New SOP for Traffic Violations: सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखने के लिए एक नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया है। इस नए नियम के तहत, अब केवल फोटो के आधार पर चालान जारी नहीं किए जाएंगे, बल्कि वीडियो सबूत भी अनिवार्य होंगे। इससे ना केवल ट्रैफिक उल्लंघन की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक मजबूत पहल साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, इस नए SOP में कौन से महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं और यह कैसे ट्रैफिक सिस्टम को और ज्यादा पारदर्शी बनाएगा।
हाई-स्पीड कैमरे करेंगे नियमों पर नजर
नए एसओपी के मुताबिक, अब ट्रैफिक कैमरे 1 सेकंड से लेकर 10 सेकंड तक की वीडियो रिकॉर्डिंग करेंगे, जिसमें गाड़ी की नंबर प्लेट, लोकेशन, तारीख और समय पूरी तरह साफ दिखाई देना चाहिए। ये कैमरे इतनी हाई टेक होंगे कि 200 किमी प्रति घंटा की स्पीड से गुजरती गाड़ी को भी बिना धुंधलेपन के रिकॉर्ड कर सकेंगे।
कौन-कौन से नियम अब कैमरे की नजर में?
अब हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, मोबाइल पर बात करना और ड्राइविंग के दौरान खाना-पीना जैसी गतिविधियां कैमरे में रिकॉर्ड होंगी। खास बात यह है कि अब चालान जारी करने का प्रोसेस पूरी तरह ऑटोमेटिक और रियल टाइम में होगा।
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चालान से बचना अब नहीं होगा आसान
अब तक कई लोग चालान से बचने के लिए फर्जी मोबाइल नंबर या पता अपडेट कर देते थे। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने तीन महीने का समय दिया है, जिसमें सभी वाहन मालिकों को अपने सही-सही डिटेल्स अपडेट करवाने होंगे। इसके बाद अगर जानकारी गलत पाई गई तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
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चालान के खिलाफ अपील भी होगी आसान
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जो लोग अपने खिलाफ जारी चालान से सहमत नहीं हैं, वे आसानी से ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अपील कर सकें। इससे ट्रैफिक सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी निर्दोष व्यक्ति को गलत चालान मिलने पर न्याय मिल सकेगा।