर हो कि ई-रिक्शा और ऑटो चालकों के लिए कुछ नियम बनाए गए थे। जिसके तहत उनकी ड्रेस कोड, वाहन पर फोन नंबर, पता आदि लिखना अनिवार्य किया गया था लेकिन सड़क पर दौड़ने वाले ज्यादातर ई-रिक्शा और ऑटो चालक न तो ग्रे कलर की ड्रेस पहनते हैं और न नेम प्लेट लगाते हैं। दंडी स्वामी मंदिर चौक से रोज काम से वापस आती सोनल का कहना है कि जबसे ऑटो गैंग के बारे में पता चला है तबसे ऑटो में बैठने से डर लगता है। दूसरी ओर यह बिना नंबर प्लेट वाली ई-रिक्शा और खतरनाक हैं। 2025 के डाटा के अनुसार, शहर में करीब 40 हज़ार से अधिक ई रिक्शा और ऑटो चल रही हैं। मार्च 2024 तक करीब 30 हज़ार तक ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा चल रहे थे जिस से करीब 10 हज़ार से अधिक की संख्या 2025 बढ़ी है। 1. 24 सितम्बर को ई रिक्शा चालक ने गाड़ी चालक को टक्कर मारी। इसके बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ पीड़ित पर बेसबॉल बेट से हमला कर दिया। आरोप है कि इस दौरान आरोपी ने 26 हज़ार लूट लिए। गौर हो कि ई-रिक्शा पर नंबर नहीं था। 2. 27 जून को हुई मनोज की हत्या जिसमें ड्रम में बॉडी रख दी गई थी जिसके बाद बदबू आने पर ई रिक्शा का सहारा लेकर आरोपियों ने शव को कूड़े बता कर प्लॉट तक लेकर गए थे। इस मामले में भी ई-रिक्शा पर नंबर नहीं लगा था। -फरवरी 2024 में ये बनाए गए थे ये नियम: लुधियाना में फरवरी 2024 से ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों की घोषणा डीसीपी ट्रैफिक हरप्रीत सिंह और एमसी कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने की थी। प्रशासन ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि शहर में बिना नंबर या पहचान वाले ऑटो बढ़ते जा रहे थे, जिनका इस्तेमाल अपराधों में भी किया जा रहा था। अब हर ऑटो और ई-रिक्शा चालक को अपने वाहन पर नेमप्लेट, पता और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही ड्राइवरों को ग्रे रंग की यूनिफॉर्म पहननी होगी और वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा साथ रखना होगा। इन नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ चालान और वाहन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। इस नियम का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अनरजिस्टर्ड ऑटो पर रोक लगाना और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाना है। रटा रटाया जवाब- बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ने वाले ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हर मेन चौक पर ट्रैफिक कर्मी तैनात रहते हैं जो इस बात को ध्यान रखते हैं कि कहीं पर भी कोई संदिग्ध गाड़ी न चले। अगर गाड़ियों के कागज़ नहीं होते तो वाहनों का या तो चालन किया जाता है या फिर कम्पाउंड किया जाता है।


