इंदौर कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का ऑडियो लीक:गालियां दीं, कहा- किसी के बाप के नौकर हैं क्या; दिग्विजय पर साधा निशाना

इंदौर कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का ऑडियो लीक:गालियां दीं, कहा- किसी के बाप के नौकर हैं क्या; दिग्विजय पर साधा निशाना

इंदौर में कांग्रेस के दो नेताओं के बीच बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ है। इनमें से एक आवाज शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा तो दूसरी आवाज शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे की बताई जा रही है। चड्ढा और चौकसे की इस कथित बातचीत के सेंटर में पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हैं। इस कथित बातचीत में चौकसे को दिग्विजय के खिलाफ अपशब्द और मां-बहन की गालियां देते हुए सुना जा सकता है। वे चड्ढा से कहते हैं- हम क्या किसी के बाप के नौकर हैं? वहीं, सुरजीत चड्ढा उन्हें समझाने की कोशिश करते हुए दिग्विजय सिंह को ‘पिता तुल्य’ बताते हैं, मगर चौकसे का गुस्सा कम नहीं होता। पूरी बातचीत सुनने पर ये साफ समझ आता है कि इंदौर कांग्रेस में जो गुटीय राजनीति है, वो अब सतह पर आ चुकी है। हालांकि, भास्कर ने जब चड्ढा से इस ऑडियो को लेकर बात की तो उन्होंने इससे इनकार किया। मगर ये भी कहा कि जो लोग दिग्विजय की उपेक्षा कर रहे हैं, वो ही इसका जवाब दे सकते हैं। दूसरी ओर चिंटू चौकसे ने कॉल रिसीव ही नहीं किया। एक शहर, एक पार्टी, दो तस्वीरें; सामने आई कांग्रेस की दरार
इस पूरे विवाद की जड़ को समझने के लिए 31 अक्टूबर की सुबह इंदौर में घटी दो घटनाओं को देखना जरूरी है। ये दो तस्वीरें इंदौर कांग्रेस की अंदरूनी कहानी को बिना किसी लाग-लपेट के बयान करती हैं। पहली तस्वीर: शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चिंटू चौकसे अपने समर्थकों के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एकता और अखंडता की शपथ दिलाई। मंच पर मौजूद नेताओं ने अपने भाषणों में एकजुटता का संदेश दिया। दूसरी तस्वीर: ठीक एक घंटे बाद, उसी स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने पुराने और विश्वस्त समर्थकों के साथ पहुंचे। उनके साथ पूर्व शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा भी थे। दिग्विजय सिंह ने अपनी टीम के साथ उन्हीं प्रतिमाओं पर अलग से माल्यार्पण किया। मंच अलग था, चेहरे अलग थे और संदेश भी साफ था- इंदौर कांग्रेस में अब सब कुछ ठीक नहीं है। यह कोई समन्वय की कमी का मामला नहीं था, बल्कि यह एक खुला शक्ति प्रदर्शन था। दिग्विजय सिंह इंदौर में मौजूद होने के बावजूद शहर कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक कार्यक्रम से दूर रहे। वहीं, दूसरी ओर शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने पार्टी के इतने वरिष्ठ नेता को कार्यक्रम में बुलाने की जहमत तक नहीं उठाई। शीतलामाता बाजार से शुरू हुआ विवाद
इस टकराव की नींव करीब एक महीने पहले सितंबर के आखिरी हफ्ते में ही रख दी गई थी। मामला इंदौर के प्रसिद्ध शीतलामाता बाजार का था, जहां कुछ दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को कथित तौर पर हटाए जाने की खबरें सामने आई थीं। इस संवेदनशील मुद्दे पर दिग्विजय सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप किया। वे सीधे इंदौर पहुंचे, प्रभावित व्यापारियों से मिले, पुलिस के आला अधिकारियों से भी बात की। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे कहीं नजर नहीं आए। उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए। इसका असर अगले ही दिन गांधी भवन में हुई जिला स्तरीय समन्वय बैठक में देखने को मिला। बैठक में चिंटू चौकसे ने बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोला। चौकसे ने कहा, ‘भोपाल या बाहर से आने वाले नेता बिना किसी सूचना के अपने स्तर पर आयोजन रख लेते हैं। यह अब नहीं चलेगा। इंदौर में कोई भी बड़ा या छोटा नेता आए, उसे पहले शहर और जिला संगठन से चर्चा करनी होगी, तभी कार्यक्रम तय होगा।’ सूत्रों के मुताबिक, चौकसे की नाराजगी की एक और बड़ी वजह थी। दिग्विजय सिंह ने अपने इंदौर दौरे के दौरान चौकसे के करीबी माने जाने वाले राजू भदौरिया को न केवल मिलने से इनकार कर दिया था, बल्कि उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए वहां से भगा दिया था। यह घटना चौकसे के लिए एक व्यक्तिगत अपमान की तरह थी, जिसे वे पचा नहीं पा रहे थे। अब पढ़िए, दोनों नेताओं के बीच हुई कथित बातचीत सुरजीत चड्ढा: मेरी बात समझना चिंटू। दिग्विजय सिंह जी का कद बहुत बड़ा है। अगर वो जा रहे हैं… तुमको मीटिंग में ये बात आज बोलना नहीं थी। चिंटू चौकसे: फिर उन्होंने ये कैसे बोल दिया कि चिंटू मत आना। वो मत आना। उनके बाप के नौकर हैं क्या अपन? सुरजीत चड्ढा: ये गलत बात है। आपकी भाषा गलत है… हैं तो वो पिता तुल्य। चिंटू चौकसे: अगर पिता तुल्य हैं तो जयवर्धन सिंह को सार्वजनिक रूप से डांट दो कि मेरे पास मत आना। किसी के बाप के नौकर हैं क्या? पिता तुल्य हैं तो क्या सार्वजनिक रूप से गाली बकेंगे? सुरजीत चड्ढा: ऐसी क्या मां####… ऐसा क्या बोल दिया उन्होंने। चिंटू चौकसे: राजू भदौरिया किसी की नौकरी कर रहा है क्या?…जो खिलाफ बोलेगा मां###### देंगे… वो कोई भी हो। चौकसे ने फोन नहीं उठाया, चड्ढा बोले- सुनकर बता सकूंगा
भास्कर ने इस मामले में पूर्व अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और चिंटू चौकसे दोनों से संपर्क किया। चिंटू चौकसे ने तो फोन नहीं उठाया, लेकिन सुरजीत चड्ढा ने बात की। चड्ढा से इस बातचीत के बारे में पूछा और ये भी कहा कि भास्कर ने पास ये ऑडियो है तो चड्ढा ने दोनों के बीच हुई ऐसी किसी बातचीत से इनकार किया। उन्होंने कहा- मुझे याद नहीं कि हमारे बीच ऐसी कोई बातचीत हुई थी। हालांकि, वो ये लगातार पूछते रहे कि क्या आपके पास ऐसी कोई बातचीत है? जब भास्कर रिपोर्टर ने कहा कि हां इस बातचीत में गाली गलौज भी है और आप चिंटू चौकसे को समझाइश दे रहे हैं तो चड्ढा ने कहा कि ये क्या हो रहा है? ये कौन कर रहा है? ये समझ नहीं आ रहा है। शीतलामाता बाजार वाला वाकया और 31 अक्टूबर के कार्यक्रम का हवाला देकर भास्कर ने चड्ढा से पूछा कि क्या जिला कांग्रेस दिग्विजय सिंह की लगातार उपेक्षा कर रही है तो चड्ढा ने कहा कि हां ऐसा लग तो रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि जो ऐसा कर रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए। जहां तक 31 अक्टूबर के कार्यक्रम का सवाल है तो चिंटू चौकसे को उन्हें बुलाना चाहिए था। एक्सपर्ट बोले- यह सिर्फ इंदौर का नहीं, एमपी कांग्रेस का संकट
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इंदौर में जो हो रहा है, वह एक बड़े संकट का छोटा सा हिस्सा मात्र है। यह मध्य प्रदेश कांग्रेस की उस गहरी बीमारी को उजागर करता है, जो लगभग 20 साल सत्ता से बाहर रहने के बाद भी ठीक नहीं हो पाई है। इसकी वो तीन वजहें गिनाते हैं… ये खबर भी पढ़ें… दिग्विजय ने कहा-खालिद के साथ अन्याय हो रहा, दिल्ली दंगे के आरोपी को बताया बेकसूर फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी उमर खालिद को एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बेकसूर बताया है। पूर्व सीएम ने एक फेसबुक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ​​​​​​​उमर खालिद बेकसूर है। उसके साथ बहुत अन्याय हो रहा है। PhD स्कॉलर है और किसी मापदंड में राष्ट्रद्रोही नहीं है। उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। पढे़ं पूरी खबर…​​​​​​​

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